बजट सत्र का तीसरा दिन हंगामेदार रहा. संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को पहले दोपहर 2 बजे, फिर 3 फरवरी दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. इसे लेकर सदन में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
विपक्ष के रुख पर नाराजगी जताते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि ये स्वस्थ परंपरा नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को सहयोग करना चाहिए. सदन में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होनी है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से चर्चा शुरू होने देने की अपील भी की और ये भी कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद में यह पहला ही संबोधन है.
उन्होंने कहा कि विपक्ष को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होने देनी चाहिए. प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से चर्चा शुरू होने देने की अपील करते हुए कहा कि हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि गलत परंपरा मत शुरू कीजिए. उन्होंने कहा कि हमेशा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा होती है.
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है. विपक्ष पर संसदीय कार्य मंत्री की इस अपील और अनुनय-विनय का कोई असर नहीं हुआ. विपक्षी सांसद लगातार मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे, हंगामा करते रहे. संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
हंगामे के बीच पेश हुए प्रस्ताव
लोकसभा में हंगामे के बीच पीठासीन राजेंद्र अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही जारी रखने की कोशिश की. विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच पीठासीन ने जनरल वीके सिंह समेत कई मंत्रियों के नाम से सूचीबद्ध प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा. वीके सिंह और अन्य मंत्रियों ने अपने नाम के प्रस्ताव सदन पटल पर रखे भी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण इन पर कोई चर्चा नहीं हो सकी और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष क्यों कर रहा हंगामा
संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सांसद हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को लेकर हुए खुलासों पर चर्चा की मांग कर रहे थे. विपक्षी दलों की ओर से संसद के दोनों सदनों में कार्य स्थगन की नोटिस देकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अडानी ग्रुप के शेयर्स में आई गिरावट के कारण एलआईसी, स्टेट बैंक को हुए नुकसान के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे.