प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन की नींव रखी. साल 2022 तक नया संसद भवन तैयार होगा, जिसमें कई अधिक सुविधाएं होंगी. नए संसद भवन को भविष्य की जरूरतों, अधिक सांसदों की संख्या के आधार पर बनाया जा रहा है. हालांकि, पुराना और मौजूदा संसद भवन भी काम में आता रहेगा.
जानकारी के मुताबिक, मौजूदा संसद भवन को वक्त-वक्त पर संसदीय कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा. इसके अलावा इसका इस्तेमाल एक म्यूजियम के तौर पर होगा, ताकि आने वाली पीढ़ी को देश की लोकतांत्रिक यात्रा के बारे में पता चल सके.
बता दें कि मौजूदा संसद भवन में 560 फीट का डायामीटर है, जो बड़े कार्यक्रमों को करवाने में सक्षम है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि पुरानी संसद को 93 साल पूरे हो गए हैं, इस संसद भवन ने देश की आजादी, संविधान की रचना समेत अन्य ऐतिहासिक पलों को देखा है.
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गौरतलब है कि वर्तमान संसद भवन का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को किया गया था और इसे छह साल में 83 लाख की लागत से तैयार किया गया था. इसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा 18 जनवरी 1927 को किया गया था.
पुराने भवन में संशोधन का था विचार...
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने गुरुवार को नए संसद भवन के आधारशिला कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के इतिहास में अहम है. हिंदुस्तान में गणतंत्र और लोकतंत्र लंबे वक्त से स्थापित है.
मंत्री ने जानकारी दी कि पहले मौजूदा संसद भवन में ही सुधार को लेकर सोचा गया, लेकिन भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है तो उसमें उसकी जरूरतें पूरी नहीं हो सकेंगी. यही कारण है कि नए भवन का प्रस्ताव सामने आया.