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81% लोग 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के पक्ष में, कोविंद कमेटी को देश भर से मिले 21 हजार सुझाव

5 जनवरी को समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी-प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था. पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति को लोगों से लगभग 21,000 सुझाव मिले हैं.

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एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर मिले 21 हजार सुझाव
एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर मिले 21 हजार सुझाव

वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति को लोगों से लगभग 21,000 सुझाव मिले हैं. इनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार पर सहमति दी है. रविवार को समिति द्वारा दिए गए बयान में बताया गया है कि 46 राजनीतिक दलों से भी सुझाव मांगे गए थे. इसमें कहा गया, ''अब तक 17 राजनीतिक दलों से सुझाव प्राप्त हुए हैं.''

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कांग्रेस और टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया है.

दरअसल, 5 जनवरी को समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी-प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था.

पीटीआई के मुताबिक पिछले साल सितंबर में गठित कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने रविवार को अपनी तीसरी बैठक की. समिति ने अपनी बैठक के बाद कहा, "कुल मिलाकर 20,972 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार की पुष्टि की."

पैनल की रविवार की बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हुए. चुनाव आयोग के सुझावों को भी समिति ने नोट किया.

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समिति द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पैनल 27 जनवरी को फिर से बैठक करेगा. समिति ने एक साथ चुनाव कराने पर विधि आयोग के विचार सुने हैं. इस मुद्दे पर दोबारा लॉ पैनल को बुलाया जा सकता है.

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