पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पीआर (परमानेंट रिप्रेजेंटेटिव) मुनीर अकरम ने यूएनएससी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने लिखित बयान में आरएसएस को लेकर वैश्विक मंच पर खुली बहस करने के लिए भी लिखित बयान दाखिल किया है. पाकिस्तान ने हिंदुत्व और आरएसएस को वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया है. मुनीर अकरम ने आरएसएस पर लगाम लगाने के लिए एक्शन प्लान भी बताया है. उनका कहना है कि आरएसएस वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.
हालांकि, इंडिया टुडे को पता चला है कि यूएन में पाकिस्तान राजदूत की तरफ से ऐसे कोई दस्तावेज नहीं पेश किए गए हैं. पाकिस्तान सरकार की तरफ से संचालित न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान ने मुनीर अकरम के बयान का जिक्र किया है, जिसमें लिखा गया है, आरएसएस जैसे हिंसक राष्ट्रवादी संगठन क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं. मीडिया का दावा है कि यह बात उन्होंने 15 सदस्यीय काउंसिल के समक्ष 12 जनवरी को रखी है. जब वैश्विक आतंक के खात्मे की बात को लेकर चर्चा की जा रही थी. एपीपी के मुताबिक काउंसिल को लिखित बयान में कहा गया है कि ऐसे संगठनों पर अन्य आतंकी संगठनों की तरह कार्रवाई की जानी चाहिए.
14 जनवरी ( शाम के 8:39 मिनट तक) तक यूएन की तरफ से ऐसा कोई अपडेट नहीं था जबकि एपीपी ने 13 जनवरी को ही आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर लिखित बयान के दावे की खबर अपनी वेबसाइट पर अपडेट कर दी थी. इंडिया टुडे ने जब पूछा कि क्या पाकिस्तान की तरफ से ऐसा कोई बयान दाखिल किया गया है तो इसपर यूएन के मीडिया डॉक्युमेंट सेंटर ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं दाखिल किया गया है.
इंडिया टुडे की तरफ से सीधा सवाल किया गया था कि क्या वैश्विक आतंक से निपटने की चर्चा को लेकर पाकिस्तान की तरफ से कोई बयान जारी किया गया है. ऐसे कोई अपडेट यूएन की वेबसाइट पर भी नजर नहीं आ रहे हैं. यूएन ऑफिस ने पाकिस्तान की तरफ से ऐसे कोई दस्तावेज पेश किए जाने की बात से इनकार कर दिया. वहीं, पाकिस्तान मिशन का दावा है कि उनकी तरफ से 12 जनवरी को आरएसएस जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग पहले ही की जा चुकी और पत्र भी दाखिल किया गया है.