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विपक्ष के 24 वर्सेस NDA के 19: बेंगलुरु में UPA के महाजुटान के जवाब में दिल्ली में कल एनडीए का मेगा शो... जानिए कौन कितना ताकतवर?

बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को विपक्ष की दूसरे दौर की बैठक हो रही है. इसमें 24 पार्टियां शामिल होने जा रही हैं. विपक्ष की बैठक के जवाब में बीजेपी ने 18 जुलाई को एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है. बीजेपी अपने पुराने सहयोगियों को राज्यों के छोटे दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में जुट गई है.

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राहुल गांधी और पीएम मोदी (फाइल फोटो- पीटीआई)
राहुल गांधी और पीएम मोदी (फाइल फोटो- पीटीआई)

उत्तर प्रदेश में ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गई. ओम प्रकाश राजभर ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद अमित शाह ने ट्वीट कर राजभर की पार्टी के NDA गठबंधन में शामिल होने की जानकारी दी. शाह ने कहा कि राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी. सुहेलदेव पार्टी 2017 में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. 2017 में राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. लेकिन बाद में वे एनडीए से बाहर हो गए और 2022 में उन्होंने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. 

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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ऐसे वक्त पर एनडीए कुनबे में शामिल हुई, जब बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को बीजेपी के खिलाफ विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही हैं. बताया जा रहा है कि विपक्षी दल की इस बैठक में 24 पार्टियां शामिल होंगी. 

NDA के कुनबे को बढ़ाने की कोशिश में जुटी बीजेपी

- लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ एकजुट विपक्ष की दिशा में जून में पटना में पहली बैठक हुई थी. बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में करीब 15 दल शामिल हुए थे. इसके बाद 17-18 जुलाई को दूसरे दौर की बैठक बेंगलुरु में रखी गई. इस बैठक में 24 दलों के नेताओं ने शामिल होने के लिए हामी भरी है. 

- उधर, एकजुट होते विपक्ष का काट खोजने के लिए बीजेपी ने भी छोटे दलों को साथ लाने के लिए संपर्क साधना शुरू कर दिया है. राजभर का एनडीए में आना इस बात के संकेत हैं कि बीजेपी ने अपने पुराने सहयोगियों को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले साथ लाने में जुट गई है. 

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- बीजेपी ने बुलाई एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक 

विपक्ष की बैठक के जवाब में बीजेपी ने 18 जुलाई को एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने अपने सभी पुराने दलों को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया है. बीजेपी के बुलावे पर 19 दल बैठक में शामिल होने की पुष्टि कर चुके हैं. 

- बीजेपी की बुलाई इस बैठक में चिराग पासवान (लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)), उपेंद्र कुशवाहा (लोक समता पार्टी ), जीतन राम मांझी (हिंदुस्तान अवाम मोर्चा), संजय निषाद (निषाद पार्टी), अनुप्रिया पटेल (अपना दल ), पवन कल्याण (जनसेना) के शामिल होने की चर्चा है. इतना ही नहीं चिराग के चाचा पशुपति नाथ पारस गुट को भी एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया है.

इसके अलावा हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी, तमिलनाडु की एआईएमडीएमके, तमिल मनिला कांग्रेस , इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम के नेता इस बैठक में शामिल होंगे. इतना ही नहीं झारखंड की आजसू, मेघालय की एनपीपी, नगालैंड की एनडीपीपी, मिजो नेशनल फ्रंट, असम गण परिषद, सिक्किम में बीजेपी की सहयोगी एसकेएम ने बैठक में शामिल होने की मंजूरी दी है.

उधर, महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (शिवसेना) और एनसीपी के अजित गुट को बैठक का बुलावा भेजा गया है. इसके अलावा बीजेपी एनडीए में अपनी पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगुदेशम पार्टी को भी अपने साथ लाने की कोशिश में जुटी है. हालांकि, बातचीत अभी तक इन पार्टियों का साथ बात बनती नहीं दिख रही है. 

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छोटी पार्टियों पर बीजेपी की नजर

- बीजेपी ने जहां यूपी में राजभर को एनडीए में शामिल कराया, तो वहीं बिहार में चिराग पासवान गुट को बैठक का न्योता भेजा गया है. इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, झारखंड की आजसू पर भी बीजेपी की नजर है. दरअसल, बीजेपी का मानना है कि अगर राज्यों में क्षेत्रीय दल एकजुट होकर चुनाव लड़ते हैं, तो इन छोटी छोटी पार्टियों के 5-6% वोट उसके लिए काफी अहम साबित हो सकते हैं. 

- 2014 में बिहार में बीजेपी इस रणनीति में सफल हुई थी. उसने तब छोटे दलों के सहारे राज्य में बड़ी बढ़त हासिल की थी. 2014 लोकसभा चुनाव में एनडीए को बिहार में 31, जबकि यूपीए को 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 

- ऐसे में यूपी, बिहार, झारखंड, हरियाणा जैसे राज्य जहां कई क्षेत्रीय दल हैं, वहां बीजेपी के लिए छोटे छोटे दल काफी अहम साबित हो सकते हैं. इसके अलावा तमिलनाडु, पंजाब और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों में अगर AIADMK, शिरोमणि अकाली दल और तेलुगू देशम पार्टी जैसी पार्टियां बीजेपी के साथ आती हैं, तो इनका प्रदर्शन भी बीजेपी के लिए काफी अहम होगा. 

विपक्षी की 24 VS NDA की 19: कौन कितना ताकतवर? 

- विपक्षी पार्टियों की बैठक में 24 दल शामिल होने जा रहे हैं. इनमें कांग्रेस, टीएमसी, जदयू, राजद, आम आदमी पार्टी जैसे बड़े दल भी शामिल हैं. हालांकि, इस बैठक में महाराष्ट्र से शामिल होने वालीं शिवसेना और एनसीपी अब दो फाड़ हो चुकी हैं और एक खेमा एनडीए में आधिकारिक तौर पर शामिल हो चुका है. 

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विपक्षी बैठक में शामिल होने वाले दल नंबर गेम में कितने मजबूत ? 
 

पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव में सीटें वोट%
कांग्रेस 52 19%
टीएमसी 22 4.1%
सीपीआई 2 0.6%
सीपीआईएम 3 1.8%
जदयू 16 1.5%
डीएमके 23 2.3%
आम आदमी पार्टी 1 0.4%
झारखंड मुक्ति मोर्चा 1 0.3% 
आरजेडी 0 1.1%
समाजवादी पार्टी 5 2.6%
जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस 3 0.05%
पीडीपी 0 0.02%
सीपीआई (ML) 0 0.1%
आरएलडी 0   0.2% 
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 3 0.3%
केरल कांग्रेस (M) 1 0.1%
एमडीएमके - -
वीसीके - -
आरएसपी - -
केरला कांग्रेस - -
केएमडीके - -
एआईएफबी - -
कुल दल- 22 कुल सीटें- 124 कुल वोट- 34.47%

 

 - इन 22 दलों के अलावा विपक्षी दल की बैठक में उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी शामिल होगी. हालांकि, दोनों पार्टियां दो गुट में बंट गई हैं और दोनों का दूसरा गुट बीजेपी की बैठक में शामिल होगा.

- 2019 में शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं. मौजूदा समय में इनमें से ज्यादातर सांसद एकनाथ शिंदे गुट में हैं. वहीं, एनसीपी ने 2019 में 5 सीटें जीती थीं. हालांकि, कितने सांसद किस गुट में हैं, यह अभी तय नहीं हुआ है. 

NDA की बैठक में शामिल में होने वाले दलों के पास कितनी ताकत?

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पार्टी 2019 में सीटें वोट%
बीजेपी 303 37.3%
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)+ LJP (पशुपति पारस) 6 (2019 में एक ही दल था) 0.5%
उपेंद्र कुशवाहा की लोक समता पार्टी (अब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) - 0.24%
हिंदुस्तान अवाम मोर्चा 0.16%
निषाद पार्टी  - -
अपना दल (सोनेलाल)  2 0.2% 
जननायक जनता पार्टी - 0.1% 
जनसेना - 0.31%
एआईएमडीएमके 1 1.35%
तमिल मनिला कांग्रेस - 0.04
इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम - -
आजसू 1 0.11%
एनपीपी 1 0.07%
एनडीपीपी 1 0.08%
एसकेएम 1 0.03%
मिजो नेशनल फ्रंट 1 0.04%
असम गण परिषद - 0.24%
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी - 0.05%
  कुल सीटें- 317 सीटें 40.81%


- इसके अलावा बीजेपी की ओर से एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को भी न्योता भेजा गया है. 

वे बड़े दल, जो अभी किसी के साथ नहीं

- ओडिशा की बीजद, आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस समेत कई दल ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ये दल न अभी बीजेपी के साथ आए हैं और न ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी महाजुटान में. 

- बीजद, वाईएसआर कांग्रेस के अलावा इन दलों में जद(एस), बसपा, अकाली दल, तेलुगू देशम पार्टी और बीआरएस जैसे बड़े नाम शामिल हैं. ये पार्टियां अभी किसी भी खेमे में नहीं गई हैं. 

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-  बीआरएस को छोड़ दें, तो बाकी 6 दल (बीजद, वाईएसआर , जद(एस), बसपा, अकाली दल, टीडीपी) नए संसद के उद्घाटन के मुद्दे पर बीजेपी को समर्थन दे चुके हैं. इन दलों के पास लोकसभा में करीब 50 से ज्यादा सांसद हैं. माना जा रहा है कि ये पार्टियां चुनाव नतीजों के बाद अपने पत्ते खोल सकती हैं.

पार्टी 2019 में सीटें जीतीं वोट%
बीजद 12 1.7%
वाईएसआर 22 2.6%
जद(एस) 1 0.56%
बसपा 10 3.7%
अकाली दल 2 0.6%
टीडीपी 2 2.1%
बीआरएस 9 1.3%
कुल पार्टी- 7 कुल सीटें- 58 वोट%- 12.56%

  

 

 

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