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Exclusive: हॉस्पिटल पार्किंग में मीटिंग, लैपटॉप-मोबाइल की सुविधा... DHFL के मालिक वधावन बंधुओं पर मेहरबान जेल प्रशासन

34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई जेल में बंद डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन के मामले में नया खुलासा हुआ है. आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में सामने आया है कि जेल प्रशासन की मेहरबानी से जेल में ऐश काट रहे हैं. दोनों मेडिकल जांच के नाम पर अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते नजर आते हैं. इस दौरान कपिल और धीरज वधावन के घर के लोग और अन्य सहयोगी भी मौजूद रहते हैं. 

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मेडिकल चेकअप के नाम पर वधावन बंधुओं को स्पेशल ट्रीटमेंट
मेडिकल चेकअप के नाम पर वधावन बंधुओं को स्पेशल ट्रीटमेंट

34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में DHLF के पूर्व प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं. देश की 17 बैंकों को चूना लगाने वाले वधावन बंधू जेल प्रशासन की मेहरबान से ऐश काट रहे हैं. दोनों मेडिकल जांच के नाम पर हफ्ते में कई बार जेल से अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. वधावन परिवार के सदस्य भी इस दौरान मौजूद रहते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं. घर से लाया गया खाना खाते हैं. यह खुलासा आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में हुआ है. 

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पढ़ें: सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड, दो भाइयों ने बैंकों को लगाया 34615 करोड़ रुपये का चूना

आजतक के ऑपरेशन में सामने आया है कि दोनों भाइयों को मेडिकल चेकअप के नाम पर हफ्ते में 3-4 बार जेल से अस्पताल ले जाया जाता है. पिछली बार 7 अगस्त को मुंबई के KEM हॉस्पिटल में कपिल को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया था. जबकि 9 अगस्त को धीरज वधावन जेजे हॉस्पिटल पहुंचे थे. यहां वधावन बंधू इलाज के बजाय अपनी अपनी कारों में बैठकर परिवार और आपसी लोगों के साथ मुलाकात करते हैं. कार में पारिवारिक से लेकर बिजनेस से जुड़ीं मीटिंग होती हैं. ये सिलसिला कई घंटों तक चलता है. आजतक के ऑपरेशन में दोनों भाइयों की तस्वीरें भी सामने आई हैं. इन दोनों का ये स्पेशल ट्रीटमेंट तब से चल रहा है, जब से दोनों को तलोजा जेल भेजा गया है.  

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जांच के बाद एक्शन लेंगे- फडणवीस

आजतक के स्टिंग पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का बयान आया है. उन्होंने कहा कि मामले में जांच कराई जाएगी. इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी. 

उधर, डीसीपी संजय पाटिल ने आजतक से बातचीत में कहा कि वधावन भाइयों को जो कर्मचारी अस्पताल लेकर जाते हैं, वह नवी मुंबई पुलिस डिपार्टमेंट का ही स्टाफ है और इस खबर को हमने देखा है, वह PRIMA FACIE सही लग रही है . सब पर कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में इस तरह की घटना ना हो इस पर भी ध्यान देंगे, जो गाड़ियां आरोपियों को लेकर जाती हैं, उन गाड़ियों में जीपीएस लगा हुआ है, इसके साथ ही हर गाड़ी में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जाएगा. जिन-जिन तारीखो पर अस्पताल ले जाया गया है उन सब की जांच होगी. 


34 हजार करोड़ के घोटाले में आरोपी हैं दोनों भाई

वधावन बंधुओं पर 17 बैंकों से 34 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. धीरज वधावन को 26 अप्रैल 2020 को यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. ये केस यस बैंक के सीईओ राणा कपूर के साथ मिलकर कथित 3700 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी से जुड़ा है. अपनी गिरफ्तारी के बाद वधावन ने जेल से ज्यादा समय अस्पताल में रहकर बिताया. 

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सीबीआई द्वारा 7 मार्च को वधावन बंधुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि येस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और वधावन बंधुओं ने एक-दूसरे को लाभ पहुंचाया है. येस बैंक के द्वारा 'अनियमित तरीके से' वधावन बंधुओं को लोन दिया गया.

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वधावन बंधुओं, राणा कपूर, कपूर की पत्नी बिंदू कपूर, उनकी बेटियों रोशनी और रेखा तथा उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म डीके जैन ऐंड एसोसिएट्स के खिलाफ 15 जुलाई को मामला दर्ज किया था.

कोविड के नाम पर ली छूट

साल 2020 में अपनी गिरफ्तारी से पहले भी वधावन बंधुओं और उनके परिवार ने सुर्खियां बटोरी थीं. तब कोविड चरम पर था और महाराष्ट्र में लॉकडाउन था. इसके बावजूद वधावन परिवार एक सीनियर आईपीएस ऑफिसर की मदद से खंडाला से निकलकर अपने महाबलेश्वर के फार्म हाउस पहुंच गए थे.

वधावन बंधुओं पर दर्ज हैं ये केस

34,615 करोड़ का यूनियन बैंक घोटाला (सीबीआई), येस बैंक रिश्वत केस (CBI), यूपी पावर कॉर्पोरेशन घोटाला (सीबीआई), 14 करोड़ का PMAY स्कैम (सीबीआई), इकबाल मिर्ची मनी लॉन्ड्रिंग केस (ED), यूपी पावर कॉर्पोरेशन घोटाला (ईडी), येस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग (ईडी),  34,615 करोड़ का यूनियन बैंक घोटाला (ईडी), लॉकडाउन उल्लंघन (सतारा पुलिस). 

 

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