भारत और चीन में लद्दाख सीमा पर तनाव जारी है और इस बीच संसद की एक कमेटी का दौरा होना है. लेकिन रक्षा मंत्रालय इस दौरे के समर्थन में नहीं है और इसपर अभी आपत्ति जताई है.
संसद की पब्लिक अकाउंट कमेटी (PAC) को 8-10 नवंबर को लद्दाख का दौरा करना है. सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय इस दौरे के समर्थन में नहीं है. लद्दाख में सीमा पर अभी भी दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं, ऐसे में सेना वहां अपनी तैयारियों में जुटी है. इस कारण ऐसे वक्त में दौरा करना ठीक नहीं होगा.
बता दें कि पहले ये दौरा 28-29 अक्टूबर को होना था, लेकिन इसे आगे बढ़ा दिया गया. हालांकि रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट जाएंगी और स्थिति सामान्य होगी तब कमेटी अपना दौरा कर सकती है.
चीन और भारत के बीच मई से ही लद्दाख सीमा पर हालात तनावपूर्ण हैं, अबतक कई राउंड की सैन्य और डिप्लोमेटिक लेवल पर बातचीत हो गई है. लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकला है जिसके कारण दोनों ही देशों ने हजारों की संख्या में सैनिकों की तैनाती की हुई है.
संसद की विशेष कमेटी के दौरे की अगुवाई कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी करने वाले हैं. स्पीकर की ओर से बीते दिनों ही दौरे की मंजूरी मिली थी. हाल ही में कैग द्वारा उठाए गए सवालों की जांच और मौजूदा स्थिति को परखने के लिए ये कमेटी सीमा का दौरा करना चाहती है.
अबतक भारत और चीन की सेनाओं के बीच सात राउंड की बात हो चुकी है, जल्द ही एक और राउंड की बात होनी है. जिसमें सैनिकों को पीछे हटाने पर मंथन होगा, दोनों देशों की ओर से अपनी शर्तों को रखा जा रहा है लेकिन किसी पर सहमति नहीं बन रही है. हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारतीय सेना ने सीमा पर शानदार काम किया है और मजबूती से भारत के पक्ष को रखा है.