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चीन से लगे बॉर्डर पर सेना की तैयारी, जवानों तक सामान पहुंचाने के लिए चलाया ऑपरेशन हर्कुलस

भारतीय वायुसेना ने थलसेना के सहयोग से चीन से लगे बॉर्डर पर ऑपरेशन हर्कुलस चलाया. इस ऑपरेशन में आने वाले सर्दी के मौसम को देखते हुए जरूरी सामानों को सीमा क्षेत्रों में पहुंचाया गया.

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फोटो सौ. (PIB India)
फोटो सौ. (PIB India)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय वायुसेना और थलसेना का ऑपरेशन हर्कुलस
  • जवानों तक पहुंचाया राशन और अन्य जरूरी सामान

भारतीय थल सेना और वायु सेना ने चीन से लगे बॉर्डर पर सर्दी के मौसम के लिए तैयारी तेज कर दी है. बॉर्डर पर तैनात जवानों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए ऑपरेशन हर्कुलस (Operation Hercules) चलाया गया. इस दौरान वायु सेना के माल वाहक विमानों से राशन और अन्य सामान को उत्तरी क्षेत्र में पहुंचाया गया.

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रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि 15 नवंबर को चलाए गए इस ऑपरेशन में आने वाले सर्दी के मौसम को देखते हुए जरूरी सामानों को सीमा क्षेत्रों में पहुंचाया गया. पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स और अन्य सभी टकराव वाले जगहों से सैनिकों की वापसी के संबंध में भारत और चीन के बीच सहमति नहीं बनने के चलते यह ऑपरेशन चलाने का फैसला लिया गया.

दरअसल, सितंबर में दोनों देशों की सेनाओं के कोर कमांडरों की 13 राउंड बातचीत हुई. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके चलते भारतीय सेना को सर्दी के मौसम में भी सीमा पर सैनिकों की तैनाती रखने का फैसला लेना पड़ा. बता दें, सर्दी के मौसम में पूरे इलाके का सड़क संपर्क चार-पांच महीने के लिए कट जाता है, जिसके चलते सेना को पर्याप्त राशन और अन्य सामान जुटाना पड़ता है.

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रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सेना ने ऑपरेशन हरक्यूलिस के दौरान वायु सेना के C-17, IL-76 और AN-32 विमानों का इस्तेमाल किया. इन विमानों ने पश्चिमी वायु कमान के एक फॉर्वर्ड बेस से उड़ान भरी. ऑपरेशन के दौरान इस बात की भी जांच हुई कि जरूरत पड़ने पर वायु सेना कितनी तेजी से सामान बॉर्डर तक पहुंचा सकती है.

भारतीय सेना ने लद्दाख में 14 हजार फीट पर किया अभ्यास
इससे पहले हाल ही में भारतीय सेना ने 14,000 फुट की ऊंचाई पर अभ्यास किया ( Indian army exercise in Ladakh ) है. सूत्रों ने कहा कि ये अभ्यास सेना की क्षमता दिखाने का मौका था, इस दौरान कई स्पेशलिस्ट वाहन और मिसाइल पांच अलग अलग माउंटेन बेस पर C-130 और AN 32 के माध्यम से भेजे गए थे. लद्दाख में ठंड के मौसम में तापमान 20 डिग्री से भी कम हो जाता है. इस दौरान 'ऑक्सीजन कॉम्बट फ्री फॉल' का भी अभ्यास हुआ. हवाई सेना ने युद्ध के समय की जाने वाली ड्रिल भी करवाईं.

 

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