पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत यात्रा पर आ रहे हैं. वे गोवा में होने वाली विदेश मंत्रियों की SCO (शंघाई सहयोग संगठन) समिट में हिस्सा लेंगे. पाकिस्तान के किसी विदेश मंत्री की 12 साल में यह पहली यात्रा है. इससे पहले हिना रब्बानी जुलाई 2011 में शांतिवार्ता के लिए भारत दौरे पर आई थीं. अपनी यात्रा से पहले बिलावल भुट्टो ने एक वीडियो जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि मेरा भारत जाना यह पैगाम देता है कि पाकिस्तान एससीओ को कितनी अहमियत देता है.
बिलावल भुट्टो ने वीडियो में कहा, आज मैं गोवा, भारत जा रहा हूं. जहां मैं एससीओ में पाकिस्तान के डेलिगेशन का नेतृत्व करूंगा. मेरा जाना यह पैगाम देता है कि पाकिस्तान एससीओ को कितनी अहमियत देता है और अपनी सदस्यता को कितनी गंभीरता से लेता है. मेरी यात्रा के दौरान, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है, मैं पाकिस्तान के मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा की आशा करता हूं.
On my way to Goa, India. Will be leading the Pakistan delegation at the Shanghai Cooperation Organization CFM. My decision to attend this meeting illustrates Pakistan’s strong commitment to the charter of SCO.
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) May 4, 2023
During my visit, which is focused exclusively on the SCO, I look… pic.twitter.com/cChUWj9okR
भारत-पाकिस्तान की नहीं होगी द्विपक्षीय वार्ता
भारत की ओर से साफ किया जा चुका है कि SCO समिट के इतर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. वहीं, पाकिस्तान की ओर से भी कहा गया है कि बिलावल भुट्टों की यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं करेंगे. हालांकि, SCO के इतर बिलावल भुट्टों चीन और रूस के विदेश मंत्री के साथ बैठक कर सकते हैं. बिलावल गोवा में भारतीय मीडिया के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. माना जा रहा है कि वे इस दौरान चीन राग अलाप सकते हैं.
उधर, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी एससीओ के इतर गोवा में चीन के विदेश मंत्री चिन गांग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
भारत ने भेजा था न्योता
भारत ने प्रोटोकॉल के तहत एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों को समिट में शामिल होने के लिए न्योता भेजा था. इन देशों में पाकिस्तान और चीन भी शामिल हैं. वैसे पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि बिलावल नहीं आएंगे, हालांकि उन्होंने समिट में शामिल होने का फैसला किया है. बिलावल जरदारी भुट्टो ने दिसंबर में न्यू यॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी.
गोवा आने को क्यों मजबूर हुए PAK विदेश मंत्री?
गोवा में होने वाली एससीओ समिट में रूस और चीन दोनों शामिल हो रहे हैं. ये दोनों देश आर्थिक संकट के दौर में पाकिस्तान के सबसे अहम सहयोगी हैं. ऐसे में दोनों देशों के एससीओ में शामिल होने पर पाकिस्तान के पास कोई विकल्प नहीं बचा था. इतना ही नहीं एससीओ के संस्थापक सदस्य नहीं चाहते कि एससीओ भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता का शिकार बने. इसलिए, बिलावल भुट्टो गोवा की यात्रा पर आ रहे हैं.
सबसे खराब दौर में भारत पाकिस्तान के रिश्ते
बिलावल भुट्टो की ये भारत यात्रा ऐसे वक्त पर होने जा रही है, जब दोनों देशों के बीच रिश्ते अपने सबसे बुरे दौर में चल रहे हैं. कई सालों से भारत और पाकिस्तान के नेताओं ने एक दूसरे देश की यात्रा भी नहीं की. इससे पहले 2014 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल हुए थे.
इसके बाद 2015 में पीएम मोदी नवाज शरीफ की नातिन मेहरुन्निसा की शादी में पाकिस्तान पहुंचे थे. इस दिन नवाज शरीफ का जन्मदिन भी था. पीएम ने अचानक पाकिस्तान पहुंचकर उन्हें बधाई दी थी. पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर पाकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो ने उनका स्वागत किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'नरेंद्र मोदी पाकिस्तान में आपका स्वागत. विवादित मुद्दों को सुलझाने का एक मात्र जरिया है लगातार एक-दूसरे से जुड़े रहना. हालांकि, 2019 में पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गए.