दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए पुलिस भी एक्टिव मोड में आ गई है. दिल्ली पुलिस ने बढ़ते प्रदूषण और वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के मद्देनजर रविवार को 2200 लोगों के चालान काटे. मोटर वाहन अधिनियम के तहत दिल्ली में गैर-जरूरी सामग्री ले जाने वाले पुराने डीजल-पेट्रोल वाहनों और ट्रक को चलाने पर 20,000 रुपये का चालान है.
GRAP IV के तहत, दिल्ली में अन्य राज्यों से सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस VI-वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी गई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में 6,757 वाहनों को रोका गया और 2,216 वाहनों का चालान किया गया. इनमें से 1,024 वाहनों के पास प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) नहीं होने की वजह से, 217 चालान बीएस-III वाहनों और 975 चालान बीएस-IV वाहनों के काटे गए.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छूट दी गई है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश के अनुसार, आवश्यक सेवाओं में शामिल नहीं होने वाले सभी मध्यम और भारी माल वाहनों पर भी राजधानी में प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अक्टूबर में काटे गए थे इतने चालान
अक्टूबर में, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बिना पीयूसीसी वाले 17,989 वाहनों के चालान काटे थे. जबकि बिना ढके रेत/धूल ले जाने वाले 58 ट्रकों के चालान, पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों (15/10 वर्ष से अधिक) के 31 चालान काटे थे.
दिल्ली में प्रदूषण का कहर जारी
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. 13 नवंबर से राजधानी में ऑड-ईवन लागू किया गया है. उधर, पुलिस ने भी सख्ती बढ़ा दी है. समाचार एजेंसी के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की 20 प्रमुख बॉर्डर हैं, जिनमें राजोकरी, कापसहेड़ा, बदरपुर, कालिंदी कुंज, टिकरी, औचंदी, भोपुरा, अप्सरा, चिल्ला, सिंघू शामिल हैं. सभी बॉर्डर पर पुलिसबलों की तैनाती की गई है.
अधिकारी ने बताया कि हम GRAP IV के तहत निर्देशों को लागू कर रहे हैं और गैर-निर्धारित वाहनों को वापस भेजा जा रहा है. हालांकि, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को अनुमति दी जा रही है.
उन्होंने बताया कि शहर में 13 स्थान ऐसे हैं, जहां अत्यधिक प्रदूषण है, इसलिए हमने अपने कर्मचारियों को वहां तैनात किया है. अतिक्रमण और अनधिकृत पार्किंग के खिलाफ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है. हमने अपने कर्मचारियों को व्यस्ततम समय के दौरान भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में तैनात किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात की आवाजाही प्रभावित न हो.