सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 15 जनवरी को 75वें सेना दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, दिल्ली के बाहर सेना दिवस समारोह ने सेना को जनता से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर दिया है. मुझे विश्वास है कि इससे सैन्य नागरिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी और सशस्त्र बलों में जनता का विश्वास बढ़ेगा.
कर्नाटक के बेंगलुरू में वार्षिक सेना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनरल पांडे ने बेंगलुरु का भी महत्व बताया. जनरल मनोज पांडे ने कहा कि फील्ड मार्शल केएम करियप्पा जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला, उनका जन्म बेंगलुरु के पास मेडिकेरी में हुआ था.
'भारत ने दृढ़ता से किया चुनौतियों का सामना'
सेना प्रमुख ने पूर्वी मोर्चे पर पिछले साल भारत द्वारा सामना की गई चुनौतियों पर विस्तार से बात की, जिसमें चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे थे. जनरल पांडे ने कहा, 'पिछले साल भारतीय सेना ने दृढ़ता के साथ लगातार सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना किया है और सक्रियता और जोश के साथ सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की है. इसके अलावा, सेना ने क्षमता विकास, बल संरचना, प्रशिक्षण में सुधार के लिए कदम उठाए हैं और भविष्य के युद्धों के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूत किया है.'
'हर चुनौती से निपटने को तैयार हमारी सेना'
भविष्य की चुनौतियों के बारे में बात करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि भारतीय सेना एलएसी पर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. जनरल पांडे ने कहा, 'एलएसी के साथ, एक मजबूत रक्षा मुद्रा बनाए रखते हुए, हम किसी भी प्रकार की आकस्मिकता से निपटने के लिए तैयार हैं. हमारे सैनिक इन क्षेत्रों में निडर होकर सेवा कर रहे हैं और उन्हें हथियार, उपकरण और सुविधाओं के रूप में आवश्यक सभी सहायता प्रदान की जाती है.
पश्चिमी सीमा पर स्थिति पर, सेना प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बनाए रखा जा रहा है, जबकि उल्लंघन में कमी आई है, सीमा पार आतंकवादी ढांचा मौजूद है. सेना प्रमुख ने कहा, हमारा घुसपैठ रोधी ग्रिड लगातार सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों को रोक रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हुए शामिल
75वें सेना दिवस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने न केवल पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर चुनौतियों का मुकाबला किया है, बल्कि देश में भी बहुत योगदान दिया है. भारतीय सेना हमारे देश के सबसे भरोसेमंद संस्थानों में से एक है. सेना हमारे देश के लिए एक दीवार की तरह रही है जो हमें किसी भी या हर खतरे से बचाती है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि समय के साथ सुरक्षा चुनौतियां बदली हैं. पहले युद्ध मानव केंद्रित हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे तकनीक के साथ युद्ध बदल रहे हैं. आधुनिक युद्धों के परिणाम प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं और किस सेना ने प्रौद्योगिकी को बेहतर ढंग से अपनाया है
रक्षा मंत्री ने कहा कि तवांग में सेना ने हमारे देश को गौरवान्वित किया है और अपनी वीरता और दृढ़ संकल्प के साथ प्रत्येक भारतीय में विश्वास की भावना पैदा की है.