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पाकिस्तान की नापाक चाल, कुलभूषण जाधव केस को दूसरे मामले से जोड़ने की कोशिश

कुलभूषण जाधव के मामले को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक चाल का पर्दाफाश हुआ है. पाकिस्तान एक अन्य भारतीय के केस को जाधव मामले से जोड़ने की फिराक में है.

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MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव
MEA के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुलभूषण जाधव मामले में MEA का बयान
  • 'जाधव केस को अन्य मामले से जोड़ने की कोशिश'
  • चीन के ब्रह्मपुत्र प्रोजक्ट पर हमारी नजर: MEA

कुलभूषण जाधव के मामले को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान की नापाक चाल का पर्दाफाश हुआ है. मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में भारतीय उच्चायोग की ओर से दायर एक रिट पिटीशन पर सुनवाई हुई थी. यह मामला एक भारतीय से जुड़ा है जो पाकिस्तान की जेल में बंद है और अपनी सजा काट चुका है बावजूद इसके अभी तक इसे स्वदेश नहीं भेजा गया है.

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यह केस कुलभूषण जाधव से जुड़ा नहीं है लेकिन पाकिस्तान इस भारतीय के केस को भी जाधव से जोड़ने की घिनौनी चाल चल रहा है. पाकिस्तान भारतीयों से जुड़े हर केस को जाधव मामले से जोड़ने की फिराक में है. अब विदेश मंत्रालय ने भी इसे लेकर पाकिस्तान को फटकार लगाई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की ओर से कहा गया कि शाहनवाज नून को एक भारतीय कैदी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई के लिए एक मामले में हमारे उच्चायोग का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था. लेकिन नून ने पाकिस्तान के दबाव में ऐसा बयान दिया जिसका उन्हें अधिकार नहीं है. मंत्रालय ने बताया कि इस्माइल के मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने जाधव से संबंधित केस को उठाया. हालांकि ये दोनों मामले आपस में किसी भी रूप में जुड़े नहीं हैं.

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मंत्रालय ने अपनी प्रेस वार्ता में CPEC प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि भारत अपने रुख पर कायम है और चीन-पाकिस्तान दोनों को ही इस बारे में साफ तौर पर बताया जा चुका है. यह हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है और इसे लेकर हमने दोनों देशों के सामने अपनी चिंता जाहिर कर दी है. हम अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार हैं.

चीन के ब्रह्मपुत्र प्रोजेक्ट पर नजर

MEA ने चीन के ब्रह्मपुत्र डैम प्रोजेक्ट पर कहा कि इस परियोजना पर हम निगरानी रख रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि हमने चीन से अपील की है कि ऊंची इलाके में होने वाली गतिविधियों का असर किसी भी रूप में निचले इलाके पर नहीं पड़े. साथ ही चीन की ओर से हमें बताया गया है कि वह सिर्फ हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसमें ब्रह्मपुत्र के पानी को मोड़े जाने की बात नहीं है. 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि होने पर मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अभी इस बारे में कुछ भी साफ नहीं है. प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्य अतिथि के कार्यक्रम की घोषणा गणतंत्र दिवस के आस-पास की जाएगी और वक्त आने पर इस बारे में जानकारी जरूर दी जाएगी. 

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