पिछले कई महीनों से चीन के साथ सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार है. भारतीय सेना के जवान लगातार बॉर्डर पर चीन का सामना कर रहे हैं और अब सर्दियों के मौसम में भी यही स्थिति बनी हुई है. इस बीच संसद की लोक लेखा समिति (PAC) लेह का दौरा करेगी. इस दौरे में भारतीय सैनिकों की स्थिति, उनकी तैयारी और जरूरतों का जायजा लिया जाएगा.
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की ओर से इसकी मंजूरी दी जा चुकी है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की अगुवाई में PAC की टीम 28-29 अक्टूबर को लेह का दौरा करेगी.
इस दौरे के दौरान सभी सांसद सेना के उत्तरी कमांड के अधिकारियों से मिलने के साथ-साथ, रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे. सांसद फॉरवर्ड पोस्ट पर जाकर सैनिकों से भी भेंट कर सकते हैं. दो दिवसीय दौरे में कमेटी के सदस्य लेह में स्थित DRDO के दफ्तर भी जाएंगे.
दरअसल, हिमालय की ऊंचाइयों पर तैनात भारतीय सैनिकों को लेकर आई कैग की रिपोर्ट पर पीएसी चर्चा कर रही है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में सियाचिन और लेह जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों की आधुनिक उपकरणों की तंगी की बात कही थी. CAG की रिपोर्ट को लेकर PAC ने सीडीएस बिपिन रावत और सेना के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की है.
आपको बता दें कि ये पहली बार है कि जब कोरोना काल में संसद का कोई प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से बाहर विश्लेषण के लिए जा रहा है. दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर को इसी महीने के शुरुआत में चिट्ठी लिखकर अनुमति मांगी थी.
कांग्रेस नेता के मुताबिक, ये एक तरह का स्टडी टूर होगा, जिसके लिए लोकसभा स्पीकर ने हमें इजाजत दी है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम लोग सैनिकों का हौसला बुलंद करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि वह कितनी विषम परिस्थितियों में देश की रक्षा कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मई महीने से ही भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है. ऐसी स्थिति में हजारों की संख्या में सैनिक बॉर्डर पर तैनात हैं. कांग्रेस समेत विपक्ष की ओर से कई बार सरकार पर सच्चाई छुपाने का आरोप लगाया गया है, अब इस बीच ये दौरा हो रहा है.