पाकिस्तान श्रीनगर में जी-20 बैठक से पहले दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार कर रहा है. आजतक को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है. अपने प्रचार को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दरकिनार किया गया पाकिस्तान अब कश्मीर में G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक का बहिष्कार करने के लिए विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया अभियान चला रहा है.
मालूम हो कि भारत विरोधी और प्रदर्शनकारियों के 100 से ज्यादा प्रोफाइल और मोबाइल नंबर मिले, जो जी20 बैठक के विरोध और बहिष्कार से जुड़ी जानकारियां पोस्ट कर रहे हैं. कई यूजर्स ऐसे मिले जिन्होंने 22-24 मई के बीच होने वाली मीटिंग के विरोध में कई हैशटैग बनाए हैं.
घाटी में बहुराष्ट्रीय घटना के खिलाफ गलत सूचना फैलाने के लिए 11 मई को चलाया गया TwitterStorm ऐसा ही एक ऑनलाइन अभियान था. बैठक के खिलाफ रावलकोट और पीओके में विरोध प्रदर्शन किया गया. बैठक से एक दिन पहले 21 मई को लंदन और यूरोप में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है.
कश्मीर में G20 बैठक से पहले ऑपरेशन 3T के जरिये तोड़ी जा रही है आतंकियों की कमर
G-20 बैठक से पहले जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन 3 टी के जरिए उनके नेटवर्क की कमर तोड़ी जा रही है. 20 दिन में खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के 70 ऑपरेशन जिसमें एनआईए, एसआईए जम्मू कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बल शामिल हैं.
यह 3T प्लान टेररिस्ट ओवरग्राउंड वर्कर, टेरर फाइनेंसिंग और टेरर नार्को के खिलाफ चलाया गया संयुक्त अभियान है. 20 दिन और 70 ऑपरेशन पिछले कुछ दिनों में जी-20 बैठक से पहले आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं. ऑपरेशन 3T का यह नतीजा है.
इस ऑपरेशन से आतंकवादियों को तिहरी मार दी जा रही है, जिस वजह से उनकी कई साजिश नाकाम हुई है. खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक इस ऑपरेशन में हाल ही के दिनों में उपजे नए आतंकवादी संगठनों को खुफिया और सुरक्षाबलों ने अपना निशाना बनाया है. इन आतंकी गुटों में द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (ULJ&K,) मुजाहिदीन गजवत उल हिन्द (MGH), जम्मू कश्मीर फ्रीडम फाइटर (JKFF), कश्मीर टाइगर और पीपुल एंटी फासिस्ट फ्रंट प्रमुख (PAFF) हैं.
खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक हाल ही में उभरे इन नए आतंकी संगठनों को छद्म नामों के जरिये कश्मीर में ऑपरेट कराया जा रहा है. इनके मूल आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, अल बद्र और अल कायदा के संबंध हैं.
IB का अलर्ट
हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल इलाके के पास जिसमें कुपवाड़ा, पुंछ राजौरी प्रमुख है. पिछले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना ने मिलकर नारको टेररिज्म के करीब आधा दर्जन आरोपियों को अलग-अलग ऑपरेशन में पकड़ा है जो आतंकियों की मदद से घाटी में नशे का रैकेट फैलाने की फिराक में थे.
इसके अलावा 20 दिनों में 5 बड़े आतंकियों का जम्मू-कश्मीर में एनकाउंटर हो चुका है यह नामी आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे. यही नहीं टेरर फंडिंग मामले में 70 जगहों पर एनआईए पिछले 20 दिनों में छापेमारी कर चुकी है. यानी एक साथ इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले आतंकियों के ऊपर सरकार का यह तिहरा प्रहार जारी है.
सुरक्षा एजेंसियां ऑपरेशन 3T के तहत कैसे काम कर रही हैं?
श्रीनगर में G 20 बैठक को लेकर पूरा जम्मू कश्मीर हाई अलर्ट पर है. सुरक्षा को लेकर security grid बिछाया गया है. NIA भी लगातार आतंकियों के समर्थकों के ख़िलाफ़ अभियान तेज कर चुकी है.
20 दिनों में 70 जगह छापे पड़ चुके हैं
जिन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो रही है वो OGW या बिचौलिये का काम कर रहे थे. और मैग्नेटिक बम और sticky बम की सप्लाई में शामिल थे. वो पाकिस्तान के शह पर ऑनलाइन नौजवानो को भड़काने का काम कर रहे थे. NIA के कहने पर इस महीने 14 मोबाइल ऐप्स बैन किए गए हैं. अगले हफ्ते बैठक है. कुल 200 डेलीगेट्स इसमें शामिल होंगे, जिनमें 80 डेलीगेट जी-20 के देशों से होंगे. पाक के प्रोपोगेंडा टूलकिट पर भी एजेंसियों की नज़र.