देश में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान की ओर से फोन टैपिंग और जासूसी से संबंधित रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने के बाद इसे लेकर घमासान मचा है. संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले आई इस रिपोर्ट पर सदन में भी हंगामा हुआ तो केंद्रीय दूरसंचार मंत्री को सफाई देनी पड़ी. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फोन टैपिंग से जासूसी के आरोप को गलत बताया है.
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि डेटा का जासूसी से कोई संबंध नहीं है. जो रिपोर्ट पेश की गई है, उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस आरोप का कोई आधार नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप पहले भी लगाए जा चुके हैं. केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एनएसओ इस तरह के आरोप को पहले भी खारिज कर चुका है.
रिपोर्ट में दम नहीं - अश्विनी वैष्णव
उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट केवल सनसनीखेज है. इसके अलावा इसमें कोई दम नहीं है. केंद्रीय संचार मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में इस तरह इंटरसेप्ट करने के लिए स्पष्ट प्रक्रिया है. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि Pegasus सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि ऐसा सरकार ने करवाया था. संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले आई इस रिपोर्ट को लेकर सदन में हंगामे के आसार थे. विपक्षी दलों की ओर से लोकसभा और राज्यसभा में इस विषय पर चर्चा की मांग की गई थी. सीपीआई नेता बिनय विश्वम, आरजेडी के सांसद मनोज झा और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत कई सांसदों ने यह मुद्दा उठाया तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा था.