प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी के संसद पहुंचने पर एनडीए के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारों से उनका स्वागत किया. इससे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि अवधेश पासी जहां से जीतकर आए हैं, उस सीट का नाम अयोध्या नहीं फैजाबाद है लेकिन यहां किसी ने फैजाबाद नहीं कहा. यही बीजेपी की, मोदी की जीत है. 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का यह पहला सत्र है.
दुनिया की हर इकोनॉमी डिस्टर्ब है. अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कोई भी देश हो, उनकी आर्थिक स्थिति डिस्टर्ब है लेकिन आईएमएफ कहता है कि आशा की कोई किरण है तो वह भारत है. दुनिया की एजेंसियां कहती हैं कि भारत की इकोनॉमी 2013 से अलग है. जिस ब्रिटेन ने हम पर दो सौ साल राज किया, आज भारत उस ब्रिटेन को पछाड़कर पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया है. आपकी शांति चाहिए, मोदीजी के नेतृत्व में. ग्लोबल ग्रोथ में भारत का योगदान 15 परसेंट है. हम तीसरी लार्जेस्ट इकोनॉमी की ओर अग्रसर हैं पीएम मोदी के नेतृत्व में. हम रुक जाने वाले लोग नहीं हैं. बेहतर करने के लिए क्या कर सकते हैं, हम उसके लिए काम करेंगे. मैंडेट की बहुत सी बातें हुईं. आज देश ने हमारी मजबूत सरकार पर भरोसा किया है, इस बात को ध्यान में रखना चाहिए. आज लास्ट माइल डिलीवरी की गारंटी मोदी की गारंटी है, इस बात को देश मानता है. हमने बहुत से सेक्टर्स में नीतियों में परिवर्तन करके आगे बढ़ना तय किया है. मैन्यूफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर और एग्रीकल्चर के बारे में कुछ बातें बताना चाहता हूं. आज फॉर्मास्यूटिकल्स में भारत दूसरे नंबर पर है. सबसे सस्ती दवा आज भारत प्रोड्यूस कर रहा है और दुनिया की डिस्पेंसरी बन गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ी है, स्टील में हम दूसरे नंबर पर आ गए हैं. 10 साल पहले 97 फीसदी मोबाइल इम्पोर्ट होते थे. आज 97 फीसदी मोबाइल भारत में बन रहे हैं. बैट्री से एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, हर क्षेत्र में भारत लीडर बन रहा है. हेल्थ सेक्टर में हम बहुत आगे बढ़े हैं. सारा यूके, सारा यूएसए भारत के डॉक्टर्स से भरा पड़ा है. आईटी में भारत का लोहा दुनिया मान रही है. एग्रीकल्चर के सेक्टर में ब्ल्यू रिवॉल्यूशन को प्राथमिकता दी है, गांव को जोड़ने का काम किया है. एक नेटवर्क फॉर्मर्स प्रोड्यूसर्स का बन रहा है, पैक्स के माध्यम से बन रहा है. हमें मालूम था कि स्टोरेज की कमी है. स्टोरेज और उसकी कैपेसिटी बढ़ाने के लिए कोऑपरेटिव के माध्यम से हम दुनिया का सबसे ज्यादा स्टोरेज कैपिसिटी वाला देश बनने वाले हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 3 लाख लाख करोड़ से अधिक की राशि किसानों को दी गई है. हम वन टाइम रिलीफ देने वाले नहीं है. हम हैंड होल्डिंग करने वाले हैं. किसान जब तक खड़ा नहीं हो जाता, तब तक उसका हाथ पकड़े रहने वाले हैं. 2014 से पहले 12.1 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क बनती थी, आज 24 किलोमीटर से अधिक प्रतिदिन बन रही है. नॉर्थईस्ट में जाने का मतलब होता था दूसरी दुनिया में जाना. आज अधिकतर राज्यों की राजधानियों में एयर कनेक्टिविटी है. मेघालय में 67 साल बाद रेल नेटवर्क पहुंचा है. नगालैंड ने सौ साल बाद दूसरा रेलवे स्टेशन देखा है. नॉर्थईस्ट में अब वंदे भारत ट्रेन पहुंच रही है. आज नॉर्थईस्ट मेनस्ट्रीम में पहुंच चुका है. सुबह जाइए इम्फाल शाम को वापस आओ, सुबह जाओ अगरतला शाम को वापस आओ. इस पर विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि मणिपुर जाओ ना मणिपुर. जेपी नड्डा ने इस पर कहा कि मैं तो जाता हूं, आप वहां राजनीति के लिए जाते हैं मैं मानवता के लिए जाता हूं.
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे हैं. जेपी नड्डा ने कहा कि हम अमृतकाल में प्रवेश कर चुके हैं, आगे हमारे सामने 25 साल की यात्रा है. इसमें हमने विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने का तय किया है. चाहे इधर हों या उधर, हम सब लोग बहुत सौभाग्यशाली मानना चाहिए कि इस पल के गवाह बन रहे हैं. अमृतकाल में जब हम अपने आप को जोड़ रहे हैं, बहुत ही सौभाग्य का विषय है. मुझे विश्वास है कि सभी पार्टियों का सहयोग इसमें मिलेगा.
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.
पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष की ओर से नारेबाजी और हंगामे को असंसदीय बताते हुए राजनाथ सिंह ने सदन में निंदा प्रस्ताव पेश किया. गृह मंत्री अमित शाह ने इसका अनुमोदन करते हुए प्रस्ताव को मतदान के लिए सभा पटल पर रखने की मांग की. लोकसभा में ये निंदा प्रस्ताव पारित हो गया.
स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा सत्र के दौरान हुए कामकाज का लेखाजोखा सदन में रखा. उन्होंने बताया कि सात बैठकें हुईं जो लगभग 34 घंटे तक चली. सत्र के दौरान 539 सदस्यों ने शपथ ली है. 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ. पीठासीन निर्वाचित होना मेरे लिए असीम सम्मान और गौरव का विषय है. पीएम ने मंत्रिमंडल का परिचय कराया, राष्ट्रपति ने संयुक्त सत्र को संबोधित हुए. कल और आज कुल 18 घंटे तक धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया. इस दौरान सदन की प्रोडक्टिविटी 103 फीसदी रही.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लोकसभा से पारित हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्ष की ओर से हंगामे को लेकर निंदा प्रस्ताव रखा. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सभी दलों को देर रात तक बोलने का अवसर दिया, नेता प्रतिपक्ष को 90 मिनट से ज्यादा बोलने का मौका दिया. ये आपका आचरण न तो संसदीय परंपराओं के अनुकूल है और ना ही लोकतंत्र के लिए उचित है. वेल में आकर प्रतिपक्ष के नेता कह रहे थे, ये संसदी मर्यादा के अनुकूल नहीं है.
पीएम के जवाब के बाद लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर संशोधनों को मतदान के लिए सभा पटल पर रखा गया. ध्वनिमत से संशोधन के प्रस्ताव गिर गए.
पीएम मोदी ने लोकसभा में हाथरस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी यूपी सरकार से संपर्क में हैं.
पीएम मोदी ने विकास की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि हर घर जल पहुंचाना हमारा संकल्प है. भारत की विश्व में जैसे-जैसे ताकत बढ़ रही है, सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का हमारा संकल्प है. ये युग हरित युग है. दुनिया जो ग्लोबल वार्मिंग से लड़ रही है, उसको ताकत देने का बीड़ा भारत ने उठाया है. हम ने रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर एक के बाद एक कदम उठाए हैं और ये हमारा संकल्प है. 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए जिन संकल्पों को लेकर हम चले हैं, उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी भूमिका है. हमें विश्व के बेंचमार्क के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है. देश में बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बन रहे हैं, उसका विस्तार हो और एक नया रूप-रंग मिले. भारत एक लीडर के रूप में उभरे, उस दिशा में भी हम काम कर रहे हैं, एक स्टडी है कि पिछले 18 साल में प्राइवेट सेक्टर में आज जॉब क्रिएशन में सबसे बड़ा रिकॉर्ड बना है. आज भारत डिजिटल पेमेंट सिस्टम पूरी दुनिया में उदाहरण बना है. विश्व के लोग भारत के डिजिटल पेमेंट को लेकर समृद्ध देशों को भी अचरज होता है और बड़ी जिज्ञासा के साथ सवाल पूछते हैं. ये भारत की सफलता की बहुत बड़ी कहानी है. जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, स्वाभाविक है प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. जिन्हें भारत की प्रगति से दिक्कत है, जो इसे चुनौती के रूप में देखते हैं., वो गलत हथकंडे भी अपना रहे हैं. ये ताकतें भारत की डेमोक्रेस, डाइवर्सिटी पर हमला कर रही है. ये चिंता सिर्फ हमारी, सरकार की, सिर्फ ट्रेजरी बेंच की नहीं है., देश की जनता और माननीय सुप्रीम कोर्ट तक सब कोई इससे चिंतित है, सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है, उसे सदन के सामने रख रहा हूं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में बड़ी गंभीरता पूर्वक कहा है कि ऐसा लगता है इस महान देश की प्रगति पर संदेह प्रकट करने, उसे कम करने और हर संभव मोर्चे पर उसे कमजोर करने का एक ठोस प्रयास किया जा रहा है. इस तरह के किसी भी प्रयत्न या प्रयास को आरंभ में ही रोक दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ये जो भावना व्यक्त की है, इस पर हम यहां वाले या वहां वाले, सदन के बाहर जो हैं, सबको गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है,. भारत में भी कुछ लोग हैं जो ऐसी ताकतों की मदद कर रहे हैं. देशवासियों को ऐसी ताकतों से सतर्क रहने की जरूरत है. 2014 में सरकार में आने के बाद देश के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस का इकोसिस्टम भी रहा है. ये इकोसिस्टम से मिली खाद पानी इसके दम पर ये कांग्रेस की मदद से ये इकोसिस्टम 70 साल तक फला-फुला है. मैं आज इस इकोसिस्टम को चेतावनी देता हूं, इकोसिस्टम की जो हरकतें हैं जिस तरह इकोसिस्टम ने ठान लिया है कि देश की विकास यात्रा को रोक देंगे, प्रगति को डिरेल कर देंगे. मैं आज बता देना चाहता हूं कि उसकी हर साजिश का जवाब अब उसी की भाषा में मिलेगा. ये देश देशविरोधी साजिशों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा. ये ऐसा कालखंड है जब दुनिया भारत की प्रगति को बहुत गंभीरता से ले रही है. अब चुनाव हो चुके हैं. 140 करोड़ देशवासियों ने पांच साल के लिए अपना निर्णय दे दिया है. आवश्यक है कि विकसित भारत के निर्माण के लिए, इस संकल्प की सिद्धि में इस सदन के सभी माननीय सदस्यों का योगदान होना चाहिए. मैं सभी को निमंत्रित करना चाहता हूं कि आप भी आगे आइए. देशहित के लिए हम साथ चलें, मिलकर के चलें और देशवासियों की इच्छा-आकांक्षा को पूरा करने में कोई कसर न रहने दें. पॉजिटिव राजनीति इस कालखंड में बहुत जरूरी है. अपने साथी पक्ष के साथ ही इंडी गठबंधन को कहना चाहूंगा कि आइए मैदान में, जहां-जहां आपकी सरकार है, गुड गवर्नेंस पर स्पर्धा करें. अच्छे काम के लिए एनडीए से स्पर्धा करें, विदेशी निवेश के लिए प्रयास करें. बीजेपी की सरकारों से, एनडीए की सरकारों से सकारात्मक स्पर्धा करें. जहां सेवा करने का मौका मिला है, वहां रोजगार के लिए स्पर्धा करें. उन्होंने शास्त्रों को कोट करते हुए कहा कि कर्म की गति गहन है. इसलिए झूठ, फरेब, डिबेट ऐसे जीतने की बजाय कर्म से, कुशलता से, सेवाभाव से लोगों के दिल जीतने के लिए कोशिश होनी चाहिए. जब 2014 में चुनकर आया था, जब 2019 में जीत के साथ आया था, तब भी इसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. मेरा हौसला अटूट है. उधर संख्या कितनी ही क्यों न हो, न हम झुकने वाले हैं और ना ही मेरी सरकार झुकने वाली है. ईश्वर सद्बुद्धि दें, बालक बुद्धि को भी सद्बुद्धि दें. कोलाहल कितना भी क्यों न हो, सत्य की आवाज को दबा नहीं सकता. सत्य की ताकत क्या होती है, आज मैंने जी करके देखा है. बहुत आनंद आया आज.
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदया ने अपने संबोधन में पेपर लीक पर भी चिंता जताई है. मैं भी हर विद्यार्थी को, हर नौजवान को कहूंगा कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है. युद्ध स्तर पर हम अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं, युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को कत्तई छोड़ा नहीं जाएगा. नीट के मामले में देशभर में पहले ही गिरफ्तारियां की जा रही हैं. पेपर लीक को लेकर सरकार पहले ही एक कड़ा कानून बना चुकी है. परीक्षा को पुख्ता करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेना को आधुनिक बनाने के लिए हम रिफॉर्म कर रहे हैं. हमारी सेनाओं के बीच लंबे समय से जो युद्धकाल को लेकर मत था कि सेनाओं में थिएटर कमांड जरूरी है. सीडीएस बनने के बाद संतोष के साथ कह सकता हूं कि थिएटर कमांड की दिशा में कदम बढ़ा है. सेना दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए होती है. युद्ध योग्य सेना बनाने के लिए रिफॉर्म कर रहे हैं. समय पर रिफॉर्म नहीं करने के कारण सेना का बहुत नुकसान हुआ है लेकिन ये सब कहने की बातें नहीं हैं और इस वजह से मुंह पर ताला लगाकर बैठा हूं. संसाधन बदल रहे हैं, शस्त्र बदल रहे हैं, टेक्निक बदल रही है, ऐसे में सेनाओं को सशक्त बनाना जरूरी है. ऐसे समय भी हम मुंह पर ताला लगाकर, गालियां खाकर काम कर रहे हैं. ये कांग्रेस क्या कर रही है, झूठ फैला रही है. कांग्रेस के लोग कभी भी भारतीय सेनाओं को ताकतवर होते नहीं देख सकते. कौन नहीं जानता कि नेहरूजी के समय देश की सेनाएं कितनी कमजोर होती थीं. जिन्होंने लाखों करोड़ों के घोटाले किए, यही ताकत थी जिसने देश की सेनाओं को कमजोर किया. इन्होंने देश आजाद हुआ तब से भ्रष्टाचार की परंपरा बनाई. जीप घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, बोफोर्स घोटाला हो, इन सारे घोटालों ने सेना की ताकत को बढ़ने से रोका है. वह भी एक वक्त था जब कांग्रेस के जमाने में हमारी सेनाओं के पास बुलेटप्रूफ जैकेट भी नहीं होते थे. सत्ता में रहते हुए सेना को कमजोर किया ही किया, विपक्ष में जाने के बाद भी सेना को कमजोर करने के लगातार प्रयास होते रहे. जब ये कांग्रेस सरकार में थी, फाइटर जेट नहीं लिए और जब हमने कोशिश की तो कांग्रेस हर तरह की साजिश पर उतर आई, फाइटर जेट एयरफोर्स तक न पहुंच पाए, इसके लिए हर तरह की साजिश की गई. ये बालक बुद्धि देखिए, राफेल के छोटे-छोटे खिलौने बनाकर उड़ाते थे, सेनाओं का मजा लेते थे. कांग्रेस ऐसे हर रिफॉर्म का विरोध करती है जो सेना को मजबूती दे. अब कांग्रेस को ये पता चल चुका है कि नौजवानों की ऊर्जा ही सेना की सबसे बड़ी शक्ति है. सेना में भर्ती को लेकर सरासर झूठ फैलाया जा रहा है कि मेरे देश के नौजवान सेना में न जाएं. सदन के माध्यम से जानना चाहता हूं आखिर किसके लिए कांग्रेस हमारी सेनाओं को कमजोर करना चाहती है. किसके फायदे के लिए कांग्रेस वाले सेना के संबंध में इतना झूठ फैला रहे हैं. वन रैंक, वन पेंशन के लिए देश के वीर जवानों की आंखों में धूल झोकने का प्रयास किया गया है. इंदिरा गांधी ने इस व्यवस्था को खत्म किया था. दशकों तक कांग्रेस ने इसे लागू नहीं होने दिया गया. चुनाव आए तो 500 करोड़ रुपये दिखाकर सेनानायकों को मूर्ख बनाने की कोशिशें भी हुईं. एनडीए सरकार ने इसे लागू किया. भारत के पास संसाधन कितने सीमित क्यों न हों, कोरोना की कठिन लड़ाई के बावजूद एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये वन रैंक वन पेंशन के लिए दिए गए.
पीएम मोदी ने कहा कि सदन में इस झूठ की परंपरा को लेकर कठोर कार्रवाई करेंगे, ऐसी अपेक्षा है. कांग्रेस ने संविधान के मुद्दे पर भी देशवासियों से हमेशा झूठ बोला है. विनम्रतापूर्वक देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता हूं. देशवासियों को भी ये जानना बहुत जरूरी है. इमरजेंसी का ये 50वां वर्ष है. इमरजेंसी सत्ता के लोभ के कारण देश पर थोपा गया तानाशाही शासन था. कांग्रेस ने क्रूरता की सभी हदें पार कर दी थीं, अपने ही देशवासियों पर क्रूरता का पंजा फैलाया था. सरकारें गिराना, मीडिया को दबाना हर कारनामे संविधान की भावना, संविधान के एक-एक शब्द के खिलाफ थे. ये वो लोग हैं जिन्होंने देश के पिछड़ों के साथ, दलितों के साथ घोर अन्याय किया है. इसी कारण से बाबा साहब आंबेडकर ने कांग्रेस की दलित-पिछड़े विरोधी मानसिकता के कारण नेहरूजी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था. उन्होंने पर्दाफाश किया था कि कैसे नेहरूजी ने दलितों-पिछड़ों के साथ अन्याय किया. बाबासाहब ने कैबिनेट से इस्तीफा देते समय जो कारण बताए थे, वह इनकी मानसिकता को दर्शाते हैं. बाबासाहब ने कहा था कि अनुसूचित जातियों की उपेक्षा के कारण अपने आक्रोश को रोक नहीं सका. नेहरूजी ने बाबासाहब का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी. पहले षड़यंत्र पूर्वक चुनाव में हरवाया गया. इतना ही नहीं, इस पराजय का जश्न मनाया और खुशी उन्होंने व्यक्त की. एक पत्र में यह लिखित है इस खुशी का. बाबासाहब की तरह ही दलित नेता बाबू जगजीवन राम को भी उनका हक नहीं दिया गया. इमरजेंसी के बाद जगजीवन राम के पीएम बनने की संभावना थी. इंदिरा गांधी ने ये पक्का किया कि जगजीवन राम किसी भी कीमत पर पीएम न बने. एक किताब में लिखा है कि अगर बन गए तो वे हटेंगे नहीं. कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह के साथ भी यही व्यवहार किया. पिछड़ों के नेता, कांग्रेस के अध्यक्ष, बिहार के सपूत सीताराम केशरी के साथ भी अपमानित व्यवहार करने का काम इसी कांग्रेस ने किया. कांग्रेस आरक्षण की घोर विरोधी रही है. नेहरूजी ने तो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर आरक्षण का साफ-साफ विरोध किया था. इंदिरा गांधी ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट वर्षों तक ठंडे बस्ते में दबाए रखा था. राजीव गांधी जब विपक्ष में थे, उनका सबसे लंबा भाषण आरक्षण के खिलाफ था जो आज भी संसद के रिकॉर्ड में उपलब्ध है. आज एक गंभीर विषय पर आपका और देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. कल जो हुआ, देश के कोटि-कोटि वासी सदियों तक माफ नहीं करेंगे. 131 साल पहले स्वामी विवेकानंदजी ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है. विवेकानंदजी ने शिकागो में हिंदू धर्म के लिए दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था. हिंदू के कारण ही भारत की विविधता पनपी है और पनप रही है. गंभीर बात है कि आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है, गंभीर षड़यंत्र हो रहा है. ये कहा गया हिंदू-हिंदू हिंसक होते हैं. ये है आपका संस्कार, आपका चरित्र, आपकी सोच, आपकी नफरत. देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे. ये देश शताब्दियों तक इसे भूलने वाला नहीं है. कुछ दिन पहले हिंदुओं में जो शक्ति की कल्पना है, उसके विनाश की कल्पना की गई थी. ये देश सदियों से शक्ति का उपासक रहा है. ये बंगाल मां दुर्गा की, मां काली की पूजा करता है, उपासना करता है,आप उस शक्ति के विनाश की बात करते हो. ये वो लोग हैं जिन्होंने हिंदू आतंकवाद ये शब्द गढ़ने की कोशिश की थी. इनके साथी हिंदू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया ऐसे शब्दों से करें, ये देश कभी माफ नहीं करेगा. एक सोची-समझी साजिश के तहत इनका पूरा इकोसिस्टम हिंदू परंपरा को नीचा दिखाना, अपमानित करना, मजाक उड़ाना ये फैशन बना दिया है. हम बचपन से सीखते हुए आए हैं, गांव का हो शहर का हो, अमीर हो गरीब हो, ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है. ईश्वर का कोई भी रूप निजी स्वार्थ के लिए, प्रदर्शन के लिए नहीं होता. जिसके दर्शन होते हैं, उनके प्रदर्शन नहीं होते. हमारे देवी-देवताओं का अपमान 140 करोड़ देशवासियों के हृदय को गहरी चोट पहुंचा रहा है. निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस तरह से खेल. सदन में कल का दृश्य देखकर अब हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा कि क्या ये अपमान कोई संयोग है या बड़े प्रयोग की तैयारी है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये नया ड्रामा चलाया जा रहा है लेकिन देश ये जानता है कि ये हजारो करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में जमानत पर हैं, ओबीसी पर टिप्पणी के मामले में सजा पा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टिप्पणी को लेकर माफी मांगनी पड़ी है. इन पर वीर सावरकर के अपमान का मुकदमा है. इन पर देश की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष को हत्यारा कहने का मुकदमा है. इन पर कई अदालतों में झूठ बोलने के केस हैं. बालक बुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता है ना व्यवहार का ठिकाना होता है. बालक बुद्धि जब पूरी तरह से सवार हो जाती है तो ये सदन में भी किसी के गले पड़ जाते हैं. सदन में बैठकर भी आंखें मारते हैं. इनकी सच्चाई पूरा देश समझ गया है. इसलिए देश इनसे कह रहा है- तुमसे नहीं हो पाएगा. तुलसी दासजी कह गए हैं- जुठई लेना, जुठई देना, जुठई भोजन, जुठई चबेना. कांग्रेस ने जूठ को राजनीति का हथियार बनाया. कांग्रेस के मुंह जूठ लग गया है जैसे वो आदमखोर एनिमल होता है न जिसके मुंह पर लहु लग जाता है. वैसे कांग्रेस के मुंह जूठ का खून लग गया है. देश ने कल एक जुलाई को खटाखट दिवस भी मनाया है. एक जुलाई को लोग अपने बैंक अकाउंट चेक कर रहे थे कि 8500 रुपये आए कि नहीं आए. झूठ नैरेटिव का परिणाम देखिए, कांग्रेस ने देशवासियों को गुमराह किया, माताओं-बहनों को हर महीने 8500 रुपये देने का झूठ. माताओं-बहनों के दिल को जो चोट लगी है, वह कांग्रेस को तबाह करने वाली है. ईवीएम को लेकर झूठ, संविधान को लेकर झूठ, राफेल को लेकर झूठ, बैंकों को लेकर झूठ. हौसला तो इतना बढ़ गया कि कल सदन को भी गुमराह करने का प्रयास हुआ. अग्निवीर को लेकर भी झूठ बोला गया. कल भरपूर असत्य बोला गया. संविधान की गरिमा से खिलवाड़ सदन का दुर्भाग्य है. अनेक बार जीतकर आए लोग सदन की गरिमा से खिलवाड़ करें, ये शोभा नहीं देता. जो दल 60 साल तक यहां बैठा है, जो सरकार के काम को जानता है, जिसके पास अनुभवी नेताओं की श्रृंखला है, वह दल जब झूठ के रास्ते को चुन ले तब देश गंभीर संकट की ओर जा रहा है, इस बात का संकेत है. यह महापुरुषों का अपमान है, आजादी दिलाने वालों का अपमान है. आप सहृदयी हैं, अब जो हो रहा है, कल जो हुआ है, उसे गंभीरता से लिए बिना हम संसदीय लोकतंत्र को रक्षित नहीं कर पाएंगे. अब बालक बुद्धि कहकर के इन हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. इसके पीछे इरादे नेक नहीं, गंभीर खतरे के हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने विकास के रास्ते को चुना है, देश को समृद्धि का एक नया सफर शुरू करना है, ऐसे समय में ये देश का दुर्भाग्य है कि छह दशक तक राज करने वाली पार्टी अराजकता फैलाने में जुटी हुई है. ये दक्षिण में जाकर उत्तर के खिलाफ बोलते हैं. इन्होंने भाषा के आधार पर बांटने की हर कोशिश की है. जिन नेताओं ने भाषा के आधार पर एक हिस्से को देश से अलग करने की बात कही थी, उसे टिकट देकर कांग्रेस ने पाप किया है. कांग्रेस एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का प्रयास कर रही है. एक हिस्से के लोगों को दूसरे हिस्से के लोगों से हीन बताकर अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है. आर्थिक आधार पर भी राज्यों में अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं. जिस तरह से उनके राज्यों में कदम उठा रहे हैं, वह रास्ता आर्थिक अराजकता की ओर जाने वाला है. इनके राज्य देश पर बोझ न बन जाएं. मंचों से घोषणा की गई कि चार जून को अगर इनके मनमुताबिक परिणाम नहीं आए तो आग लगा दी जाएगी. ये इनका मकसद है. सीएए को लेकर जो अराजकता फैलाई गई, देश के लोगों को गुमराह करने का जो खेल खेला गया, पूरा इकोसिस्टम इस बात पर बल देता रहा ताकि उनके राजनीतिक मकसद पूरे हों. दंगों में झोकने के कुत्सित प्रयास देश ने देखे हैं, आजकल सिम्पैथी गेन करने का एक नई ड्रामेबाजी शुरू की गई है. नया खेल खेला जा रहा है. एक किस्सा सुनाता हूं. एक बच्चा स्कूल से आया और जोर-जोर से रोने लगा. उसकी मां भी डर गई क्या हो गया. वह कहने लगा मां मुझे स्कूल में मारा गया. आज उसने मारा, इसने मारा और रोने लगा. मां ने बात पूछी तो बता नहीं रहा था. बच्चा ये नहीं बता रहा था कि उस बच्चे ने किसी बच्चे को मां की गाली दी थी, किताबें फाड़ दी थी, टीचर को चोर कहा था, किसी का टिफिन चुराकर खा गया था. हमने कल सदन में यही बचकाना हरकत देखी है. कल यहां बालक बुद्धि का विलाप चल रहा था.
पीएम मोदी ने कहा कि 1984 के बाद देश में 10 चुनाव हुए हैं और 10 चुनावों में कांग्रेस ढाई सौ का आंकड़ा नहीं छू पाई है. इस बार ये किसी तरह 99 के फेर में फंसे हैं. मुझे एक किस्सा याद आता है. 99 मार्क्स लेकर एक व्यक्ति घूम रहा था और दिखाता था कि देखो 99 मार्क्स आए हैं. लोग भी शाबासी देते थे. टीचर आए और कहा कि किस बात की बधाई दे रहे हो. ये सौ में से 99 नहीं लाया. ये 543 में से 99 लाया है. अब बालक बुद्धि को कौन समझाए. कांग्रेस के नेताओं के बयानों में बयानबाजी ने शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है. आप सबको शोले फिल्म की मौसीजी याद होंगी. तीसरी बार तो हारे हैं पर मौसी मोरल विक्ट्री तो है न. 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं. अरे मौसी 13 राज्यों में जीरो सीटें आई हैं पर हीरो तो हैं न. अरे पार्टी की लुटिया तो डुबोई है. अरे मौसी पार्टी अभी भी सांसें तो ले रही है. कांग्रेस के लोगों को कहूंगा कि जनादेश को फर्जी जीत के जश्न में मत दबाओ. फर्जी जीत के नशे में मत डुबाओ. ईमानदारी से जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो. मुझे नहीं पता कि कांग्रेस के जो साथी दल हैं, उन्होंने इस चुनाव का विश्लेषण किया है कि नहीं किया है. ये चुनाव इन साथियों के लिए भी एक संदेश है. अब कांग्रेस पार्टी 2024 से एक परजीवी कांग्रेस के रूप में जानी जाएगी. 2024 से जो कांग्रेस है, वो परजीवी कांग्रेस है और परजीवी वो होता है जो जिस शरीर के साथ रहता है, उसी को ही खाता है. कांग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करती है, उसी के वोट खा जाती है और अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर वो फलती-फूलती है और इसीलिए कांग्रेस, परजीवी कांग्रेस बन चुकी है. यह तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं. आपके माध्यम से सदन और सदन के माध्यम से देश के सामने कुछ आंकड़े रखना चाहता हूं. जहां-जहां बीजेपी-कांग्रेस की सीधी फाइट थी, जहां कांग्रेस मेजर पार्टी थी, वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 परसेंट है. लेकिन जहां वो किसी का पल्लू पकड़ के चलते थे, ऐसे राज्यों में उनका स्ट्राइक रेट 50 परसेंट है. कांग्रेस की 99 सीटों में से ज्यादातर सीटें उनके सहयोगियों ने जिताया है और इसलिए कह रहा हूं कि परजीवी कांग्रेस है. 16 राज्यों में कांग्रेस जहां अकेले लड़ी, वोट शेयर गिर चुका है. गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश, तीन राज्यों में जहां कांग्रेस अपने दम पर लड़ी और 64 में से सिर्फ दो सीट जीत पाई है. इसका साफ मतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह परजीवी बन चुकी और अपने सहयोगी दलों के कंधे पर चढ़कर के सीटों का आंकड़ा बढ़ाया है. कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के जो वोट खाए हैं, न खाए होते तो लोकसभा में उनके लिए इतनी सीटें जीत पाना भी बहुत मुश्किल था.
विपक्षी सांसद वेल में आकर नारेबाजी कर रहे हैं. विपक्षी सांसदों पर स्पीकर ओम बिरला भड़क गए. स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को फटकार लगाई और विपक्ष के नेता से कहा कि आपको 90 मिनट बोलने का मौका दिया. आप इतनी बड़ी पार्टी लेकर चल रहे हो, ऐसा नहीं चलता है. पांच साल ऐसे ही नहीं चलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि हम तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लेकर चले हैं. हमारे तीसरे टर्म में तीन गुना स्पीड से काम करेंगे, तीन गुना शक्ति लगाएंगे, देशवासियों को तीन गुना परिणाम लाकर के देंगे. पीएम मोदी ने 60 साल बाद लगातार किसी सरकार के आने का जिक्र किया और कहा कि लोकसभा चुनाव के साथ ही चार राज्यों में भी चुनाव थे. हमने इन चार राज्यों में भी अभूतपूर्व परिणाम हासिल किए हैं. महाप्रभु जगन्नाथजी की धरती ओडिशा ने हमें आशीर्वाद दिया है, आंध्र प्रदेश में क्लीन स्वीप किया है. सूक्ष्मदर्शी से भी ये (विपक्ष) नजर नहीं आते हैं. अरुणाचल में फिर सरकार बनाई है, सिक्किम में भी एनडीए की सरकार बनी है. राजस्थान में भी जीत हासिल की थी. केरला में इस बार खाता खुला है. केरला से हमारे सांसद हमारे साथ बैठते हैं. तमिलनाडु में बीजेपी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है. कर्नाटक, यूपी और राजस्थान में पिछली बार की तुलना में वोट परसेंट बढ़ा है. आने वाले समय में तीन राज्यों में चुनाव हैं- महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड. पिछली विधानसभा में तीन राज्यों में हमें जितने वोट मिले थे, इन चुनावों में हमें उससे भी ज्यादा वोट मिले हैं. पंजाब में भी अभूतपूर्व समर्थन मिला है और हमें बढ़त मिली है. जनता जनार्दन का भरपूर आशीर्वाद हमारे साथ है. कांग्रेस के लिए भी इस देश की जनता ने जनादेश दिया है. ये जनादेश है- वहीं बैठो. विपक्ष में ही बैठो और तर्क खत्म हो जाए तो चीखते रहो चिल्लाते रहो. कांग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है जब लगातार तीन बार कांग्रेस सौ का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है. कांग्रेस के इतिहास में ये तीसरी सबसे बड़ी हार है. तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है. अच्छा होता कांग्रेस अपनी हार स्वीकार करती, जनता जनार्दन के आदेश को स्वीकार करती, आत्ममंथन करती. लेकिन ये तो शीर्षासन करने में लगे हैं. ये दिन-रात नागरिकों के मन में यह स्थापित करने में लगे हैं कि जनता ने हमें हरा दिया है. आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है और कांग्रेस के लोग, उनका इकोसिस्टम ये मन बहलाने का काम कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश का एक-एक नागरिक जानता है कि अपनी सुरक्षा के लिए भारत कुछ भी कर सकता है. उन्होंने आर्टिकल 370 का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान सिर पर रखकर नाचने वाले लोग इसे जम्मू कश्मीर में लागू करने का साहस नहीं कर सकते थे. आज 370 की दीवार गिरी, पत्थरबाजी बंद है और लोग भारत के संविधान में भरोसा करते हुए बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं. 140 करोड़ लोगों में ये विश्वास पैदा होना, इस विश्वास ने ड्राइविंग फोर्स का काम किया है. ये विश्वास विकसित भारत, संकल्प से सिद्धि का विश्वास है. जब आजादी की जंग चल रही थी और जो भाव, जो जोश, जो उमंग देश में था कि आजादी लेकर रहेंगे. आज देश के कोटि-कोटि जनों में वह विश्वास पैदा हुआ है जिसकी मजबूत नींव का चुनाव में शिलान्यास हो चुका है. जो ललक आजादी के आंदोलन में थी, वही ललक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में है. आज भारत 10 साल में ऐसी स्थिति में पहुंचा है कि हमें खुद से ही प्रतिस्पर्धा करनी है, अपने रिकॉर्ड तोड़ने हैं और नेक्स्ट लेवल पर विकास यात्रा को ले जाना है. पिछले 10 साल में हमने जो स्पीड पकड़ी है, अब मुकाबला उसे और अधिक स्पीड में ले जाने की है. हम हर क्षेत्र को नेक्स्ट लेवल तक ले जाएंगे. 10 साल में भारत की इकोनॉमी को पांच नंबर ले गए हैं. अब जिस गति से निकले हैं, नंबर तीन पर ले जाएंगे. 10 साल में हमें भारत को मोबाइल फोन का बड़ा मैन्यूफैक्चरर बना दिया, एक्सपोर्टर बना दिया. अब यही काम इस टेन्योर में सेमी कंडक्टर और अन्य सेक्टर्स में करने जा रहे हैं. दुनिया के महत्वपूर्ण कामों में जो चिप्स काम आएंगी, वह भारत की मिट्टी में तैयार हुई होगी. आधुनिक भारत की ओर भी जाएंगे लेकिन पैर जनसामान्य की जिंदगी से जुड़े रहेंगे. चार करोड़ गरीबों के घर बना चुके हैं, तीन करोड़ और घर बनाकर किसी को घर के बिना ना रहना पड़े, ये देखेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के उन दिनों को याद करेंगे तो हमें ध्यान आएगा कि देश के लोगों का आत्मविश्वास खो चुका था. देश निराशा के सागर में डुबा था. 2014 के पहले देश ने जो सबसे बड़ा नुकसान भुगता था, अमानत खोई थी, वह था आत्मविश्वास. 2014 के पहले यही शब्द सुनाई देते थे- इस देश का कुछ नहीं हो सकता. .ये सात शब्द भारतीयों की निराशा की पहचान बन गए थे. अखबार खोलते थे तो घोटालों की खबरें ही पढ़ने को मिलती थीं. रोज नए घोटाले, घोटाले ही घोटाले. घोटालों की घोटालों से स्पर्धा, घोटालेबाज लोगों के घोटाले., बेशर्मी के साथ ये स्वीकार भी कर लिया जाता था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो 15 पैसे पहुंच पाते थे. भाई-भतीजावाद इतना फैला हुआ था कि सामान्य नौजवान तो आशा छोड़ चुका था कि अगर कोई सिफारिश करने वाला नहीं है तो जिंदगी ऐसे ही चलेगी. ऐसे कालखंड में हमारी सरकार आई थी. 10 साल में हमारी सरकार की कई सिद्धियां हैं. देश निराशा के गर्त से निकला. धीरे-धीरे देश के मन में स्थिर हो गया, जो 2014 से पहले कहते थे कि कुछ नहीं हो सकता. वो आज कहते हैं कि देश में सब संभव है. ये विश्वास जताने का काम हमने किया. आज देश कहने लगा तीव्र गति से 5जी का रोलआउट होना, देश कहने लगा भारत कुछ भी कर सकता है. कोयला घोटाले में बड़े-बड़ों के हाथ काले हो गए थे और आज कोयला प्रोडक्शन बढ़ा है. वो एक समय था 2014 से पहले जब फोन बैंकिंग करके बड़े बड़े घोटाले किए जा रहे थे. पर्सनल प्रॉपर्टी की तरह बैंक का खजाना लूट लिया गया था. 2014 के बाद नीतियों में परिवर्तन का परिणाम है कि दुनिया के अच्छे बैंकों में भारत के बैंकों का स्थान बन गया. 2014 के पहले वह भी एक वक्त था जब आतंकी आकर के जब जहां चाहें, हमला कर सकते थे. निर्दोष लोग मारे जाते थे, कोने-कोने को टारगेट किया जाता था और सरकारें मुंह तक खोलने को तैयार नहीं थीं. 2014 के बाद का हिंदुस्तान घर में घुसकर मारता है, सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक करता है और आतंक के आकाओं को भी सबक सिखाने का सामर्थ्य दिखा दिया है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी नीतियों को देखा है. हमारी नीयत, हमारी निष्ठा पर जनता ने भरोसा किया है. इस चुनाव में हम जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ आशीर्वाद मांगने गए थे और हमने आशीर्वाद मांगा था विकसित भारत के हमारे संकल्प के लिए. इसके लिए एक प्रतिबद्धता के साथ जनसामान्य का कल्याण करने के इरादे से गए थे. जनता ने विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगाकर के फिर से एक बार विजयी बनाकर सेवा का मौका दिया है. जब देश विकसित होता है, कोटि-कोटि जनों के सपने पूरे होते हैं, संकल्प सिद्ध होते हैं, आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मजबूत नींव तैयार हो जाती है. विकसित भारत का सीधा-सीधा लाभ हमारे देश के नागरिकों की गरिमा, क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार, स्वाभाविक रूप से भाग्य में आता है. आजादी के बाद सामान्य नागरिक इन चीजों के लिए तरसता रहा है. हमारे गांव, शहरों की स्थिति में भी बहुत बड़ा सुधार होता है. गांव के जीवन में गरिमा भी होती है, विकास के नए अवसर भी होते हैं. दुनिया की विकास यात्रा में भारत के शर भी बराबरी करेंगे, ये हमारा सपना है. विकसित भारत का मतलब होता है कोटि-कोटि नागरिकों को अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं और वो अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे सकता है. देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर हम चले हैं, उसकी पूर्ति के लिए हम भरसक प्रयास करेंगे, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे. हमारे समय का पल-पल, शरीर का कण-कण विकसित भारत के सपने को साकार करने में लगाएंगे. हम उस काम को अवश्य पूरा करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति भी देखी और तुष्टिकरण की गवर्नेंस का मॉडल भी देखा. देश ने पहली बार सेक्यूलरिज्म का एक पूरा, हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण के विचार को लेकर चले हैं. जब हम संतुष्टिकरण की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि आखिरी व्यक्ति तक लाभ पहुंचे. जब हम सैचुरेशन के सिद्धांत की बात करते हैं तो ये सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय और सेक्यूलरिज्म होता है. और इस पर देश की जनता ने हमें तीसरी बार बैठाकर मुहर लगा दी है. अपीजमेंट ने देश को तबाह करके रखा है. हम जस्टिस टू ऑल, अपीजमेंट टू नन का सिद्धांत लेकर चले हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जनता ने हमारी 10 साल की सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखा है. हमने जनसेवा ही ईश्वर सेवा को मंत्र बनाकर काम किया. देश ने हमें भ्रष्टाचार को लेकर जो जीरो टॉलरेंस नीति है, उसके लिए आशीर्वाद दिया है. आज विश्व में भारत का गौरव हो रहा है. दुनिया में साख बढ़ी है. भारत को देखने का गौरवपूर्ण नजरिया भी हर भारतवासी अनुभव कर रहा है. हमारा एकमात्र लक्ष्य नेशन फर्स्ट है. भारत सर्वप्रथम है. हमारी हर नीति, हर निर्णय, हर कार्य का एक ही तराजू रहा है- भारत प्रथम. भारत प्रथम की भावना के साथ जो जरूरी रिफॉर्म थे, उनको भी लगातार जारी रखा है. 10 साल में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को लेकर के सबका कल्याण करने का प्रयास करती रही है.
लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे रहे हैं. प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया. विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच पीएम का संबोधन जारी है. स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि ये कोई तरीका नहीं है.
पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, विपक्षी सांसदों ने हंगामा कर दिया.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी का एनडीए के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारों से स्वागत किया. पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे.
निशिकांत दुबे ने कहा कि जो विपक्ष मुस्लिम पॉलिटिक्स करता रहा, वह आज हिंदू-हिंदू चिल्ला रहा है. जिस सीट से अवधेश पासी जीतकर आए हैं, उसका नाम अयोध्या नहीं फैजाबाद है. किसी ने फैजाबाद नहीं कहा. सबने अयोध्या कहा. यही मोदी की जीत है, यही बीजेपी की जीत है. रामचरितमानस की चौपाई 'राम रमापति करधन लेहू ,खैंचहु चाप मिटहि संदेहू' का उल्लेख करता हुए कहा कि निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्होंने पूरे देश को ये मैसेज दे दिया कि ये देश हिंदू है, हिंदू राष्ट्र है और मुसलमान के नाम पर कोई राजनीति नहीं हो सकती है. फैजाबाद का नाम अपोजिशन के किसी व्यक्ति ने नहीं लिया.
अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर के पास पानी भरा है. सड़क पर कीचड़ भरा है. जो लोग मंदिर जाएंगे, वह सारा कीचड़ पार कर मंदिर में जाएंगे. अयोध्या में सर्किल रेट निर्धारित नहीं हुआ है. किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव लेकर बाहर के लोगों को वहां बसाने का काम किया गया है.
भीमा कोरेगांव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां दलितों का विवाद हुआ वहां के लोगों से. 16 लोगों को यह कहकर गिरफ्तार किया गया कि ये अर्बन नक्सल हैं. 17 से अब तक चार्जशीट दायर नहीं हुआ. उन्होंने एनटीए चीफ को लेकर सवाल किया कि उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि ये वही व्यक्ति हैं जो 2007 में व्यापम के रचयिता थे. पीएम मोदी को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आप कहां से अवतरित हुए हैं, ये ईश्वर जानते हैं या आपकी माताजी जानें. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने वापस लेने के लिए कहा. दिग्विजय सिंह ने इसे वापस लेते हुए खेद प्रकट किया.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संविधान एक किताब नहीं जिसे चूमा जाए और दिखाया जाए. संविधान एक सिंबल भी है. इसमें हर समुदाय और मजहब को मानने वालों की राय को शामिल किया जाए. मगर यहां सिर्फ चार फीसदी मुसलमान जीतकर आता है. मैं कहना चाहूंगा कि कभी पढ़ो नेहरू ने क्या कहा था. ओबीसी समाज के एमपी अब अपर कास्ट के बराबर हो चुके हैं लेकिन 14 फीसदी मुसलमान और चार फीसदी जीतकर आते हैं. उन्होंने सीएसडीएस के डेटा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये जीत आपकी नहीं, बहुसंख्यकवाद की है. मनसुख मंडाविया ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि माननीय सदस्य ने जो कहा है, उसको ऑथेंटिकेट किया जाए. मोदी के बुलडोजर को भी ऑथेंटिकेट किया जाए. ओवैसी ने कहा कि मंत्रीजी के पेट में दर्द हुआ, धन्यवाद. मोदीजी को जो मैंडेट मिला है वह सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों से नफरत के बल पर मिला है. उन्होंने आगे कहा कि आज भारत के आधे नौजवान बेरोजगार हैं. बेरोजगारी का आलम यह है कि छह पेपर लीक हो गया. रसिया जा रहे हैं और जान दे रहे हैं. मोदी सरकार कैंप चला रही है कि इजरायल जाकर काम करो. इजरायल को हथियार जा रहे हैं, नस्लकशी हो रही है. क्यों नहीं मोदी सरकार डिमांड ड्रिवेन कर रही है. पन्नू केस में निखिल गुप्ता को किसने ऑर्डर दिया था मारने का. अगर नहीं दिया तो उसको बचाइए. अपनी तकरीरको टीपू सुल्तान की फोटो है, क्या आप इसपर भी नफरत करेंगे. संविधान में टीपू सुल्तान की फोटो है और उस पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने साइन किए थे.ओवैसी ने शायरी के साथ अपनी बात पूरी की- 'क्या दिन दिखा रही है सियासत की धूप-छांव...'
पंजाब की सांसद हरसिमरत कौर ने कहा कि ये चार सौ पार का नारा देकर 240 पर रहे और खुश हैं. ये 50 से 99 पर पहुंचकर खुश हैं. हमें तो समझ ही नहीं आ रहा. इस चुनाव में बहुत माइग्रेशन हुए. उन्होंने कहा कि कल राहुल जी कह रहे थे पूरे अपोजिशन का लीडर हूं. तो मैं चाहूंगी कि एकबार आप कन्फर्म कर दें कि आप आम आदमी पार्टी के भी लीडर हैं. पंजाब में ये कुछ और बोलते हैं और देश में कुछ और बोलते हैं. हरसिमरत ने ट्रेड के लिए वाघा बॉर्डर के हुसैनीवाला बॉर्डर खोलने की मांग की और किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी देने की मांग भी उठाई. हरसिमरत ने नशाखोरी का मुद्दा उठाया और कहा कि कांग्रेस ने धर्म ग्रंथ की कसम खाई कि चार दिन में खत्म कर देंगे. आम आदमी पार्टी ने कसम खाई कि 10 दिन में खत्म कर देंगे. किसी ने कुछ नहीं किया. हर रोज सैकड़ों ड्रोन ड्रग्स की गोलियां लेकर आ रहे हैं. कोई रोक-टोक नहीं है. पंजाब के बॉर्डर के इलाकों के लिए इंडस्ट्रियल पैकेज दिया जाए. अल्पसंख्यकों के मंत्रालय में दखलंदाजी बंद करो. सिखों के साथ आज हो क्या रहा है, सारी कमेटियों पर कब्जा कर रहे हो.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सभापति जगदीप धनखड़ ने टोका. उन्होंने कहा कि बार-बार जयराम रमेश आपके बीच में बोल रहे हैं. इस पर खड़गे खड़े हुए और कहा कि मुझे किसी रमेश ने नहीं बनाया है और ना ही आपने बनाया है. मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं, सोनिया गांधी. मुझे जनता ने बनाया है.
कल्याण बनर्जी ने कहा कि इतना लंबा पीएम मोदी और अमित शाह को एकमोडेट करने के लिए. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई पर भी सवाल उठाए. कल्याण बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदीजी, आप प्रधानमंत्री हैं आपकी इज्जत करते हैं. आप सीनियर हैं. मैं श्रीरामपुर से 1 लाख 75 हजार वोट से अधिक के अंतर से जीतकर आया हूं, मोदीजी के बहुत ऊपर से. 10 साल में कभी पीएम की ओर से विपक्ष के लिए सॉफ्ट-स्वीट वर्ड नहीं सुना. किसी गैर बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री के लिए अच्छा भाव नहीं देखा.
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद् कल्याण बनर्जी ने सीआईएसएफ के दो जवानों की गिरफ्तारी से लेकर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि सात फेज में चुनाव क्यों हुए. इस पर ट्रेजरी बेंच की ओर से हंगामा हुआ. स्पीकर ओम बिरला ने कल्याण बनर्जी को टोकते हुए कहा कि आप वरिष्ठ सदस्य हैं, चुनाव आयोग जैसी संस्था की विश्वसनीयता पर सदन में सवाल न ही उठाएं तो बेहतर होगा.
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से बीजेपी सांसद संतोष पाण्डेय ने अखिलेश यादव पर शायराना अंदाज में पलटवार करते हुए कहा- जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा, आके बैठे हो फलसफे पे... तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है... संतोष पाण्डेय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जो महादेव-महादेव कर रहे थे, छत्तीसगढ़ में आपके मुख्यमंत्री उनके नाम पर सट्टा चला रहे थे. संतोष पाण्डेय ने हिंदू और हिंसा को लेकर कन्हैया लाल हत्याकांड से लेकर जम्मू कश्मीर तक, सवाल किया कि ये किस समाज के हैं. संसद के अंदर मर्यादा को तार-तार करने की कोशिश की गई है, राहुल गांधीजी आपने जिस प्रकार से हिंदुत्व का अपमान किया है, आपकी ही पार्टी के सांसद इमरान मसूद ने मॉब लिंचिंग की बात कही है. बताना चाहता हूं कि वो क्या काम करने गए थे छत्तीसगढ़ में. शाजा की लिंचिंग की बात कीजिए. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की पंक्तियां 'हिंदू तन मन...'सुनाया.
अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना की बात की और साथ ही अग्निवीर योजना को लेकर भी सरकार को घेरा. अखिलेश ने कहा कि मैं खुद सैनिक स्कूल से पढ़ा हूं. अग्निवीर योजना के सहारे सीमा सुरक्षा नहीं की जा सकती. इंडिया ब्लॉक जब भी सत्ता में आएगा, अग्निवीर योजना को समाप्त करने का काम करेगा. उन्होंने एमएसपी को लेकर कहा कि जो मंडी नहीं बना पाए, वो एमएसपी की लीगल गारंटी क्या देंगे. अखिलेश यादव ने ओल्ड पेंशन स्कीम का जिक्र राष्ट्रपति के अभिभाषण में नहीं होने का जिक्र किया और कहा कि बुनकरों के लिए पुरानी सरकारों की योजनाएं बंद कर दी गई है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने नौजवानों को नौकरी नहीं दी है, बहुत नौकरी उनसे छीने हैं. इसलिए मैं कहूंगा कि आपके राज में न नौकरी की उम्मीद है न रोजगार. क्योंकि आपने छोटे कारोबारी को इतना छोटा बना दिया है कि वह न तो रोजगार दे सकते हैं न अपना रोजगार चला सकते हैं. कुछ नौकरियां आती भी हैं तो इंटीग्रिटी के नाम पर संगी-साथियों को रख लिया जाता है. आरक्षण के साथ जितना खिलवाड़ इस सरकार ने किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया होगा. नौकरी जानबूझकर नहीं दी जा रही है कि आरक्षण देना पड़ेगा. आशा है ये सरकार तब तक चलेगी, तब तक उसके केंद्र में गरीब, महिला, किसान नौजवान के लिए कागजी नहीं, सच में इंतजाम होगा. हमें उम्मीद है कि अगली बार राष्ट्रपति का अभिभाषण हो, सरकारी भाषण न हो. सच्चाई के साथ सरकार अपनी बातें रखें.
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस यूपी ने बीजेपी की सरकार बनवाई, उस यूपी से भेदभाव किया गया. उन्होंने एक्सप्रेसवे को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि जो भी एक्सप्रेसवे बने हैं, यूपी के बजट से बने हैं. केंद्र ने एक भी एक्सप्रेसवे नहीं दिया है. अखिलेश ने कहा कि पीएम ने जिस गांव को गोद लिया था, उसकी तस्वीर भी नहीं बदली. 10 साल में वही कच्ची पगडंडिया हैं, वही टूटी सड़कें हैं. इन्हें तो पता नहीं नाम भी याद होगा या नहीं. नाम पूछकर शर्मिंदा नहीं करूंगा. जिसे गोद लिया जाता है, उसे अनाथ छोड़ देना अच्छी बात नहीं.
अखिलेश यादव ने लोकसभा में सरकार पर शायराना हमला करते हुए कहा- हजूर-ए-आला आज तक खामोश बैठे हैं इसी गम में, महफिल लूट ले गया कोई जबकि सजाई हमने. उन्होंने कहा कि जब आदर्श आचार संहिता लागू हुआ, हमने देखा कि चुनाव आयोग कुछ लोगों पर मेहरबान रहा. वह संस्था निष्पक्ष होगी तो भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि ईवीएम पर मुझे आज भी भरोसा नहीं है. 80 की 80 सीटें जीत जाऊं तब भी नहीं होगा. हमने चुनाव में भी कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाएंगे.
अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों के भुगतान से लेकर पेपर लीक तक, सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है. उन्होंने कहा कि एक जीत और हुई है. अयोध्या की जीत का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं- होइहीं सोई जो राम रची राखा. ये है उसका फैसला जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज, जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार. उन्होंने 'हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम...' कविता भी सुनाई.
अखिलेश यादव ने कहा कि बनारस के लोग क्योटो की फोटो लेकर उसे गंगाजी तक खोज रहे हैं. शायद गंगाजी जिस दिन साफ हो जाएंगी, उस दिन गंगाजी की गोद से क्योटो निकल आए. उन्होंने स्मार्ट सिटी को लेकर सरकार पर तंज करते हुए कहा कि बारिश की शुरुआत में ही नाव सड़कों पर आई है.
अखिलेश यादव ने कहा कि 15 अगस्त का दिन देश की आजादी का दिन है तो 4 जून सांप्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन है. इस चुनाव ने तोड़ने वाली राजनीति को तोड़ दिया और जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है. हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है और संविधान रक्षकों की जीत हुई. ये देश किसी की व्यक्तिगत आकांक्षा से नहीं, जन-आकांक्षा से चलेगा. मतलब अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी कहते हैं कि पांचवी बड़ी इकोनॉमी बनाएंगे लेकिन पर कैपिटा इनकम कहां है. उन्होंने यूपी की चर्चा करते हुए कहा कि जहां से प्रधानमंत्री जी आते हैं, वहां की सरकार कह रही है कि 3 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाएंगे. इसके लिए 35 परसेंट ग्रोथ रेट चाहिए जो मुझे नहीं लगता कि यूपी हासिल कर पाएगा.
अखिलेश यादव ने लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में बोलते हुए सभी सांसदों और स्पीकर को बधाई दी. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि सभी समझदार और बुद्धिमान मतदाताओं को धन्यवाद देता हूं. अखिलेश ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है. जनता कह रही है ये चलने वाली नहीं, गिरने वाली सरकार है.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने वीणा मस्तान राव यादव, मदन राठौर को जन्मदिन की बधाई दी.
बांसुरी स्वराज ने लोकसभा में राहुल गांधी के खिलाफ नियम 115 के तहत नोटिस दिया है.
लोकसभा और राज्यसभा, संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है. राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने जय संविधान का नारा लगाया.
18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र का आज सातवां दिन है. संसद सत्र के सातवें दिन लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी.
सपा प्रमुख और लोकसभा में पार्टी के फ्लोर लीडर अखिलेश यादव राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में शामिल होंगे. लोकसभा में अखिलेश यादव का संबोधन आज 11 बजे से होना है.
एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने सांसदों को अच्छे आचरण की नसीहत दी है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी की भाषा ठीक नहीं थी. उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों से कहा है कि हमें संसद में वैसा बर्ताव नहीं करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देंगे. पीएम मोदी शाम 4 बजे लोकसभा और कल यानि 3 जून को राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देंगे. यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी है. किरेन रिजिजू ने ये भी कहा कि एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम ने सांसदों को आचरण को लेकर भी सीख दी है.