जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आउटडोर फैशन शो आयोजित करने वाले आयोजकों को भारी पड़ा गया. हंगामे और भारी विरोध के बाद फैशन डिजाइनर शिवन और नरेश ने माफी मांग ली है. डिजाइनरों को कहना है कि रमजान के दौरान फैशन शो आयोजित किए जाने से लोगों को ठेस पहुंची है, उसके लिए हमें गहरा खेद है. हमारा एकमात्र मकसद क्रिएटिविटी का जश्न मनाना था.
डिजाइनरों ने एक्स ऑन संडे पर लिखा, 'रमजान के महीने के दौरान गुलमर्ग में हमारी हालिया प्रस्तुति से किसी को हुई ठेस के लिए हम गहरा खेद व्यक्त करते हैं. हमारा एकमात्र मकसद क्रिएटिविटी, स्की लाइफस्टाइल का जश्न मनाना था. हमारी इच्छा किसी व्यक्ति या किसी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी.'
'फैशन शो की रील भी हटाई'
डिजाइनरों ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं को स्वीकार करते हैं और सभी संस्कृतियों और परंपराओं के प्रति सम्मान हमारे दिल में है. सभी संस्कृतियों और परंपराओं का सम्मान हमारे दिल में है और हम चिंताओं को स्वीकार करते हैं. हम किसी भी अनपेक्षित असुविधा के लिए माफी मांगते हैं और अपने समुदाय के फीडबैक की सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि हम अधिक सतर्क और सम्मानपूर्ण रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने बताया कि गुलमर्ग फैशन शो रील को भी इंस्टाग्राम से हटा दिया गया है.
इस फैशन शो एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें फैशन डिजाइनर जोड़ी शिवम और नरेश द्वारा आयोजित एले इंडिया फैशन शो में मॉडल बर्फ से ढके रैंप पर चलते हुए दिखाई दिए. ये वीडियो एले ने अपने इंस्टाग्राम थ्रेड्स अकाउंट पर पोस्ट किया था, लेकिन विवाद के बाद इसे हटा दिया गया है.
कश्मीरी नेताओं ने जताई आपत्ति
कई कश्मीरी राजनीतिक नेताओं और सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को अश्लील बताया, क्योंकि यह रमजान के महीने के दौरान हुई.
इस विवाद पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कार्यालय ने कहा कि आयोजकों पर गुस्सा करते हुए आदेश दिया कि 24 घंटे के अंदर एक रिपोर्ट पेश की जाए, जिसके आधार पर इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गुलमर्ग में फैशन शो को लेकर हंगामा हुआ और अब्दुल्ला समेत कई नेताओं ने इस आयोजन की आलोचना की. और कहा कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
विधानसभा में हंगामा
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और दो निर्दलीय सदस्यों ने खड़े होकर इस मुद्दे को उठाया तथा इस बात की जांच की भी मांग की कि जब लोग रमजान के दौरान दिन भर रोजा रख रहे थे, तब ऐसी घटना कैसे हो सकती है. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
'सरकार का नहीं इवेंट से लेना-देना'
उन्होंने कहा, 'गुलमर्ग में आयोजित प्राइवेट इवेंट से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. इस तरह के कार्यक्रम साल के किसी भी समय नहीं होने चाहिए. मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सरकार का फैशन शो से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने (आयोजकों ने) हमसे कोई अनुमति नहीं ली थी. यह एक होटल में आयोजित प्राइवेट शो था.'
हालांकि, विपक्षी भाजपा ने फैशन शो को लेकर विवाद पैदा करने के लिए एनसी-पीडीपी और मौलवियों की आलोचना की और कहा कि उनका विरोध ठीक नहीं है.