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पाकिस्तान में आम चुनाव पर सस्पेंस बरकरार, पूर्व PM इमरान खान को फिर लगा झटका

इमरान खान ने अपने ट्रायल को रद्द करने के लिए अदालत का रुख किया था. लेकिन पाकिस्तानी कोर्ट ने उनके आग्रह को खारिज कर दिया. साल 2022 में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए इमरान खान के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी.

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इमरान खान
इमरान खान

पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव हो सकते हैं. इसके मद्देनजर पड़ोसी मु्ल्क में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. एक तरफ जहां मुख्य मुकाबला पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच माना जा रहा है. ऐसे में भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तनाव में हैं.

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इमरान खान ने अपने ट्रायल को रद्द करने के लिए अदालत का रुख किया था. लेकिन पाकिस्तानी कोर्ट ने उनके आग्रह को खारिज कर दिया. साल 2022 में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने के लिए इमरान खान के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी.

जस्टिस आलिया नीलम की अध्यक्षता में लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान के वकील से याचिका को पर आपत्ति के बारे में पूछा कि उन्हें इसकी सत्यापित प्रति नहीं मिली. इसके जवाब में वकील इश्तियाक ए खान ने कहा कि उन्हें इसकी सत्यापित कॉपी नहीं मिली है. इसके बजाए उन्हें चुनाव आयोग की वेबसाइट से कॉपी मिली हैं. इस पर जस्टिस ने कहा कि इस मामले पर तब तक कार्यवाही नहीं की जा सकती, जब तक इन आपत्तियों को हटाया नहीं जा सकता. 

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बता दें कि चुनाव आयोग ने 22 दिसंबर को पीटीआई के आतंरिक चुनावों को खारिज कर दिया था और उनकी पार्टी के चुनावी सिंबल क्रिकेट बैट को छीन लिया था. दरअशल बैरिस्टर गौहर खान को दिसंबर में पीटीआई के आतंरिक चुनावों में पार्टी का नया चेयरमैन घोषित किया गया था.

चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ पार्टी ने पेशावर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर 26 दिसंबर को पेशावर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसलों को रद्द कर दिया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. 

नौ अगस्त को हुई थी पाकिस्तानी संसद भंग 

9 अगस्त 2023 की आधी रात को पाकिस्तान की संसद भंग कर दी गई थी. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर आधीरात में भंग कर दी थी. इसके साथ ही शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था. संसद को भंग करने को लेकर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया था कि नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया गया है. संसद का पांच साल का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 12 अगस्त को खत्म होना था.

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