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संसद सुरक्षा चूक केस: दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट

कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. अब उन्हें 2 अगस्त को अदालत में पेश किया जाएगा. अदालत को यह भी बताया गया कि लंबित एफएसएल रिपोर्ट भी पेश की जाएगी.

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संसद सुरक्षा चूक मामला (फाइल फोटो)
संसद सुरक्षा चूक मामला (फाइल फोटो)

संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है. एडवोकेट ने अदालत को बताया कि जरूरत के मुताबिक प्रतिबंध को मंजूरी मिल गई है और उसे सप्लीमेंट्री चार्जशीट का हिस्सा बनाया गया है. कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. अब उन्हें 2 अगस्त को अदालत में पेश किया जाएगा. अदालत को यह भी बताया गया कि लंबित एफएसएल रिपोर्ट भी पेश की जाएगी.

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इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 7 जून को संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी. 2001 के संसद हमले की बरसी पर सुरक्षा में चूक के मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में लगभग 1000 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी

लोकसभा कक्ष में कूद गए थे 2 लोग

दरअसल, पिछले साल 13 दिसंबर को 23 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक हुई थी. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान संसद की गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे. 

उन्होंने रंगीन स्मोक कैन छोड़कर नारे लगाए थे. इस मामले में आरोपितों सागर शर्मा, नीलम आजाद, महेश कुमावत, ललित झा, डी. मनोरंजन और अमोल शिंदे को दिल्ली पुलिस ने गिफ्तार किया था. 

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तीन लेयर में है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था

लोकसभा और राज्यसभा में अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी सिस्टम होते हैं. विजिटर पास के लिए लोकसभा सचिवालय के फॉर्म पर किसी सांसद का रिकमेंडेशन सिग्नेचर जरूरी होता है. इसके साथ ही विजिटर को पास के लिए आधार कार्ड ले लाना होता है. विजिटर जब रिसेप्शन पर पहुंचता है, तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला और पुरुष को अलग-अलग फ्रिस्किंग करके जांच करते हैं. इसके बाद रिसेप्शन पर फोटो आईडी कार्ड बनता है. मोबाइल फोन को रिसेप्शन पर ही जमा कर लिया जाता है. इसके बाद विजिटर फोटो आइडेंटिटी कार्ड के साथ सिक्योरिटी कमांडो के जरिए गैलरी तक पहुंचता है. विजिटर गैलरी में ठहरने के लिए एक समयावधि होती है, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया जाता है. 

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