घुसपैठ करने की कोशिश में जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के कर्नल ने 30 हजार रुपये दिए थे. उसे भारत में आत्मघाती हमला करने के लिए भेजा गया था. आतंकी ने बताया कि वो भारतीय सेना की पोस्ट पर हमला करने के लिए भारत आया था.
जिस आंतकी को भारतीय सेना ने पकड़ा है, उसका नाम तबरक हुसैन है. हुसैन पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के कोटली में सब्जकोट गांव का रहने वाला है.
हुसैन को रविवार को नौशेरा सेक्टर में पकड़ा गया था. उसे दो गोलियां भी लगी थी और उसकी हालत नाजुक थी. उसकी जान बचाने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने तीन बोतल खून दिया था.
कैसे पकड़ा गया था हुसैन?
- ब्रिगेडियर कपिल राणा ने बताया कि 21 अगस्त की सुबह झांगर में दो से तीन आतंकियों की मूवमेंट ट्रेस की गई. ये आतंकी सीमापार से LOC पार करने की कोशिश कर रहे थे.
- उन्होंने बताया कि हुसैन इंडियन पोस्ट के काफी करीब आ गया और फेंस काट रहा था. सैनिकों ने जब उसे ऐसा करते देखा तो पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वो भागने लगा. तभी जवानों ने उस पर गोलियां चलाईं और उसे पकड़ लिया.
- हुसैन को जांघ और कंधे पर दो गोलियां लगी थी. ब्रिगेडियर राणा ने बताया कि बाकी दो आतंकी वहां से भागने में कामयाब रहे.
आतंकी ने क्या-क्या खुलासे किए?
- ब्रिगेडियर राणा ने बताया कि पूछताछ में आतंकी ने कबूल किया है कि वो भारतीय सेना की पोस्ट पर हमला करने आया था. हुसैन ने बताया है कि उसे पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी के कर्नल युनुस चौधरी ने भेजा था. उसे 30 हजार रुपये (पाकिस्तानी करंसी) भी दिए गए थे.
- उन्होंने बताया कि हुसैन ने खुलासा किया है कि उसने बाकी आतंकियों के साथ मिलकर इंडियन फॉरवर्ड पोस्ट की दो से तीन बार रेकी भी थी. हुसैन ने ये भी बताया है कि उसे पाकिस्तानी सेना के मेजर रजाक ने ट्रेनिंग दी है.
- मिलिट्री हॉस्पिटल में हुसैन ने मीडिया को बताया कि उसे उसके साथियों (बाकी आतंकियों) ने धोखा दिया और उसे सेना ने पकड़ लिया. उसने बताया कि आने से पहले उसने 6 महीने की ट्रेनिंग ली थी. वो कई बार लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैम्प भी गया था.
- सेना के अधिकारियों ने बताया कि जब हुसैन को पकड़ा गया था, तब वो चिल्ला रहा था, 'मैं मरने के लिए आया था, मुझे धोखा दे दिया. भाईजान मुझे यहां से निकालो.'
पहले भी पकड़ाया जा चुका है हुसैन
- तबरक हुसैन की उम्र 32 साल है. उसने पहले भी भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, लेकिन पकड़ा गया था.
- सेना ने बताया कि 25 अप्रैल 2016 को हुसैन अपने छोटे भाई हरून अली के साथ घुसपैठ कर रहा था, तब वो पकड़ा गया था. उसे 26 महीने तक कैद में रखने के बाद छोड़ दिया था. हुसैन पाकिस्तानी सेना की इंटेलिजेंस यूनिट के साथ काम करता था.
- 16 दिसंबर 2019 को हुसैन का एक और छोटा भाई मोहम्मद सईद भी नौशेरा सेक्टर से पकड़ा गया था. जिस समय सईद को पकड़ा गया था, उस समय उसने भारी मात्रा में ड्रग्स ले रखा था.