लोकसभा में आज अप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक पर हुई चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिनके विचार ठीक नहीं होंगे, उनको रोका जाएगा. वहीं, राज्यसभा में वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा जारी है.
अप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक लोकसभा से पारित हो गया है. गृह मंत्री अमित शाह की ओर से इस विधेयक पर चर्चा का जवाब दिए जाने के बाद ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित कर दिया गया. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही 28 मार्च, 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. इससे पहले, स्पीकर ने यह भी कहा कि कल शाम तीन बजे से प्राइवेट मेंबर्स रेजॉल्यूशन लिया जाएगा. स्पीकर ने कहा कि एक बिल लेने के बाद रेजॉल्यूशन लेंगे. आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने तीन सौ से अधिक बिल पेंडिंग होने का उल्लेख किया. इस पर स्पीकर ने कहा कि पहले भी हमने ये व्यवस्था दी है कि कभी बिल ना ले पाएं तो अगले दिन कभी भी इसे ले सकते हैं. यह व्यवस्था जारी रहेगी.
अमित शाह ने सीएए को लेकर कहा कि आजादी के समय जब आनन-फानन में देश का विभाजन किया गया और हिंदू-सिख जब ट्रेन के ट्रेन भरकर काट दिए गए थे. तब नेहरू जी, गांधी जी ने कहा था कि वहां रह जाइए. जब आएंगे, भारत के ही नागरिक माने जाएंगे. अपना धर्म बचाने, परिवार को बचाने के लिए जो यहां आए हैं वो रियल शरणार्थी हैं. हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन कोई भी व्यक्ति भारत में आए. स्वागत है. जो घुसपैठ करने के लिए आए हैं, उनपर हम कड़ाई करेंगे. जो विभाजन की विभीषिका झेले हैं, उनको ही हम नागरिकता देंगे. देश की सुरक्षा की चिंता करके ये विधेयक सदन में लेकर आए हैं. इसे पारित किया जाए.
गृह मंत्री अमित शाह ने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर बीएसएफ को लेकर उठे सवाल पर कहा कि 112 किलोमीटर में फेंसिंग हो ही नहीं सकती और 450 किलोमीटर पर फेंसिंग बाकी है. इसकी फेंसिंग के लिए मैंने लेटर लिखे हैं, ये भूमि नहीं देते. जहां फेंसिंग लगाने जाते हैं, सत्ताधारी पार्टी का कैडर हुड़दंग करता है, धार्मिक नारे लगाता है. ये फेंसिंग रुकी है तो केवल बंगाल सरकार के कारण रुकी है. ममता जी भूमि दे भी दें तो हम 450 किलोमीटर फेंसिंग कर देंगे. तब भी 112 किलोमीटर नदी-नाले हैं, कठिन भौगोलिक है, वहां फेंसिंग नहीं हो सकती. बांग्लादेशी और रोहिंग्या जितने घुसपैठ कर आते हैं, आधार कार्ड कहां के हैं, नागरिक कहां के हैं. जितने घुसपैठिए पकड़े गए हैं, सबके पास 24 परगना के आधार कार्ड मिले हैं. देश की जनता को सत्य बताया है. 450 किलोमीटर आपकी कृपा से खुली सीमा है, वहीं से घुसपैठ है, वहीं नागरिक बनते हैं, आधार कार्ड बनते हैं और देशभर में फैल जाते हैं. पासपोर्ट रैंकिंग में 50 वें नंबर के मुद्दे पर कहा कि ये एक निजी एनजीओ का सर्वे है. राहुल गांधी जब से विपक्ष के नेता बने हैं, एनजीओ का ही डेटा खंगालते हैं. कई बार तो छापे बगैर का संविधान भी लहरा देते हैं. तमिल शरणार्थियों को लेकर नीति के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि 1986 से जो भारत सरकार की नीति है, 10 साल यूपीए सरकार में जब आप थे, तब जो नीति थी वही हमारी नीति है. तमिल शरणार्थियों की नीति में हमने कोई बदलाव नहीं किया है. जस का तस रखा है. कुछ बदलाव करना है तो हमें दे देना, हम सोचेंगे.
अमित शाह ने मनीष तिवारी की ओर से उठाए गए विदेशी नागरिक को देश में प्रवेश से रोकने के अधिकार को लेकर सवाल पर कहा कि पहले भी कानून में ये अधिकार अधिकारियों के पास ही था. हमने 2019 में ये प्रथा बनाई कि 24 बिंदू पर पूरी जांच करके ही किसी को रोका जा सकता है. किसी को भी खुली छूट नहीं दी है. फांसी की सजा वाले अपराधी की जांच भी हेड कांस्टेबल ही करता है. संविधान बना, संविधान के तहत हम जीतकर आए. कोई मंत्री बना कोई विपक्ष का नेता बना. देश की सुरक्षा का जहां सवाल होता है तो कोर्ट ही एकमात्र शरण है. इसमें कहीं अपील का अधिकार नहीं है. जो भारत के भले के लिए आता है, उस पर लागू नहीं होगा. जिनसे सुरक्षा को खतरा है, उन पर लागू होगा. इससे विश्वविद्यालय पर कोई बोझ नहीं आएगा. सब कुछ ऑनलाइन है, एक रिपोर्ट नहीं दे सकते कि हमारे विश्वविद्यालय में इतने विदेशी पढ़ते हैं. क्यों छिपाना. इसकी जानकारी लेना सरकार का अधिकार है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरा कानून 36 धाराओं में होगा. अब तक एजेंसियां ब्लैक लिस्ट करती थीं तो इसका कोई औचित्य नहीं था. इसे वैधानिक स्वरूप देने का काम इस कानून में किया गया है. निर्दिष्ट एयरपोर्ट या बंदरगाह की जगह कहीं से भी आएगा तो उसे गैरकानूनी माना जाएगा. उन्होंने एक-एक धारा के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि निषिद्ध स्थानों का दौरा भी रोका गया है. हमारी सीमा पर कुछ संवेदनशील स्थान हैं, सेना के अड्डे थे, उनको दुनियाभर के लिए खुले नहीं छोड़ सकते थे. पहले भी रोका जाता था लेकिन तब इसका नियम नहीं था. हममें हिम्मत है नियम बनाकर रोकने की. पूरी व्यवस्था को वैज्ञानिक तरीके से एक कानून में बांधने का काम किया गया है. 2005 में पांच देशों को पर्यटन वीजा ऑनलाइन देने की सुविधा शुरू की गई थी. 2010 तक सात और 2014 तक 10 देशों तक ये सेवा शुरू की गई. इसको 169 देशों तक बढ़ाने का काम हमने किया है. अमित शाह ने एक-एक श्रेणी के वीजा का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने विदेशियों के आने को सुविधाजनक बनाया है. हम रोकना उनको ही चाहते हैं जिनके विचार ठीक नहीं है. किसी ने कहा कि कौन तय करेगा, भारत सरकार तय करेगी. हम तय करेंगे क्योंकि हम सरकार में हैं. सभी एयरपोर्ट को एन टू एन जोड़ने का काम हमने पूरा कर दिया है. कई अप्रवासन चौकियों के आधुनिकीकरण की योजना भी लेकर आए हैं. फास्टैग अप्रवासन यात्री कार्यक्रम हमने आठ एयरपोर्ट पर लागू किया है जिसमें 30 सेकंड समय लगेगा. हमने 73 फीसदी अप्रवासन चौकियां बढ़ाई हैं. 2024 में आठ करोड़ 12 लाख आवाजाही हुई है.
अमित शाह ने कहा कि रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी हों, अगर भारत को नुकसान पहुंचाने की मानसिकता के साथ आते हैं तो उनके साथ बड़ी ही कठोरता के साथ पेश आया जाएगा. अगर कोई योगदान देने के लिए आता है तो उसका स्वागत है. इस नीति में उदारता के साथ कठोरता की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि मोदी जी का लक्ष्य है 2047 तक विकसित भारत बनाना और इसी को ध्यान में रखते हुए ढेर सारे बिल पिछले 10 साल में इस सदन में आए. हर क्षेत्र के हर कानून को मजबूत करने का काम हमने किया है. आज इस बिल को लेकर आया हूं तो इससे तीसरे नंबर का अर्थव्यवस्था बनाने, अनुसंधान के क्षेत्र में आर एंड डी करने वालों को उदार तंत्र मिलने वाला है. इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी यहां ढेर सारे क्षेत्रों में अनुसंधान की व्यवस्था होगी. अभी चार अधिनियमों में कई व्यवस्थाएं छिटपुट है. ये एक ही विधेयक चार अधिनियमों को निरस्त करके एक कानून का रूप देने का काम करेगा और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य में आगे जाएगा. इसमें सशक्त अप्रवासन नीति का बड़ा महत्व है. ये हमारी प्रणाली को सिम्प्लीफाई करेगा, ट्रस्टवर्दी भी बनेगा. तीन साल के गहन विचार के बाद इसे डिजाइन किया गया है. इसका राजनीतिक कारणों से विरोध नहीं करना चाहिए. भारत आने वाले यात्रियों का डेटाबेस बन जाएगा, टूरिज्म के क्षेत्र में भी बड़ी वृद्धि होगी. ग्लोबल ब्रांडिंग बढ़ाने में ये बिल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. निवेश-रोजगार और जीडीपी के क्षेत्र में बहुत फायदा होगा. भारत का डंका बजने के काम की गति और तेज होगी. रोगों का दमन करने की जगह रोग न हो, ऐसा मानव शरीर बनाना हमारा पुरातन विचार था जो आज पूरी दुनिया को अच्छा लग रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से ड्रग्स कार्टल, घुसपैठियों की कार्टल, हवाला व्यापारियों को समाप्त करने की व्यवस्था हम इस विधेयक में कर रहे हैं. पासपोर्ट एक्ट में पासपोर्ट-वीजा की आवश्यकता को पुख्ता करेगा, विदेशियों के पंजीकरण को और पुख्ता करेगा. अप्रवास अधिनियम 2002 को भी थोड़ा परिवर्तन करके इसमें समाहित किया गया है. 1920, 1930 और 1946, ब्रिटेन की संसद में बने थे. हमारे देश की इतनी महत्वपूर्ण नीति जो सुरक्षा, विकास सुनिश्चित करती है. इस पर विदेशी सांसदों ने चर्चा की थी. आज 30 सांसदों ने अपने विचार दिए हैं और एक भी विदेशी नहीं हैं. संसद भी हमारी है. ये गौरव की बात है. ये अमृतकाल में भारत के हितों के लिए बनाया गया है. डेटा प्रबंधन और सत्यापन की जटिलता को समाप्त किया गया है. अधिकार क्षेत्र की स्पष्टता भी की गई है. लीगल कन्फ्यूजन को एक ही बिल समाप्त कर देगा.
गृह मंत्री अमित शाह अप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक 2025 पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि इमिग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है. देश के कई मुद्दे इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. हमारे देश की सीमा में कौन आता है, कब आता है, कितनी अवधि के लिए आता है. ये जानने का अधिकार देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है. ये प्रावधान देश के कानूनों में अलग-अलग पड़े हुए थे जिन्हें हमने एक सुव्यवस्थित स्वरूप देने का काम किया है. पूरे विश्व में जब कच्चा मांस खाते थे, वस्त्र पहनने का ज्ञान नहीं था. तब हमारे मनीषियों ने वसुधैव कुटुंबकम का कॉन्सेप्ट दिया. कई लोग सवाल उठाते हैं कि हम अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किया. हम बताना चाहते हैं कि भारत का ट्रैक रिकॉर्ड पांच हजार साल से बेदाग रहा है इसलिए हमें किसी पृथक शरणार्थी नीति की जरूरत नहीं है. हम तो जियो कल्चर देश हैं, जियो पॉलिटिकल देश नहीं है. हमारी सीमाएं हमारी संस्कृति ने बनाई है और इसे विस्तृत करने का काम हमारे पुरखों ने किया. पर्सियन को परर्सिया से भगा दिए गए और वे भारत आए, सुरक्षित रहे, इजरायल से यहूदी भागे तो भारत में रहे. हमने पड़ोसी देशों से भी छह माइनॉरिटी को शरण देने का काम किया है. हमने मानवता के आधार पर काम किया है. दुनियाभर में सभी देशों में भारत से बाहर गए प्रवासी और आए प्रवासी समृद्ध करने का जो रिकॉर्ड है, शायद ही किसी देश में हो. ह्वेनसांग आए, बौद्ध धर्म को चीन तक ले गए. मार्को पोलो आए, व्यापार सीखकर गए. इब्न बतूता से लेकर अब्दुल रज्जाक, सीयस, लुआर्टे बार्बोस, फ्रांस्वा बर्नियर के आने का जिक्र किया. उन्होंने ये भी कहा कि बुद्धघोष यहां से चीन गए और पाली ग्रंथों का अनुवाद किया, मार्शल आर्ट का पूरे चीन में प्रसार किया. महात्मा गांधी अफ्रीका गए, दुनियाभर में कहा जाता था कि जिस साम्राज्य का कभी सूरज अस्त नहीं होता था, उसे घुटने टिकाने का काम किया. लाला हरनाथ, द्वारकानाथ गए. सुंदर पिचाई, कल्पना चावला, सत्या नडेला, सुनीता विलियम्स ने यहीं से जाकर भारत की संस्कृति को पहुंचाने का काम किया. दुनिया में बौद्ध धर्म है तो भारत से गए प्रवासियों के ही कारण. हमारा डायस्पोरा 146 देशों में फैला हुआ है.
राज्यसभा में एक मौका ऐसा भी आया जब सभापति जगदीप धनखड़ ने आसन से चुटकी लेते हुए कहा कि आप पूरी तरह से आश्वस्त हो सकते हैं कि मेरे यहां पर किसी प्रकार का टैक्स डिडक्शन नहीं होगा. मैं वैसे ही पास कर दूंगा, जैसे आएगा. सभापति की इस बात पर विपक्ष के सदस्य भी मुस्कराते नजर आए.
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राघव चड्ढा ने कहा कि इस जहां से उस जहां तक, जहां जाओगे वहां टैक्स मिलेगा. जन्म लेने से मरने तक सरकार हमसे टैक्स पर टैक्स वसूलती है. जब बच्चा जन्म लेता है, उसकी वैक्सीन और अस्पताल के कमरे पर भी जीएसटी देना पड़ता है. मुंडन से लेकर स्कूल जाने, बर्थडे पर फोटोग्राफी, कोचिंग, पहली साइकिल तक पर जीएसटी लगता है. टीएनज में फोन खरीदने, रिचार्ज कराने, ब्रॉडबैंड कनेक्शन, पिक्चर की टिकट और पॉपकॉर्न पर भी जीएसटी लगता है. बाइक-स्कूटर खरीदने, इंश्योरेंस पर जीएसटी लगता है. प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने जाते हैं तो उसकी ट्यूशन फी पर जीएसटी, एजुकेशन लोन की प्रॉसेसिंग फी पर जीएसटी लगता है. जब करियर शुरू करता है तो आमदनी अनुसार पहले टीडीएस काटा जाता है और फिर इनकम टैक्स लिया जाता है. जैसे जैसे सैलरी बढ़ती है, उस पर इनकम टैक्स लिया जाता है. कोई फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट खरीदें तो उस पर जीएसटी, हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस पर भी जीएसटी सरकार वसूलती है. इसके बाद इंसान अपने जीवन की छठी अवस्था में आता है मिडिल एज. इस दौर में इंसान गाड़ी खरीदता है, घर बनाता है. गाड़ी खरीदता है तब रोड टैक्स भरता है, जीएसटी देता है. जमीन खरीदता है तब स्टांप ड्यूटी देता है. कंस्ट्रक्शन कराता है तो उसकी सामग्रियों पर जीएसटी भरता है और जब बेचता है तब भी कैपिटल गेन टैक्स देता है. शादी में कपड़ा खरीदता है, उस पर भी जीएसटी भरता है. रिटायरमेंट के बाद दवाओं पर भी जीएसटी देता है. स्वर्गवास के बाद भी सरकारें नहीं छोड़ती. देसी घी, चंदन आदि पर भी जीएसटी लगता है. मरने के बाद जब प्रॉपर्टी का म्यूटेशन होता है तो उस पर भी जीएसटी लगता है. इतना टैक्स लेने के बाद भी सरकारें हमें देती क्या हैं. ये टैक्स इकोनॉमी को बढ़ा रहे हैं या खा रहे हैं. इस देश में 80 करोड़ जनता फ्री राशन के सहारे जी रही हैं और इन सबसे भी दिन प्रतिदिन जीएसटी ली जा रही है. सरकारें जनता का खून चूस रही हैं और इसकी वजह से उपभोग कम हो रहा है, मांग कम हो रही है.
सपा सांसद राजीव राय ने कहा कि डंका बज रहा है हमारे देश का तो डंकी रूट से जाने की जरूरत ही नहीं थी. उन्होंने सैटेलाइट फोन के साथ पकड़े गए अमेरिकी नागरिकों का जिक्र करते हुए कहा कि वो तो जासूस भी हो सकते हैं. हमारे नागरिक तो रोजी-रोजगार के लिए गए थे. गृह मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि अगर कोई अमेरिकी नागरिकी पकड़ा जाता है तो क्या उसको भी उसी तरह हथकड़ी में भेजने का काम सरकार करेगी. अच्छा हुआ कि ये कानून आ रहा है. आज से पहले जहां भी चुनाव होते थे, केंद्रीय मंत्री यही गिनाते थे कि यहां इतने बांग्लादेशी आ गए और वहां उतने. इससे पहले मंत्रियों का काम रोकने का नहीं, गिनने का था. किसी अफ्रीकी देश से कोई आए तो उसको हम एयरपोर्ट पर रोक लें और किसी यार देश... हम तो एकतरफा मोहब्बत करते हैं न सर. एक अथॉरिटी होनी चाहिए जहां उसकी सुनवाई हो. ये राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है.
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में अप्रवास एवं विदेशियों विषयक विधेयक 2025 पेश कर दिया है. इस विधेयक पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की है. मनीष तिवारी ने कहा है कि कोई भी घुसपैठियों को निकाले जाने के खिलाफ नहीं है लेकिन इस विधेयक को व्यापक स्क्रूटनी के बाद लाया जाना चाहिए.
राज्यसभा में वित्त और विनियोग विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई है. वहीं, लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक में राज्यसभा की ओर से किए गए संशोधनों पर विचार किया जा रहा है.
लोकसभा में निशिकांत दुबे ने यह मांग की है कि मुसलमानों को जो खास अधिकार दिए गए हैं, उनको समाप्त करिए. आर्टिकल 49 और अन्य सभी धाराओं के तहत दिए गए अधिकार को समानता के अधिकार में बदलिए.
दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से मिले कैश का मुद्दा गुरुवार को संसद में उठा. लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस मुद्दे पर कानून मंत्री के बयान की मांग की. वहीं, कुछ अन्य सांसदों ने भी इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए चर्चा की मांग की.
राजस्थान के राजसमंद से बीजेपी की सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने राणा सांगा को लेकर सपा सांसद की टिप्पणी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सपा सांसद ने राज्यसभा में राणा सांगा को लेकर जो टिप्पणी की है, बहुत हल्के शब्दों का प्रयोग किया है. राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी और बाबर को भी हराया था. राणा सांगा को किसी से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. जब सपा सांसद राज्यसभा में बोल रहे थे, तभी सांसदों को इसका विरोध करना चाहिए था जो नहीं किया गया. अब कह रहे हैं कि कुछ लोगों ने कानून हाथ में ले लिया. अगर तभी विरोध और कार्रवाई हुई होती तो ये नौबत नहीं आती.
श्रीलंका में भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी से संबंधित सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में ये जानकारी दी है कि श्रीलंका की कस्टडी में कल तक 86 मछुआरे थे. 11 और मछुआरों की गिरफ्तारी के बाद ये आंकड़ा 97 पहुंच गया है. इनमें से 83 मछुआरों को सजा सुनाई जा चुकी है और तीन को ट्रायल शुरू होने का इंतजार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में पहुंचे हैं. पीएम मोदी राज्यसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान मौजूद हैं.
लोकसभा में प्रश्नकाल और राज्यसभा में शून्यकाल की कार्यवाही समाप्त हो गई है. लोकसभा में अब लिस्टेड बिजनेस लिए जा रहे हैं. वहीं, राज्यसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत हो गई है.
सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने आगरा स्थित अपने घर पर हुए हमले के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. सपा सांसद ने अपने घर पर असामाजिक तत्वों के हमला करने का उल्लेख करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. सभापति जगदीप धनखड़ ने इस नोटिस को अस्वीकार कर दिया है.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सागरिका घोष की ओर से 28 मार्च 2025 की कार्यवाही को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस मिलने की जानकारी सदन में दी और कहा कि सभापति उस कार्यवाही को कैसे स्थगित कर सकता है जो अभी होनी ही नहीं है. उन्होंने अन्य सदस्यों की ओर से मिले नोटिस का भी जिक्र किया और कहा कि इनमें से किसी भी नोटिस को अनुमति नहीं दी गई है.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस खारिज कर दिया है. सभापति ने ये भी कहा कि इस सदन का इस्तेमाल किसी व्यक्ति की इमेज गिराने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने घनश्याम तिवाड़ी की अगुवाई वाली एथिक्स कमेटी से एसबी चव्हाण कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन कर एक फ्रेश गाइडलाइन तैयार करने के लिए भी कहा.
राज्यसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम राहत कोष में कांग्रेस अध्यक्ष के सदस्य होने से संबंधित टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के चीफ व्हिप जयराम रमेश ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने की मांग को लेकर नोटिस दिया है. सभापति ने कहा कि गृह मंत्री ने इसे ऑथेंटिकेट करने की बात कही थी. सभापति ने गृह मंत्री अमित शाह की ओर से ऑथेंटिकेट किए जाने की जानकारी भी दी और ये भी बताया कि गृह मंत्री ने 24 जनवरी 1948 को जारी प्रेस विज्ञप्ति दी है. पंडित नेहरू की ओर से की गई अपील भी पढ़कर सुनाया.