scorecardresearch
 

बिना कोई अवकाश 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलेगा संसद का मॉनसून सत्र

आगामी सत्र में, सरकार दोनों सदनों में पास कराने के लिए 11 अध्यादेश लाने को तैयार है. अन्यों के साथ ये संसदीय कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और कृषि मंत्रालय से संबंधित हैं.

Advertisement
X
संसद भवन
संसद भवन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मॉनसून सत्र के दौरान संसद में बहुत कुछ बदला हुआ आएगा नजर
  • पहले चार घंटे राज्यसभा और फिर चार घंटे लोकसभा की कार्यवाही
  • चीन से गतिरोध समेत हर मुद्दे पर सरकार संसद में चर्चा को तैयार 

संसद के लंबित मॉनसून सत्र के शुरू होने की तारीख जैसे नजदीक आ रही है, सरकार सदन का कामकाज ठीक ढंग से चलना सुनिश्चित करने के लिए कमर कस रही है. खास तौर पर कोविड-19 महामारी की वजह से मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार ये तैयारी कर रही है. 

Advertisement

14 सितंबर से शुरू होने वाला मानसून सत्र बिना कोई अवकाश 1 अक्टूबर तक चलेगा. संसद के दोनों सदनों की कुल 18 बैठकें होंगी. हर दिन के पहले चार घंटे राज्यसभा काम करेगी, और अगले चार घंटे लोकसभा. हालांकि सत्र के शुरुआती दिन पहले हॉफ में लोकसभा की बैठक होगी. क्योंकि नियमों के मुताबिक, स्पीकर ओम बिरला को औपचारिक रूप से सदन के सदस्यों से अनुमति लेनी होगी ताकि अपने कक्ष का इस्तेमाल किसी अन्य प्रायोजन के लिए किया जा सके. मसलन राज्यसभा का कामकाज, जिसके सदस्य कार्यवाही के दौरान निचले सदन के कक्ष में भी बैठेंगे. 

संसद सत्र की तैयारियों में तेजी, 14 सितंबर से शुरू होगी कार्यवाही

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आजतक/इंडिया टुडे से बातचीत में ‘ब्रेकलेस’ सत्र के बारे में जानकारी दी. जोशी ने कहा, “प्रत्येक सदन की 4 घंटे ही बैठक होगी. अगर आप हफ्ते के आखिर में छुट्टी देते हैं तो सासंदों के यात्रा करने से जोखिम रहेगा. अवकाश हुआ तो हमें सत्र को 1 अक्टूबर से आगे भी बढ़ाना पड़ेगा. ये सुरक्षित वक्त नहीं है कि सत्र को इतना लंबा चलाया जाए.” 

Advertisement

11 अध्यादेश लाने को सरकार तैयार

आगामी सत्र में, सरकार दोनों सदनों में पास कराने के लिए 11 अध्यादेश लाने को तैयार है. अन्यों के साथ ये संसदीय कार्य मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और कृषि मंत्रालय से संबंधित हैं.

सोनिया के साथ मुख्यमंत्रियों की मीटिंग संसद में बढ़ा सकती है मोदी सरकार का सिरदर्द

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को सरकार की ओर से लाए जाने वाले प्रमुख अध्यादेशों पर कांग्रेस का रुख तैयार करने के लिए पार्टी के 5 दिग्गज नेताओं की समिति का गठन किया. इस समिति में पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, डॉ अमर सिंह (पंजाब की फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट से सांसद) और गौरव गोगोई शामिल हैं.  

सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार: संसदीय कार्य मंत्री 

चीन से ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल’ (LAC) पर गतिरोध जैसे मुद्दों पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद सत्र में किसी भी चर्चा से बचना नहीं चाहती. जोशी ने कहा, "समय की कमी के दबाव के बीच, सरकार किसी भी चर्चा के लिए तैयार है. यह देश की सुरक्षा का सवाल है. जो भी सामने आएगा, राष्ट्रीय सुरक्षा और इस मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए चर्चा की जाएगी. सरकार को किसी तरह की हिचक नहीं है.” 

Advertisement

जोशी फिलहाल संसद में नुमाइंदगी वाले राजनीतिक दलों के नेताओं से फोन पर संपर्क में व्यस्त हैं. वो उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि सत्र के दौरान प्रश्नकाल को छोड़ दिया जाए. जोशी के मुताबिक कुछ को छोड़कर अधिकतर सरकार के साथ हैं. 

बहुत कुछ बदला नजर आएगा संसद में 

इस तरह की असामान्य और अभूतपूर्व परिस्थितियों में संसद का यह पहला सत्र होगा. परिसर में हर किसी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करने पर खास जोर रहेगा. इस मानसून सत्र में कई चीज़ें पहली बार दिखेंगी. बड़े डिस्प्ले स्क्रीन, दीर्घाओं से भागीदारी के लिए ढांचे, अल्ट्रावायलेट कीटाणुनाशक प्रकाश, दोनों सदनों के बीच स्पेशल केबल्स, पॉली कार्बोनेट सेपरेटर्स आदि. 

सत्र के लिए दोनों चैम्बर्स और दीर्घाओं का इस्तेमाल 1952 के बाद भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार होगा. अधिकारियों की गैलरी और प्रेस गैलरी में बैठना भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के मुताबिक होगा. सचिवालय के सीमित संख्या में अधिकारियों को सदन के टेबल पर बैठने की अनुमति होगी. पत्रकारों को विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए बने विशेष बॉक्स में समायोजित किया जाएगा, मसलन राज्यसभा में. 

लोकसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ की बैठक

सचिवालय के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे सदस्यों को शारीरिक रूप से विभिन्न कागजात दिए जाने को न्यूनतम करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें. आगामी मानसून सत्र से पहले तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा, राज्यसभा के महासचिवों और NDMC, CPWD के अधिकारियों के साथ बैठक की.  

Advertisement

उन्होंने कहा, “मानसून सत्र के दौरान बिना किसी बाधा कार्यवाही के संचालन को हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी.” स्पीकर ने आदेश दिया कि सत्र के दौरान सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने NDMC और CPWD के अधिकारियों से कहा कि वे साफ-सफाई बनाए रखने के लिए मिलकर काम करें. उन्होंने दोनों सदनों के महासचिवों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सांसदों के प्रवेश और निकास के लिए नियम अग्रिम में ही सुनिश्चित कर लिए जाएं ताकि सांसदों को पहले से ही इनके बारे में सूचित किया जा सके.

 

Advertisement
Advertisement