केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में फिर से राजनीतिक प्रक्रिया को बढ़ाने की पहल की गई है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक अहम बैठक हुई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने हिस्सा लिया. इस मीटिंग को लेकर अब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा प्रतिक्रिया दी गई है, जिसमें उन्होंने केंद्र की नीति की आलोचना की है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर के अन्य राजनीतिक दल पूर्ण राज्य का दर्जा पहले और चुनाव बाद में चाहते हैं. लेकिन केंद्र सरकार का रुख है कि चुनाव पहले और पूर्ण राज्य का दर्जा बाद में.
पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में लिखा कि घोड़ा ही गाड़ी को खींचता है. एक राज्य को ही चुनाव करवाने चाहिए, तभी चुनाव निष्पक्ष और आजादी से हो पाएंगे. केंद्र सरकार गाड़ी को आगे रखकर घोड़ा पीछे क्यों रखना चाहती है. यह विचित्र है.
The horse pulls the cart. A state must conduct elections. Only such elections will be free and fair.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 25, 2021
Why does the government want the cart in front and the horse behind? It is bizarre.
केंद्र ने परिसीमन और चुनाव को बताया है जरूरी
आपको बता दें कि गुरुवार को हुई मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं की ओर से केंद्र सरकार के सामने मांग रखी गई कि राज्य में चुनाव करवाए जाएं, पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिया जाए. कई राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 370 के फैसले को वापस लेने की बात भी कही.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी राजनीतिक दल परिसीमन की प्रक्रिया में मदद करें, क्योंकि इसके बाद चुनाव ही अगला कदम है. हालांकि, पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र की ओर से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को यह जरूर दिया जाएगा, लेकिन उचित वक्त पर दिया जाएगा. पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए परिसीमन और चुनाव जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी साफ किया था कि वो 5 अगस्त के फैसले को नहीं मानते हैं. साथ ही जम्मू-कश्मीर को उनका राज्य का दर्जा तुरंत वापस मिलना चाहिए, साथ ही कैडर भी मिलना चाहिए.