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संसद की सुरक्षा चूक का मामला, आरोपियों की याचिका पर सुनवाई 10 दिनों के लिए टली

संसद की सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल पर गंभीर आरोपों की सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टाल दी है. स्पेशल सेल पर आरोपियों पर दबाव बनाने, टॉर्चर करने, अपराध कबूल करने और किसी राजनीतिक दल या नेता का नाम लेने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है.

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संसद में सुरक्षा चूक का मामला
संसद में सुरक्षा चूक का मामला

संसद की सुरक्षा चूक मामले की सुनवाई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए टाल दी है. कोर्ट में आरोपियों ने याचिका दायर कर रखी है जिसमें उन्होंने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस की टीम पर उन्होंने दबाव बनाने, टॉर्चर करने के आरोप लगाए थे. 
 
आरोपियों ने अपनी याचिका में दावा किया था कि स्पेशल सेल ने उनपर टॉर्चर करके किसी राजनीतिक दल का नाम लेने का दबाव बनाया था. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हुई. पता चला कि आरोपियों ने मामले में पेशी के लिए नए वकील को शामिल किया है. आरोपियों के वकील ने कोर्ट से अपनी दलीलें पेश करने के लिए समय मांगा था.

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संसद की सुरक्षा चूक मामले के छह आरोपी

संसद की सुरक्षा चूक मामले में छह आरोपियों सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत को दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था. उनमें से दो, सागर शर्मा और मनोरंजन डी, लोकसभा की पब्लिक गैलरी से उस क्षेत्र में कूद गए थे, जहां सांसद बैठते हैं. इससे लोकसभा में अराजकता फैल गई थी.

दो अन्य आरोपी नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने कलर गैस का छिड़काव कर दिया था और संसद के बाहर नारेबाजी की थी. सभी आरोपियों को इसी महीने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की हिरासत से न्यायिक हिरासत में भेजा है.

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आरोपियों के स्पेशल सेल पर आरोप

  • कथित तौर पर प्रत्येक आरोपी को अलग-अलग समय में लगभग 70 खाली पन्नों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था.
  • आरोपियों का दावा है कि विशेष रूप से गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत बयान दर्ज कराने और राजनीतिक दलों के साथ संबंध का दावा करने के लिए उन्हें टॉर्चर किया गया और बिजली के झटके दिए गए.
  • दो आरोपियों पर कथित तौर पर पॉलीग्राफ, नार्को या ब्रेन मैपिंग टेस्ट के दौरान राजनीतिक दलों या नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया था.
  • आरोपियों को अपने ऑनलाइन सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल अकाउंट और फोन के लिए बायोमेट्रिक डेटा और पासवर्ड देने के लिए मजबूर किया गया था.
  • दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार की सुनवाई के बाद सभी छह आरोपियों को 11 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. 
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