कोरोना संकट काल में शुरू हुआ मॉनसून सत्र हंगामेदार हो गया है. आठ सांसदों के निलंबन के बाद विपक्ष एकजुट हो गया है और सदन का बहिष्कार कर दिया है. दूसरी ओर निलंबित सांसदों का प्रदर्शन करना जारी है और अन्य पार्टियों का साथ भी उन्हें मिल रहा है. विवाद के बीच धरने पर बैठे टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने फिर ट्वीट कर सरकार को ललकारा. डेरेक ने लिखा कि आप मुझे सस्पेंड कर सकते हैं, लेकिन मुझे चुप नहीं कर सकते.
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने लिखा कि देश के करोड़ों अन्नदाता सबका पेट भरते हैं हमारा, आपका सांसदों का मंत्रियों का उनका दिल भी बहुत बड़ा है वो आपको क्यों नही दिखाई देता? ये काला क़ानून वापस ले लीजिये Sir आप भी अपना दिल बड़ा कीजिये.
You can suspend me.
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) September 22, 2020
You cannot silence me. #Parliament
विवाद के बीच मंगलवार सुबह उपसभापति हरिवंश सभी धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे थे, लेकिन किसी ने चाय स्वीकार नहीं की. हरिवंश के इस व्यवहार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने तारीफ की है. लेकिन विपक्ष की ओर से इसे भी कोरी राजनीति करार दिया है.
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि अंग्रेज हुकूमत ऐसे ही चलाते थे, भारत के आम किसान-मजदूरों व व्यापारियों पर जुर्म करते थे. उनके खिलाफ काले कानून बनाते थे ताकि और जुर्म कर सकें. फिर जब गांधी जी या अन्य नेता उनसे मिलते थे तो चाय भी पिलाते थे. हमारे हुक्मरान आज भी उसी अंग्रेज़ी अन्दाज में सरकार चला रहे हैं.
सदन के अंदर विपक्ष ने एकजुट होकर राज्यसभा चेयरमैन से आठ सांसदों का सस्पेंशन वापस लेने की मांग की और तबतक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने को कहा.
गौरतलब है कि एक ओर आठ सांसद धरने पर हैं, तो आज हरिवंश ने भी एक दिन के उपवास का ऐलान कर दिया है. हरिवंश का कहना है कि राज्यसभा में उनके साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ, उसके खिलाफ वो उपवास पर हैं. इसके लिए उन्होंने राज्यसभा चेयरमैन को चिट्ठी लिख दी है.