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सुरक्षा में चूक पर संसद ठप, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 18 दिसंबर तक के लिए स्थगित 

संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर विपक्ष आक्रामक है. शीतकालीन सत्र के 10वें दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह के बयान और इसे लेकर दोनों सदनों में चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही पहले दोपहर 2 बजे तक और फिर 18 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. 

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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (फोटोः पीटीआई)
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (फोटोः पीटीआई)

संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामा जारी है. हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की कार्यवाही नहीं चल सकी. दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे और फिर 18 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता सदन, विपक्ष के नेता और अन्य दलों के फ्लोर लीडर्स को मिलने के लिए अपने कक्ष में बुलाया. लेकिन इस बैठक से भी सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन की राह नहीं निकल सकी.

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विपक्ष संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सरकार पर हमलावर है तो वहीं सरकार भी विपक्ष को घेर रहा है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि पर्दा खुलेगा तब सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में टूलकिट का पर्दाफाश हुआ. आगे भी नए-नए टूलकिट अपनाए जा रहे हैं और इन सबका पर्दाफाश भी हो जाएगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के रवैये को गैर जिम्मेदाराना बताया है. वहीं, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद-मंत्री विपक्ष पर संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर जबरदस्ती राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं.

विपक्ष ने दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्षी सांसद ये मांग कर रहे हैं कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सदन में बयान दें. कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट कर सरकार पर हमला बोला है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि संसद और सांसदों की सुरक्षा में जो भारी चूक हुई है, उसपर विपक्ष के सांसदों को गैरकानूनी तरीके से सस्पेंड करना किस तरह का न्याय है? 

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उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री टीवी पर इंटरव्यू दे सकते हैं लेकिन संसद के पटल पर बयान नहीं दे सकते. खड़गे ने कहा कि INDIA गठबंधन के दलों की ये मांग है कि अमित शाह संसद में बयान दें और फिर दोनों सदनों में इसे लेकर चर्चा हो. उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के इस गंभीर विुषय पर आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है, संसदीय धर्म है. वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी बीजेपी को घेरा है.

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केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि संसद में इन लोगों (घुसने वालों) को एंट्री के लिए संस्तुति देने वाले सांसद प्रताप सिम्हा सदन में हैं. दूसरी तरफ, सरकार से एक जवाब की मांग कर रहे सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी मैसूर के अपने सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका पर मौन है और इससे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा है कि सदस्यों को सस्पेंड किया जा रहा है, सदन से बाहर जाने के लिए कहा जा रहा है. विपक्ष के पास अब क्या बचा है? जनता सदन में बोलने के लिए विपक्ष को चुनती है. शिवसेना यूबीटी की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि क्या ये गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वह आएं और जवाब दें? हम बीजेपी एमपी प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. बीजेपी एमपी प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सवाल क्यों नहीं पूछा जाना चाहिए?

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