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OTT प्लेटफॉर्म पर भी सख्ती, करना होगा सेल्फ रेगुलेशन, रिटायर्ड जजों की बनेगी कमेटी

केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी है. इसका ऐलान गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया.

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (File Photo)
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोशल मीडिया-OTT के लिए गाइडलाइन जारी
  • ओटीटी प्लेटफॉर्म के बारे में मांगी गई जानकारी

केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी है. इसका ऐलान गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया. ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सरकार की ओर से तीन फ्रेमवर्क बनाए गए हैं, हालांकि ओटीटी प्लेटफॉर्म का रजिस्ट्रेशन जरूर नहीं किया गया है, लेकिन उनसे सभी जानकारी मांगी गई है.

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जवाड़ेकर ने कहा कि अखबार को प्रेस काउंसिल के कोड पालन करना पड़ता है, टीवी को केबल ऐक्ट पालन करना पड़ता है, लेकिन ओटीटी के लिए कोई नियम नहीं है, सारे प्लेटफॉर्म के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए, ओटीटी प्लेटफॉर्म पर संसद में इस सत्र में पचास प्रश्न पूछे गए, हमने ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ चेन्नई, मुंबई और दिल्ली में चर्चा की.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जवाड़ेकर ने, 'मैंने ओटीटी कंपनियों से कहा कि आप टीवी वालों की तरह सेल्फ रेगुलेशन करें, लेकिन नहीं हुआ, मैंने फिर कहा कि सौ दिन में बनाओ, लेकिन नहीं हुआ, इसलिए हमने तय किया कि एक फ्रेमवर्क होना चाहिए, हमने प्रेस फ्रीडम के लिए लड़ाई लड़ी, आपातकाल के दौरान जेल गए, ओटीटी के लिए तीन स्तर का फ्रेमवर्क होगा.'

ये हैं ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन
1. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, 'अब ओटीटी और वेबसाइट को अपना डिसक्लोसर देना होगा, रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं कर रहे, लेकिन उनकी जानकारी मांग रहे हैं, शिकायत दूर करने एक जैसा मैकेनिज्म होना चाहिए.'

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2. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, 'ओटीटी पर सेल्फ रेगुलेशन होगा, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ज जज या विशिष्ट व्यक्ति की अध्यक्षता में शिकायत सुनवाई के लिए बॉडी बने. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी.'

3. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, 'सेंसर बोर्ड का ऐथिक्स कोड कॉमन रहेगा, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है, मीडिया की आजादी की जवाबदेही होनी चाहिए, उस आजादी के दायरे में यह नियम बनाए गए हैं.'

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भी गाइडलाइन जारी
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'नई गाइडलाइन के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को केंद्र सरकार के नोटिस के 72 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई करनी होगी, टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी, चीफ कंपलायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी, कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी.'

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को हर छह महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी, कंटेट कहां से शुरु हुआ यह बताना पड़ेगा, फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना पड़ेगा कि खुराफात कहां से शुरु हुई, भारत की संप्रभुता, कानून व्यवस्था, हिंसा आदि के बारे में पहले ट्वीट किसने किया.'

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वच्छैकि वैरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा, अगर किसी यूजर का कंटेट हटाया जा रहा है या उसकी ऐक्सिस रोकी जा रही है तो उसे बताना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हुआ, हम तीन महीने में इसे लागू करेंगे.'

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