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तवांग झड़प पर ओवैसी के केंद्र से तीखे सवाल, 'दो दिनों तक देश को अंधेरे में क्यों रखा'

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबर है. यह झड़प 9 दिसंबर की रात को हुई है. इस झड़प में कुछ भारतीय सैनिक घायल हुए हैं. इस घटना पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.

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तवांग में हुई झड़प पर विपक्षियों ने सरकार को घेरा
तवांग में हुई झड़प पर विपक्षियों ने सरकार को घेरा

अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर की रात झड़प हुई. जानकारी के मुताबिक इस घटना में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए हैं. ये घटना तवांग जिले के यंगस्टे में हुई है. सूत्रों के मुताबिक तवांग सेक्टर में भारत-चीन झड़प में घायल हुए सैनिकों में से 6 को इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है. इस घटना पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. 

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अब तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीनी सैनिक तवांग क्षेत्र में एक भारतीय चौकी को उड़ाना चाहते थे, जिसे भारतीय सैनिकों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया. 

ओवैसी ने पीएम मोदी के नेतृत्व पर उठाए सवाल

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई है और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा. जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई. 

ओवैसी ने आगे सवाल खड़े करते हुए लिखा कि अभी घटना का ब्योरा अधूरा है. झड़प की वजह क्या थी? गोलियां चली थीं या गलवान जैसा था? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत क्या है? चीन को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए संसद सैनिकों को अपना सार्वजनिक समर्थन क्यों नहीं दे सकती है? साथ ही ओवैसी ने आगे लिखा कि सेना किसी भी वक्त चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. पीएम मोदी का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना है. संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है. मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा.

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केजरीवाल ने की सैनिकों के स्वस्थ होने के कामना

इस घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि हमारे जवान देश की शान हैं. उनके शौर्य को मैं सलाम करता हूं और ईश्वर से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.

प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर कसा तंज

शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार पर तंज कसा. उन्होंने लिखा, 'चीन के जमीन हड़पने का एक और दिन और भारत सरकार अपने चुनावी एजेंडे में व्यस्त है.' A- लाल आंख. B- इस चिंता को उठाने वाले सभी लोगों को एंटी नेशनल टैग. C- मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. 

कांग्रेस ने केंद्र सरकार को कहा- डरो मत

वहीं कांग्रेस पार्टी ने सरकार को सख्त रवैया अपनाने की सलाह दी. कांग्रेस ने ट्वीट किया कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है. वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

वहीं एक अन्य ट्वीट के जरिए पीएम मोदी की पुरानी वीडियो साझा की. और लिखा, 'अगर ये गलती न की होती. चीन का नाम लेने से डरे न होते तो आज चीन की हैसियत नहीं थी कि हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखे. हमारी जमीन पर कब्जा करना, हमारी जमीन पर आकर हमारे सैनिकों से झड़प करना तो दूर की बात है. अब भी वक्त है... डरो मत!'

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जयराम रमेश बोले- सरकार छवि बचाने में जुटी

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है. इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है.

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