संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण के 13वें दिन भी दोनों सदनों में हंगामा जारी रहा. लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं चल सकी. हंगामे और नारेबाजी के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही 5 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इससे पहले राज्यसभा में हंगामे के बीच एक विधेयक भी पारित किया गया.
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, स्पीकर ओम बिरला आसन पर आए, उन्होंने सदन में पुणे के सांसद गिरीश भालचंद्र बापट और केरल के पूर्व सांसद इनोसेंट के निधन की दुखद खबर दी. स्पीकर ओम बिरला ने बापट और इनोसेंट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और सदन में मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई.
इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. दोपहर दो बजे जब लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, आसन की ओर से ये जानकारी दी गई कि कुछ विषयों पर सदस्यों की ओर से स्थगन प्रस्ताव के नोटिस प्राप्त हुए हैं. आसन की ओर से बताया गया कि स्पीकर ने इनमें से किसी भी नोटिस को अनुमति नहीं दी है.
आसन की ओर से ये जानकारी दिए जाने के बाद विपक्षी सांसद वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. विपक्ष की ओर से अडानी मुद्दे पर नारेबाजी और हंगामे के बीच आसन की ओर से सदन की कार्यवाही जारी रखी गई. आसन की ओर से सदस्यों से अपने नाम के आगे अंकित पत्र सभा पटल पर रखने के लिए कहा गया. विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बीच ही सदस्यों ने अपने नाम के आगे अंकित पत्र सभा पटल पर रखे.
विपक्ष ने वेल में आकर की नारेबाजी, दिखाए पोस्टर्स
आसन की ओर से इसके बाद उन सदस्यों से भी अपनी बात लिखित रूप में सभा पटल पर रखने के लिए कहा गया जिनको नियम 377 के तहत चर्चा की अनुमति दी गई थी. विपक्ष के सदस्य इस दौरान वेल में नारेबाजी करते रहे. विपक्षी सदस्यों ने आसन के सामने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग और सेव डेमोक्रेसी जैसे स्लोगन लिखे पोस्टर भी लहराए.
दोनों सदन 5 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक स्थगित
हंगामे के कारण आसन की ओर से सदन की कार्यवाही 5 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी गई. राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही हुआ. सुबह 11 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष की नारेबाजी के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से अपने नाम के आगे अंकित पत्र सभा पटल पर रखने के लिए कहा.
सभापति ने दी राज्यसभा दिवस की बधाई
राज्यसभा में हंगामे के बीच सदस्यों ने अपने नाम के आगे अंकित पत्र सभा पटल पर रखे. इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही. सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी. दोपहर दो बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को राज्यसभा दिवस की बधाई दी.
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये सदन डायलॉग, डिबेट और डेलिबरेशन के लिए है, व्यवधान के लिए नहीं. जगदीप धनखड़ ने इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू कराई तो विपक्षी सांसद अडानी मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. विपक्ष की नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉम्पिटिशन अमेंडमेंट बिल राज्यसभा में पेश किया.
हंगामे के बीच राज्यसभा से विधेयक पारित
विपक्ष की नारेबाजी के बीच ही सभापति ने इस बिल पर वोटिंग कराई. वोटिंग के बाद ये बिल पारित कर दिया गया. इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 5 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार पर हल्ला बोल दिया. विपक्ष ने वी वांट जेपीसी, मोदी-अडानी भाई-भाई जैसे नारे संसद में लगाए और सेव डेमोक्रेसी के पोस्टर्स लहराए.