सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 4000 से ज्यादा पद खाली हैं. वहीं, एससी के लिए यह संख्या 2000 से अधिक है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2021 तक देश की 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एससी के लिए 2389 पद, एसटी के लिए 1199 पद और OBC के लिए 4251 पद खाली हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, नियुक्तियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 अधिसूचित किया गया था. इसके तहत यूनिवर्सिटी को एक इकाई मानकर केन्द्रीय शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए आरक्षण प्रदान करता है.
सभी स्तरों पर लागू हुआ ओबीसी आरक्षण
उन्होंने बताया कि केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद सभी स्तरों पर अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि रिक्त पदों को भरने का दायित्व सेंट्रल यूनिवर्सिटीज पर है, जो संसद के अधिनियमों के तहत बनाया गया स्वायत्त संगठन हैं.
प्रधान के मुताबिक, यूजीसी ने 4 जून 2019 को यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में फैकल्टी की भर्ती के लिए गाइडलाइन तैयार की है. यूजीसी ने सभी संस्थानों को चयन प्रक्रिया और भर्ती के लिए समय सीमा की गाइडलाइन का पालन करने के लिए कहा है.
जल्द से जल्द भरे जाएं पद
मंत्री ने कहा, यूजीसी ने 31 जुलाई, 5 सितंबर, 22 अक्टूबर 2019 को लिखे पत्रों में यूनिवर्सिटीज से अपील की है कि वे जल्द से जल्द खाली पदों को भर लें. हालांकि, खाली पदों को भरने की जिम्मेदारी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज की है.