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3 बहनों का इकलौता भाई और एक बेटी का पिता...अनंतनाग में शहीद हुए मेजर आशीष की कहानी

Major Ashish Dhonchak: शहीद मेजर आशीष ढोंचक 3 बहनों के इकलौते भाई थे. इसकी तीनों बहनें शादीशुदा हैं. पिता लालचंद नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) में क्लर्क के पद पर नौकरी करते थे. 2 साल पहले ही वह रिटायर्ड हुए हैं. जबकि मां गृहिणी हैं. 

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पानीपत के मेजर आशीष J&K में हुए शहीद.
पानीपत के मेजर आशीष J&K में हुए शहीद.

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शहीद मेजर आशीष ढोंचक का पार्थिव शव पानीपत पहुंच गया है. पैतृक गांव बिंझौल में उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है. उधर घर में शव पहुंचते ही कोहराम मच गया. बुधवार को पति के शहीद होने की खबर के बाद से गमजदा पत्नी गुमसुम-सी हो गई है. भाई की मौत के गम रोते-रोते बहनें बेहोश हुई जा रही हैं. वहीं, एक मासूम बेटी फफक-फफक कर रो रही है. 

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मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे. इसकी तीनों बहनें शादीशुदा हैं. पिता लालचंद नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) में क्लर्क के पद पर नौकरी करते थे. 2 साल पहले ही वह रिटायर्ड हुए हैं. जबकि मां गृहिणी हैं. 

परिजनों ने बताया कि करीब 9 साल पहले जींद से अशीष की शादी हुई थी. पत्नी ज्योति गृहिणी है और पांच साल की बेटी वामिका स्कूल में पढ़ती है. 

साल 2013 में आशीष ने पहले ही प्रयास में एसएसबी की परीक्षा पास की और सिख रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट बने. उनको इसी साल 11 अगस्त को सेना मेडल से सम्मानित भी किया गया था. 

सेना में नौकरी के बाद आशीष उत्तर प्रदेश मेरठ और पंजाब के बठिंडा में रहे. दो साल पहले उनका तबादला जम्मू कश्मीर में हो चुका था. 

इससे पहले आशीष के साथ उनकी पत्नी ज्योति और बेटी वामिका रहती थीं. लेकिन तबादला होने पर वह पत्नी-बेटी को अपने माता-पिता के पास छोड़ गए थे. आशीष के पिता लालचंद धौंचक पानीपत के सेक्टर-7 में किराए का घर लेकर रहते हैं.  
      
बुजुर्ग लालचंद ने टीडीआई में अपना एक प्लॉट खरीदा था. जिस पर मकान बनवा रहे हैं. मकान लगभग बनकर तैयार था. मेजर आशीष 23 अक्टूबर को अपने जन्मदिन के मौके पर नए मकान के गृहप्रवेश कार्यक्रम में आने वाले थे. लेकिन घर के इकलौते बेटे के शहीद हो जाने से अब परिवार के निर्माणाधीन सपने अब बेरंग से हो गए हैं. 

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गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में पानीपत का लाल मेजर आशीष ढोंचक शहीद हो गया. आशीष की इस समय जम्मू कश्मीर में तैनाती थी. 2 साल पहले उनका मेरठ से राजौरी (जम्मू कश्मीर) में तबादला हुआ था. 

कश्मीर जोन पुलिस ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बताया, कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमायूं भट, जिन्होंने इस अभियान के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी, उनकी अटल वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हमारी सेनाएं उजैर खान सहित लश्कर के दो आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं.

अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के गडोले क्षेत्र में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर, एक मेजर रैंक के अधिकारी और एक पुलिस DSP शहीद हो गए थे. 

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