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कैसे चुना जाता है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का चांसलर, जिसका चुनाव लड़ेंगे पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट और उसमें भी नेता बन चुके पूर्व छात्रों की चांसलर पद पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता है. इमरान खान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हैं. उन्होंने 1972 में यूनिवर्सिटी के केबर कॉलेज से इकोनॉमिक्स और पॉलिटिक्स की पढ़ाई की थी.

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर का चुनाव लड़ेंगे इमरान खान (फाइल फोटो)
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर का चुनाव लड़ेंगे इमरान खान (फाइल फोटो)

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) के अगले चांसलर बनने के लिए आवेदन किया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र इमरान जेल में रहते हुए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इमरान खान की पार्टी के द्वारा यह ऐलान हांगकांग के आखिरी ब्रिटिश गवर्नर क्रिस पैटन द्वारा फरवरी में की गई घोषणा के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह ऑक्सफोर्ड के चांसलर पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

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हालांकि, इमरान खान भ्रष्टाचार सहित कई अन्य मामलों में जेल में बंद हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान जेल के अंदर से ही ऑनलाइन बैलेट के जरिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चांसलर पद का चुनाव लड़ेंगे.

कौन बन सकता है यूनिवर्सिटी का चांसलर?

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक, "1201 तक विश्वविद्यालय का नेतृत्व 'मैजिस्टर स्कॉलरम (एक धार्मिक स्कूल का प्रमुख) ऑक्सोनी' कर रहे थे, जिसे बाद में 1214 में चांसलर की उपाधि प्रदान की गई."

चांसलर एक औपचारिक प्रमुख के रूप में कार्य करता है, जिसके पास कोई कार्यकारी जिम्मेदारियां नही होती हैं. हालांकि, इस भूमिका में 'विश्वविद्यालय को सहायक और उपयोगी सलाह और मार्गदर्शन' प्रदान करना, कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों की अध्यक्षता करना और गवर्निंग बॉडी के बीच विवादों को सुलझाने में मदद करना शामिल है.

चांसलर को पूरे साल आसानी से उपलब्ध रहना होता है. हालांकि, चांसलर को यूनिवर्सिटी में रहने की जरूरत नहीं होती है. इस पद के लिए कोई पेमेंट भी नहीं मिलती है लेकिन इससे संबंधित हर तरह की यात्रा और खर्च कवर किए जाएंगे.

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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट और उसमें भी नेता बन चुके पूर्व छात्रों की चांसलर पद पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाता है. इमरान खान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट हैं. उन्होंने 1972 में यूनिवर्सिटी के केबर कॉलेज से इकोनॉमिक्स और पॉलिटिक्स की पढ़ाई की थी. वे 2005 से 2014 तक ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर पद पर भी रहे. 

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान खान लड़ेंगे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर पद का चुनाव

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कैसे चुने जाते हैं चांसलर?

रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पहली ऑनलाइन चुनाव हो रहे हैं. इलेक्शन में हिस्सा लेने वाले कैंडिडेट्स को कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है.

  • कैंडिडेड्स अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल किया हो
  • यूनिवर्सिटी के रिसर्च और एकेडमिक मिशन, इसकी ग्लोबल कम्यूनिटी और वर्ल्ड क्लास रिसर्च बने रहने की चाहत रखना हो 
  • स्थानीय, राष्ट्रीय और विदेश में यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा बढ़ाने की क्षमता और इच्छा हो

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चांसलर का चुनाव कन्वोकेशन के द्वारा किया जाता है, जो विश्वविद्यालय के सभी पूर्व छात्रों की एक बॉडी है, जिन्हें किसी डिग्री (मानद डिग्री के अलावा) में प्रवेश दिया गया है.

चुनाव में वोट करने वाली एक अन्य संस्था को कांग्रेगेशन कहा जाता है. यह यूनिवर्सिटी की संप्रभु (Sovereign) संस्था होती है, जो इसकी ‘संसद’ के रूप में कार्य करती है. इसके पांच हजार से ज्यादा सदस्य हैं, जिनमें एकेडमिक स्टाफ, कॉलेजों के गवर्निंग बॉडी के प्रमुख और अन्य सदस्य, सीनियर रिसर्चर, कंप्यूटिंग, लाइब्रेरी और प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं. 

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