असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में सरकार को जमकर घेरा. असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में सरकार पर मुसलमानों की शिक्षा, पैसे के अभाव में पढ़ाई छोड़ने को लेकर सरकार पर सवालों की बौछार की और कहा कि जो देश की आबादी में 19 फीसदी की हिस्सेदारी रखती है, उसके लिए अभिभाषण में एक लाइन तक नहीं थी. असदुद्दीन ओवैसी ने हेट स्पीच का मुद्दा उठाया और कहा कि कोई एक महीना ऐसा नहीं रहा जब मुसलमानों को कत्ल की धमकी न दी गई है.
उन्होंने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी की सरकार तिरंगे से हरा रंग निकाल देगी. क्या नरेंद्र मोदी की सरकार तरबूजे पर प्रतिबंध लगाकर ये आदेश जारी कर देगी कि नागपुर का संतरा ही खाया जाए. असदुद्दीन ओवैसी ने पसमंदा मुसलमानों के साथ मोहब्बत को लेकर भी सवाल उठाए.
उन्होंने चीन मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि प्रधानमंत्री क्या उसका नाम लेंगे. क्या उन्हें अपनी फौज पर, अवाम पर भरोसा नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अरे डरिए मत चीन से. उन्होंने केंद्र सरकार को इंदिरा गांधी से सीख लेने की नसीहत दी और कहा कि कानून मंत्री यहां से चले गए हैं. कोर्ट का काम ये नहीं है कि वो नरेंद्र मोदी सरकार की मदद करे.
ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने मिलकर मलाई खाई और देश का नौजवान पिस रहा है. जो 28 लोग पैसा खाकर भाग गए, उसमें एक भी मुसलमान का नाम नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग अगर यहां होता तो उसपर यूएपीए लग जाता. ओवैसी ने 'ए' को पीएम मोदी के लिए खतरनाक अल्फाबेट बताया और बिलकिस बानो का मुद्दा भी उठाया.
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं, गांधी का नाम लेते हैं. कहीं दो कौम न हो जाए. असदुद्दीन ओवैसी ने ये भी मांग की है कि पूजा स्थल अनिधिनियम के साथ छेड़छाड़ न की जाए.