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FCRA लाइसेंस रद्द होने पर ऑक्सफैम इंडिया ने कहा, 16 राज्यों में चल रहे मानवीय और सामाजिक कार्यों पर गंभीर असर पड़ेगा.

FCRA लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जाने के बाद देशभर में करीब 12,000 से ज्यादा एनजीओ का FCRA लाइसेंस 31 दिसंबर, 2021 को रद्द हो गया. इसपर जानेमाने एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) ने रविवार को एक बयान जारी किया है.

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FCRA लाइसेंस रद्द होने पर, ऑक्सफैम इंडिया ने जारी किया बयान (सांकेतिक फोटो)
FCRA लाइसेंस रद्द होने पर, ऑक्सफैम इंडिया ने जारी किया बयान (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 16 राज्यों में चल रहे मानवीय और सामाजिक कार्यों पर गंभीर असर पड़ेगा
  • देशभर में करीब 12,000 से ज्यादा एनजीओ का FCRA लाइसेंस रद्द

FCRA लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जाने के बाद देशभर में करीब 12,000 से ज्यादा एनजीओ का FCRA लाइसेंस 31 दिसंबर, 2021 को रद्द हो गया. इसपर जानेमाने एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) ने रविवार को एक बयान जारी किया है.

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इसमें कहा गया है कि ऑक्सफैम इंडिया के FCRA लाइसेंस रिन्यू नहीं करने के भारत सरकार के फैसले से देश भर के 16 राज्यों में चल रहे मानवीय और सामाजिक कार्यों पर गंभीर असर पड़ेगा. हम दशकों से सरकार, समुदायों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ जनहित में काम कर रहे हैं. गृह मंत्रालय का यह फैसला इस सहयोग को गंभीर रूप से बाधित करेगा, जिसके ज़रिए उन लोगों को राहत मिल रही थी जिन्हें संकट के समय इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है. 

बयान में कहा गया कि हम सालों से जनहित में काम कर रहे हैं और गरीबी को दूर करने के लिए स्थायी समाधान बनाने, किसी को पीछे नहीं छोड़ने और भेदभाव को खत्म करने और एक स्वतंत्र और न्यायपूर्ण समाज बनाने के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं. मिशन संजीवनी के माध्यम से, कोविड के लिए हमने जीवन रक्षक उपकरण और सहायता प्रदान करने के लिए देश भर के स्वास्थ्य विभागों, जिला प्रशासन और आशा कार्यकर्ताओं के साथ हाथ मिलाया.

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सरकार के इस फैसले से कोविड को लेकर हमारे मिशन पर गंभीर असर पड़ेगा.इस पहल के तहत, हमने ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध कराए और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण और बहुत कुछ वितरित किया.

बयान में यह भी कहा गया कि हमारी मानवीय टीम, साइक्लोन, बाढ़, भूस्खलन और भूकंप पर सबसे पहले काम करने वालों में से रही है. इस साल हमने असम, केरल, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में 8000 से ज़्यादा लोगों की मदद की. इससे यह सभी काम प्रभावित होंगे.

आपको बता दें एफसीआरए का मतलब है अंशदान विनियमन एक्ट. पिछले साल ही सरकार द्वारा अंशदान विनियमन एक्ट को संशोधित किया गया था. इस एक्त के जरिए उस विदेशी फंड पर सख्ती की गई थी जो एनजीओ को मिलता है. एक्ट के मुताबिक अब कोई भी एनजीओ विदेश से मिले फंड का सिर्फ 20 प्रतिशत ही प्रशासनिक कार्यों पर खर्च कर पाएगा. बाकी फंड का जो भी पैसा है वो समाज सेवा में ही जाएगा. पहले कोई भी एनजीओ 50 प्रतिशत तक प्रशासनिक कार्यों पर खर्च करता था. इसके अलावा अब विदेश से मिल रहा फंड किसी दूसरी एनजीओ संग भी शेयर नहीं किया जा सकेगा. इस पर भी सरकार ने रोक लगा दी है. 

 

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