राहुल गांधी के लंदन वाले बयान और अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर संसद में मंगलवार को भी हंगामा हुआ. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 23 मार्च की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. इन सबके बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में जारी गतिरोध दूर करने के लिए सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई थी.
लोकसभा स्पीकर की बैठक में सभी दलों के फ्लोर लीडर्स मौजूद रहे लेकिन विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की बैठक से दूरी बना ली. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि ये पीठासीन का अपमान है. दरअसल, सुबह 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, हंगामा हो गया. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद एक बजे और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 11 बजकर 30 मिनट पर सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई. लोकसभा में जारी गतिरोध को लेकर ओम बिरला की बैठक में सत्तापक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, अर्जुनराम मेघवाल, पशुपति कुमार पारस मौजूद रहे.
वहीं, विपक्ष की ओर से लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके के टीआर बालू, टीएमसी के सौगत रॉय, एनसीपी की सुप्रिया सुले, वाइएसआर कांग्रेस से बीवी सत्यवती, बीआरएस से नामा नागेश्वर राव शामिल हुए. बीजेडी के अच्युतानंद सामंत और बसपा के गिरीश कुमार, सपा के एसटी हसन, सीपीआईएम के एएम आरिफ भी स्पीकर ओम बिरला की सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए.
संसद भवन में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक में सदन में गतिरोध समाप्त करने पर चर्चा की। सभी दलों के सहयोग से सदन चलाना हमारी प्राथमिकता है। सदन में सभी विषयों पर चर्चा भी हो और विधायी कार्य भी हो, ऐसा सभी को प्रयास करना चाहिए। pic.twitter.com/1SmdPLtC8s
— Om Birla (@ombirlakota) March 21, 2023
स्पीकर ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं से सदन चलाने के लिए सहयोग मांगा और कहा कि सदन में चर्चा के साथ काम भी होना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि सबके सहयोग से सदन चलाना हमारी प्राथमिकता है. स्पीकर ओम बिरला ने ये भी कहा कि हम फाइनेंस बिल सहित सभी विषयों पर सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं.
जगदीप धनखड़ की बैठक से विपक्ष की दूरी
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की बैठक से विपक्षी दलों ने दूरी बना ली. राज्यसभा के सभापति की ओर से बुलाई गई सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक में बीजेपी, वाईएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी के नेता ही शामिल हुए. कांग्रेस के चीफ व्हिप और डीएमके संसदीय दल के नेता ने इस बैठक से पहले ही सभापति से मुलाकात कर विपक्षी दलों के नेताओं के शामिल नहीं होने के संकेत दे दिए थे.
राज्यसभा के सभापति ने इसके बाद उन सभी दलों के नेताओं से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर अपने कक्ष में आने की अपील की जो बैठक में शामिल नहीं हुए थे. दूसरी तरफ, विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में बैठक कर सदन में अगली रणनीति पर मंथन किया.
विपक्ष ने किया पीठासीन का अपमान
लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा सभापति की सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर हमला बोला. दोनों नेताओं ने विपक्ष के कुछ नेताओं के व्यवहार को शर्मनाक बताया और इसकी निंदा की. दोनों मंत्रियों ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है. इसमें जिस तरह बैनर लाकर, नारेबाजी कर इसकी गरिमा गिराने की कोशिश की गई, उससे आज पूरा देश दुखी है.
कुछ देर पहले पीयूष गोयल ने कहा- विपक्ष सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रहा है। सभापति का अपमान कर रहा है।
— Congress (@INCIndia) March 21, 2023
अब इस वीडियो को देखिए और सच जानिए 👇
सभापति ने विपक्ष के नेता श्री @kharge को बोलने की अनुमति दी।
इसके साथ ही BJP सांसदों ने हंगामा शुरू किया और सदन स्थगित कर दिया गया। pic.twitter.com/0obJVVMZA9
उन्होंने ये भी कहा कि ये सब देखने के बाद जनता में, युवा पीढ़ी के मन में संसद को लेकर जो भाव उत्पन्न होगा, उससे हम सभी चिंतित हैं. पीयूष गोयल ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि संसद का आज फिर से अपमान किया गया. राज्यसभा के चेयरमैन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी कि सदन ठीक से चले और सभी लोग मिलकर कोई हल निकालें लेकिन विपक्षी दलों ने इस बैठक का बायकाट किया. उन्होंने इसे पीठासीन का अपमान बताया और कहा कि इसे कोई भी देशवासी पसंद नहीं करेगा. कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है.
प्रमोद तिवारी ने किया तंज
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सदन को सत्तापक्ष नहीं चलने दे रहा है. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही यहां भी काम किया जा रहा है. प्रमोद तिवारी ने कहा कि हमको तो ऐसा लग रहा है कि यह सदन और सत्र कहीं तय समय से पहले ही समाप्त न हो जाए.