प्रदूषण से आप कैसे बचेंगे?
दिल्ली है दिल वालों की. मगर आज कल ये मज़बूत फेफड़े वालों की ज़्यादा है. सांस लेना मुश्किल हो रहा है... क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण फिर से चरम पर है. आज AQI 472 रहा. यानी वेरी पुअर और सिवियर कैटेगरी में. समस्या इतनी बड़ी हो चुकी है कि अब सुप्रीम कोर्ट तक बात जा पहुंची है. कोर्ट को भी कहना पड़ा प्रदूषण पर 'दखल देना ज़रूरी है'. सुनवाई अब 10 नवंबर को होगी. समस्या कोई नई नहीं है. बस हर साल इसका कैनवास बढ़ता जा रहा है. आज के जब आंकड़े आए, तो लोगों का गुस्सा भी जवाब देने लगा और राजनीति को भी हवा मिली. चूंकि अरविंद केजरीवाल का दूसरा कार्यकाल चल रहा है, और उन्होंने हर बार प्रदूषण को मुद्दा बनाया है, उनके पुराने बयानों की खुदाई शुरू हो गई. जब इन बयानों की चर्चा शुरू हुई तो केजरीवाल ने आज प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि ब्लेम गेम ना करें, इसकी पूरी जिम्मेदारी हमारी सरकार की है. इसी दौरान उन्होंने ये भी कहा कि सेंटर को भी इसमें कंस्ट्रक्टिव अप्रोच लाने की ज़रूरत है. स्कूलों को बंद करने की मांग भी कुछ दिनों से ज़ोर पकड़ रही थी. केजरीवाल ने आज कहा कि दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे. फिर से ऑड इवन भी लागू हो सकता है. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया है कि राज्य सरकार के पचास फीसद कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे. नोएडा की हालत धुआं धुआं है. लोग आंखो में जलन और गले में खराश की शिकायत कर रहे हैं. कैसे आप प्रदूषण की मार से बच सकते हैं? 'दिन भर' में सुनने के लिए क्लिक करें.
AAP के फेवरेट क्यों गढ़वी?
गुजरात में कल चुनाव की तारीख़ों का ऐलान हो गया और आज आम आदमी पार्टी ने अपना CM फेस अनाउंस कर दिया. नाम वो है जिसकी चर्चा न ज़्यादा थी, न कम – ईशुदान गढ़वी. केजरीवाल ने वेबसाइट, ईमेल, मोबाइल एप्लिकेशन, संदेश और वॉट्सऐप के माध्यम से लोगों से सुझाव मांगे थे। 16 लाख 48 हजार 500 लोगों ने अपने लोकप्रिय नेता के बारे में जवाब दिया. 73% लोगों ने इशुदान गढ़वी को चुना. वहीं, 30% लोगों ने गोपाल इटालिया के फेवर में मतदान किया था. पंजाब में भी इसी तरह सर्वे के बाद आप के सीएम उम्मीदवार के रूप में भगवंत मान के नाम की घोषणा की गई थी. गुजरात की रेस में कई नाम थे जिसमें सबसे ज़्यादा हो-हल्ला पाटीदार नेता गोपाल इटालिया के नाम का था, अल्पेश कथारिया, इंद्रनील राजगुरु, मनोज सुरथिया भी बड़े दावेदारों में थे. लेकिन डार्क हॉर्स साबित हुए ईशुदान गढ़वी. गढ़वी का पॉलिटिकल करियर अब तक कैसा रहा है और क्यों उन्हें तरज़ीह दी गई? 'दिन भर' में सुनने के लिए क्लिक करें.
बदली बदली MCD
दिल्ली में नगर निगम के चुनाव भी होंगे, जिस पर पूरे देश की नज़र होगी. दिल्ली के इलेक्शन कमिश्नर विजय देव ने आज MCD चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. वोटिंग 4 दिसंबर को होगी और 7 दिसंबर को नतीजे आएंगे. नॉमिनेशन की प्रक्रिया 7 नवंबर से शुरू हो जाएगी. दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों पर ये चुनाव होंगे. इनमें 42 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं और 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए रिज़र्व रखी गई हैं. पहले दिल्ली में तीन नगर निगम थे और इनके अंदर कुल 272 सीटें थीं, लेकिन केंद्र सरकार ने तीनों एमसीडी का मर्जर कर दिया और नए परिसीमन के बाद सीटों की संख्या घटाकर 250 कर दी गई. वैसे तो चुनाव की घोषणा के साथ ही आज से दिल्ली में आचार संहिता लागू हो गई है.लेकिन एमसीडी चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी तक़रार पिछले काफी समय से चल रहा है. क्योंकि दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी काबिज़ है, वहीं एमसीडी में बीजेपी पिछले 15 साल से मेजोरिटी में है. तो इस बार चुनाव के मुद्दे क्या रहने वाले हैं और कौन सी पार्टी कितनी तैयार लग रही है? 'दिन भर' में सुनने के लिए क्लिक करें.
अफ़ीम से मज़बूत होता तालिबान!
एक वक्त था जब हिंदुस्तान में अंग्रेज़ राज करते थे और किसानों को मजबूर करते थे कि वो नील और अफीम की खेती करें. यूनिवर्सिटी ऑफ वियना में इकोनॉमिक्स और सोशल हिस्ट्री के प्रोफेसर रोल्फ बार ने इस पर बड़ा रिसर्च किया. उन्होंने बताया था कि अफीम की खेती ब्रिटिश सरकार के लिए मुनाफे का सौदा थी लेकिन किसानों के लिए नहीं. और ये धंधा सरकार इतने बड़े स्तर पर करती थी कि इसका मुकाबला आप आज के अफगानिस्तान के अफीम उद्योग से कर सकते हैं. और आज के अफगानिस्तान की यदि बात करें तो यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम का आंकड़ा काफी डरानेवाले है. अफीम की खेती यहां पिछले साल के मुकाबले इस साल 32 परसेंट तक बढ़कर 2 लाख 22 हज़ार हेक्टेयर फैल गई है. तालिबान ने अगस्त 2021 में काबुल कब्ज़ाया था और तब से अचानक इसमें उछाल आया. दुनिया में अफीम की अस्सी फीसद सप्लाई अफगानिस्तान पूरी करता है. और ये तब है जब तालिबान ने ऑफिशियली देश में अफीम बैन कर रखी है. अफीम की पैदावार का आंकड़ा जो आया है, उससे दुनिया को डरना क्यों चाहिए? 'दिन भर' में सुनने के लिए क्लिक करें.