पाकिस्तान के नए सैन्य नेतृत्व ने विदेशी एजेंसियों को गोपनीय जानकारी शेयर करने के दोषी एक रिटायर्ड जनरल की सजा माफ करते हुए उसे जेल से रिहा कर दिया है.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, लेफ्टिनेंट रिटायर्ड जावेद इकबाल का कहना है कि सैन्य ट्रिब्यूनल ने उसे जासूसी के आरोपों में दोषी ठहराया था इसलिए उसकी योजना इस फैसले को तब तक चुनौती देने की है, जब तक कि उसे सम्मानजनक तौर पर बरी नहीं कर दिया जाता.
पाकिस्तान के नए सैन्याध्यक्ष ने लेफ्टिनेंट जनरल इकबाल की सजा की समीक्षा की थी, जिसके बाद उन्हें 29 दिसंबर को रावलपिंडी की अदिआला जेल से रिहा किया गया था. उनके वकील उमर फारुक एडम का कहना है कि नए सैन्य नेतृत्व को उनके मुवक्किल के साथ हुए अन्याय का एहसास हुआ था.
बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल इकबाल को 30 मई 2019 को फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने 14 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. उन्हें संवेदनशील और गोपनीय जानकारी विदेशी एजेंसियों के साथ शेयर करने का दोषी ठहराया गया था. लेकिन मई 2021 में अपीलीय अथॉरिटी ने उनकी सज को घटाकर सात साल कर दिया गया था. बाद में सेना के तत्कालीन जनरल उमर जावेद बाजवा ने पिछले साल नवंबर में उनकी सजा ढाई साल और घटा दी थी.
उन्हें इस साल 29 मई को आजाद किया जाना था. लेकिन नए सैन्य प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने उनकी सजा साफ कर दी और उनकी जल्द रिहाई का रास्ता साफ किया.