जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से यानी पिछले तीन साल में दूसरे राज्यों के निवासी कितने लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदी है? बुधवार को संसद में प्रश्नकाल के दौरान ये सवाल पूछा गया. इस लिखित सवाल का लिखित जवाब सरकार की ओर से उच्च सदन यानी राज्यसभा में दिया भी गया है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी है कि पिछले तीन साल में जम्मू और कश्मीर में 185 लोगों ने जमीन खरीदी है जो इस केंद्र शासित प्रदेश के निवासी नहीं थे. उन्होंने राज्यसभा में ये भी जानकारी दी है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में किसी भी दूसरे प्रदेश के निवासी ने जमीन नहीं खरीदी है.
गृह राज्यमंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से जो सूचना उपलब्ध कराई गई है, उसके मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश से बाहर के यानी दूसरे राज्यों के रहने वाले कुल 185 लोगों ने यहां जमीन खरीदी है. उन्होंने राज्यसभा को ये भी बताया है कि ये जानकारी साल 2020, 2021 और 2022 की है.
2022 में 127 लोगों ने खरीदी जमीन
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की ओर से राज्यसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2020 में केवल एक बाहरी व्यक्ति ने जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदी थी. उन्होंने आगे बताया कि साल 2021 में 57 लोगों ने और साल 2022 में सबसे अधिक 127 लोगों ने जम्मू और कश्मीर में जमीन खरीदी है. गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 2019 को हटा दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया था. जम्मू कश्मीर के साथ ही लद्दाख भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में देश के नक्शे पर सामने आया था.
कितनी कंपनियों ने किया निवेश?
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में ये भी जानकारी दी है कि जम्मू कश्मीर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों समेत देश की कुल 1559 कंपनियों ने निवेश किया है. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी पर आधारित है. नित्यानंद राय ने ये भी कहा कि पिछले तीन साल में लद्दाख में किसी भी कंपनी ने निवेश नहीं किया है.
अक्टूबर 2020 में जारी हुआ था नोटिफिकेशन
बता दें कि जम्मू और कश्मीर राज्य के पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद गृह मंत्रालय ने अक्टूबर 2020 में एक अधिसूचना जारी की थी. इसमें ये कहा गया था कि कोई भी भारतीय नागरिक जम्मू और कश्मीर के निवास के बिना नगर पालिका क्षेत्र में कृषि भूमि छोड़कर जमीन खरीद सकता है. इसके बाद से अब तक कितने लोगों ने जम्मू और कश्मीर में जमीन खरीदी, इसे लेकर राज्यसभा में लिखित सवाल पूछा गया था.