
संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होना है. 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र का एजेंडा क्या होगा? इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन सूत्रों की मानें तो इस दौरान विधिवत पूजा-अर्चना के साथ सांसदों का नए भवन में प्रवेश होगा. गणेश चतुर्थी के दिन 19 सितंबर से सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में चलेगी. इस सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी और समापन नए भवन में.
संसद के विशेष सत्र की स्पेशल कवरेज यहां देखें
बताया जाता है कि 18 सितंबर को संसद के विशेष सत्र के पहले दिन वर्तमान संसद भवन के निर्माण से लेकर अब तक की यादों को लेकर चर्चा की जाएगी. दूसरे दिन पूजा-अर्चना के बाद नए संसद भवन में प्रवेश होगा और दोनों सदनों की संयुक्त बैठक भी हो सकती है. संसद की कार्यवाही के पुराने से नए भवन में शिफ्ट होने की इस यात्रा के साथ ही ये विशेष सत्र कर्मचारियों की ड्रेस में बदलाव का भी गवाह बन सकता है.
सूत्रों के मुताबिक संसद भवन के स्टाफ की पोशाक भी बदली नजर आएगी. संसद भवन के कर्मचारियों के लिए नई पोशाक डिजाइन की गई है. ये पोशाक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी यानी NIFT ने डिजाइन की है.
सचिवालय के कर्मचारियों का परिधान बंद गला सूट से बदल कर मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरु जैकेट कर दी जाएगी. उनके शर्ट भी गहरे गुलाबी रंग के होंगे जिन पर कमल का फूल बना होगा और वे खाकी रंग की पैंट पहनेंगे.
बदल जाएगी मार्शल की भी ड्रेस
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के मार्शल की ड्रेस भी इस विशेष सत्र से बदल जाएगी. बताया जाता है कि संसद के इस विशेष सत्र में दोनों सदनों के मार्शल मणिपुरी पगड़ी पहनेंगे.
संसद भवन के सुरक्षा कर्मचारियों की वेशभूषा भी बदली जाएगी. अब तक वे सफारी सूट पहनते आए हैं. इसके बजाए उन्हें सैनिकों की तरह कैमोफ्लेज ड्रेस दी जाएगी.
ड्राइवरों की भी बदली ड्रेस
कांग्रेस ने ड्रेस कोड पर उठाए सवाल
विपक्षी कांग्रेस ने संसद भवन के कर्मचारियों की नई ड्रेस पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के चीफ व्हिप मनिकम टैगोर ने ट्वीट कर सवाल किया है कि कमल का फूल ही क्यों? मोर और टाइगर क्यों नहीं हो सकते? उन्होंने तंज करते हुए आगे लिखा कि ओह, ये बीजेपी के चुनाव निशान नहीं हैं. टैगोर ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से सवाल भी किया है कि ये गिरावट क्यों?
NCP के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने भी इसपर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, 'संसद स्टाफ की वर्दी पर कमल का सिंबल लगाकर बीजेपी लोकतंत्र के मंदिर को राजनीतिक रूप देना चाहती है. बीजेपी अपने निजी एजेंडे के लिए संसद का इस्तेमाल कर रही है.'