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कुलभूषण जाधव केस: इंटरनेशनल कोर्ट का क्या था आदेश जिसके आगे PAK को झुकना पड़ा, नए कानून से क्या पड़ेगा फर्क?

पाकिस्तान की संसद में बुधवार को एक अहम बिल पास हुआ है, जिसके बाद वहां की जेलों में बंद विदेशी नागरिकों को अपील करने का अधिकार मिल जाएगा. कुलभूषण जाधव भी अब अपनी मौत की सजा के खिलाफ आगे अपील कर सकेंगे.

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कुलभूषण जाधव को 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी. (फाइल फोटो)
कुलभूषण जाधव को 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मिलिट्री कोर्ट के फैसले को अपील नहीं कर सकते थे
  • अब मिलिट्री कोर्ट के फैसले को भी चैलेंज कर सकेंगे

पाकिस्तान की संसद में बुधवार को एक अहम बिल पास हुआ. इस बिल का नाम है- द इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (रिव्यू एंड रिकन्सिडरेशन) बिल, 2021. ये बिल अब कानून बन गया है. इससे पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को बड़ी राहत मिली है. इस कानून के बाद अब जाधव अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकेंगे. पाकिस्तान की संसद में इस बिल का पास होना भारत के लिए और कुलभूषण जाधव के लिए एक बड़ी कामयाबी है. लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो कभी कॉन्सुलर एक्सेस तक नहीं देने वाला पाकिस्तान ऐसा बिल लेकर आया और इस कानून से क्या फर्क पड़ेगा?

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सबसे पहले क्या है मामला?

पाकिस्तान दावा करता है कि उसने 2016 में कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान ने उन्हें इंडियन नेवी (Indian Navy) का अधिकारी बताते हुए जासूसी का आरोप लगाया था. वहीं, भारत का कहना है कि वो नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं, जो व्यापार के सिलसिले में ईरान गए थे और पाकिस्तान ने उन्हें पाकिस्तान-ईरान सीमा से अगवा कर लिया था.

पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने अप्रैल 2017 में जाधव को भारतीय जासूस मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. भारत ने इस फैसले को मई 2017 में इंटरनेशनल कोर्ट (ICJ) में चुनौती दी थी.

क्यों झुका पाकिस्तान?

जुलाई 2019 में भारत के हक में फैसला देते हुए ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी और पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वो उन्हें काउंसलर एक्सेस दे और सजा पर दोबारा विचार करे. ICJ ने ये भी कहा था कि रिव्यू (समीक्षा) और रिकन्सिडरेशन (पुनर्विचार) का हक हर किसी को होना चाहिए. अगर आपने किसी को मौत की सजा दी है तो उसे अपील करने का अधिकार भी मिलना चाहिए. इसके बाद पाकिस्तान की संसद में ये बिल लाया गया और पास किया गया. 

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इस बिल से क्या फर्क पड़ेगा?

कुलभूषण जाधव का केस पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट में चला था और उसी कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान में नियम के मुताबिक, मिलिट्री कोर्ट के फैसले को रिव्यू और अपील नहीं किया जा सकता. अगर अपील करना हो तो उसके लिए पाकिस्तान की संसद को संविधान में संशोधन करना होगा. आईसीजे के फैसले के बावजूद जाधव तभी अपील कर सकते थे जब संशोधन हो. अब इस बिल के पास होने के बाद जाधव को मिलिट्री कोर्ट के फैसले को अपील करने का अधिकार मिल जाएगा. इस बिल से न सिर्फ जाधव, बल्कि पाकिस्तान की जेलों में सजा काट रहे विदेशी नागरिकों को भी अपील करने का अधिकार मिल जाएगा.

 

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