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किसान महालिंग नाइक ने पहाड़ी बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, पद्मश्री से सम्मानित

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में अद्यानाडका गांव के किसान अमाई महालिंग नाइक को एक बंजर ढलान वाली पहाड़ी को उपजाऊ खेत में बदलने के लिए पद्मश्री पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है. नाइक ने अकेले अपने खेत में पानी लाने के लिए 6 सुरंग खोदी. उन्होंने इसके आसपास की पहाड़ियों में अकेले 300 अंतःस्रावी खाइयों का निर्माण किया.

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अमाई महालिंग नाइक (Photo: Twitter)
अमाई महालिंग नाइक (Photo: Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्नाटक के अमाई महालिंग नाइक को मिला पद्मश्री पुरस्कार
  • पहाड़ी बंजर जमीन को महालिंग नाइक ने बनाया उपजाऊ

मानव की इच्छा शक्ति हर असंभव कार्य को भी संभव बना सकती है इसका जीता जागता उदाहरण हैं कर्नाटक के अद्यानाडका गांव निवासी महालिंग नाईक. कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में अद्यानाडका गांव के किसान अमाई महालिंग नाइक को अपने कठिन परिश्रम से बंजर भूमि एवं पहाड़ी क्षेत्र को सींच कर इसे उपजाऊ खेत में बदलने के लिए भारत सरकार ने इन्हें पद्मश्री पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया है.

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दरअसल अभिनव शून्य-ऊर्जा सूक्ष्म-सिंचाई प्रणाली का उपयोग करते हुए नाइक ने बंजर जमीन को एक उपजाऊ भूमि में बदल दिया, जिसमें सुपारी के पेड़, नारियल के पेड़, काजू के पेड़, केले के पौधे और काली मिर्च की बेलें शामिल थीं.

अमाई महालिंग नाइक ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ''मैं 22 साल की उम्र में एक जमींदार के घर में काम कर रहा था. उनमें से एक ने मुझे एक खड़ी पहाड़ी पर बंजर जमीन का एक टुकड़ा दिया. पानी का कोई स्रोत नहीं था. मेरे पास सिंचाई पर खर्च करने या बोरवेल खोदने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए मैंने भूजल तक पहुंचने के लिए कठोर चट्टानों में एक सुरंग खोदना शुरू किया.'' 

'लोगों ने कहा पागल'
नाइक ने अकेले अपने खेत में पानी लाने के लिए 6 सुरंग खोदी. उन्होंने इसके आसपास की पहाड़ियों में अकेले 300 अंतःस्रावी खाइयों का निर्माण किया. एएनआई को अपनी कहानी साझा करते हुए नाइक ने बताया कि वह पहले 5 प्रयासों में असफल रहे, लोगों ने उसे पागल कहा और उसके 4 साल व्यर्थ जाने के बाद उसके पास और कोई काम नहीं था.

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लेकिन असफलता नाइक को हतोत्साहित नहीं कर सकी और लगभग 30 फीट गहरी, छठी सुरंग खोदने के बाद, उसे अपने खेत के लिए पानी का स्रोत मिल गया.

आपको बता दें कि महालिंग के व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने ट्वीट में कहा है, ''क्या जीवन है, क्या उपलब्धि है.'' उन्होंने नाइक को 'जल योद्धा' बताया है.

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