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Parliament special session live: महिला आरक्षण बिल पास, ऐतिहासिक विधेयक पर लोकसभा ने लगाई मुहर

aajtak.in | नई दिल्ली | 20 सितंबर 2023, 9:48 PM IST

Parliament Special Session watch live: लोकसभा में दूसरे दिन चली लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल पास हो गया. महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े. जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े. लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ. लोकसभा में पर्ची के जरिए वोटिंग हुई.

महिला आरक्षण बिल पर सदन में दूसरे दिन भी चर्चा हुई महिला आरक्षण बिल पर सदन में दूसरे दिन भी चर्चा हुई

Special Parliament Session Live: लोकसभा में दूसरे दिन चली लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल पास हो गया. महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े. जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े. लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ. लोकसभा में पर्ची के जरिए वोटिंग हुई. अब लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. आरक्षण लागू होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी. महिला आरक्षण फिलहाल 15 साल के लिए लागू होगा, जो संसद की मंजूरी के बाद बढ़ सकता है.

बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा के दौरान  राहुल गांधी ने इस बिल पर अपनी बात रखी, उन्होंने इसका समर्थन किया. साथ ही मोदी सरकार पर निशाना भी साधा. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि  दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीन स्वरूप हैं देवियों के. मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं, सरस्वती विद्या औऱ मां लक्ष्मी वैभव का स्वरूप हैं. इन तीनों स्वरूपों ने हमारे पुर्खों ने मां की ही कल्पना की है. साथ ही कहा कि मेरी अपील है कि सभी लोग इस बिल का समर्थन करें.

इससे पहले AIMIM के मुखिया ओवैसी ने बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल 'सवर्ण' महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. इस बिल से ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर असर पड़ेगा. यह महिलाओं को धोखा देने वाला बिल है.

7:34 PM (एक वर्ष पहले)

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल दो तिहाई बहुमत से पास

Posted by :- Hemant Pathak

लोकसभा में लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण बिल बुधवार शाम को पास हो गया. महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े. लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हो गया है. बता दें कि इसके विरोध में सिर्फ 2 वोट ही पड़े हैं. संविधान संशोधन के लिए सदन की संख्या के दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है. जबकि किसी नॉर्मल बिल को पास कराने के लिए सदन में 50 फीसदी से ज्यादा सदस्य मौजूद होने चाहिए. उसका दो तिहाई बहुमत से उसे पारित किया जाना चाहिए. लेकिन ये संविधान संशोधन विधेयक था, लिहाजा कांग्रेस के साथ अन्य विपक्षी दलों ने भी सरकार का साथ दिया. हालांकि कुछ लोगों ने विरोध जताया लेकिन सरकार के साथ खड़े दिखाई दिए.   

 
 

7:29 PM (एक वर्ष पहले)

महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में वोटिंग जारी, ये है मतदान की प्रोसेस

Posted by :- Hemant Pathak

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग शुरू हो गई है. सदस्य विधेयक के पक्ष में अपना वोट दर्ज कराने के लिए एक पर्ची भरेंगे. स्लिप का हरा हिस्सा हां यानी समर्थन दर्शाता है, जबकि लाल हिस्सा नहीं दर्शाता है. इर पर्ची में सदस्यों को अपना नाम, आईडी नंबर, निर्वाचन क्षेत्र भरना होगा. सदस्यों को बिल के लिए अपना वोट दर्ज करने के लिए एक पर्ची भरनी होगी. जो लोग वोटिंग से अनुपस्थित रहना चाहते हैं वे पीली पर्ची मांग सकते हैं. एक बार जब सदस्य अपनी पर्चियां भर देंगे, तो सदन के अधिकारी गिनती के लिए पर्चियां एकत्र करेंगे.

7:08 PM (एक वर्ष पहले)

राहुल गांधी के OBC सेकेट्री वाले सवाल का अमित शाह ने दिया जवाब

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि जो लोग देश चलाते हैं, उनमें सिर्फ तीन ओबीसी हैं. अब इनकी समझ है कि देश सेक्रेट्री चलाते हैं, लेकिन मेरी समझ है कि देश सरकार चलाती है. उन्होंने कहा कि संविधान कहता है कि देश की नीतियों का निर्धारण इस देश की कैबिनेट करती है. अगर आपको आंकड़े चाहिए तो मैं बताता हूं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में 29 फीसदी यानी 85 सांसद ओबीसी कैटेगरी के है. अगर तुलना करनी है तो मैं बताता हूं कि 29 मंत्री भी OBC कैटेगरी के हैं. गृहमंत्री ने कहा कि बीजेपी के OBC एमएलए 1358 में से 365 यानी 27 फीसदी है. ये सभी ओबीसी का राग अलापने वालों से ज्यादा है. साथ ही कहा कि बीजेपी के OBC एमएलसी 163 में से 65 है. यानी 40 फीसदी है, जबकि विपक्ष के लोग तो 33 फीसदी की बात करते हैं.

7:02 PM (एक वर्ष पहले)

क्या है परिसीमन कमीशन? अमित शाह ने सदन में बताया

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह ने परिसीमन कमीशन को लेकर कहा कि ये हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया को निर्धारित करने वाली एक महत्वपूर्ण इकाई का कानूनी प्रावधान है. इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ट जज  करते हैं. इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि भी होते हैं. साथ ही अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि होते हैं. इसके कानून के तहत सभी मान्य राजनीतिक दलों के एक-एक सदस्य उस समिति के सदस्य होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक तहाई सीटों का रिजर्वेशन करना है तो ये कौन तय करेगा. उन्होंने कहा कि परिसीमन आयोग क्वासा ज्यूडिशयल हर राज्य में जाकर पारदर्शिता से इसका नीति निर्धारण करत है. अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने आज सोशल मीडिया पर भूमिका बनाना शुरू किया है. कुछ लोग कह रहे हैं कि इस विधेयक का समर्थन मत करो, क्योंकि इमसें ओबीसी, मुसलमानों का आरक्षण नहीं है. लेकिन मैं कहता हूं कि क्या आप समर्थन नहीं करोगो तो क्या जल्दी आरक्षण आ जाएगा. ये 2029 के बाद आएगा. अगर समर्थन कर दिया तो एक गारंटी हो गई. फिर जो सरकार आएगी, जो बदलाव करेगी वो भी शामिल होगा. एक बार श्रीगणेश तो करो.

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6:42 PM (एक वर्ष पहले)

देवगौड़ा से मनमोहन सिंह तक ने प्रयास किए तो पास क्यों नहीं हुआ बिल? अमित शाह ने पूछा सवाल

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह ने कहा कि समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनका सम्मान बढ़ाने के लिए हम ये बिल लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि मैं कुछ बातों का जवाब देना चाहूंगा. मैं किसी भी दल के खिलाफ बोलना नहीं चाहता. लेकिन ये ऐसा मौका है, जब ये संदेश देने की जरूत है कि महिलाओं के आरक्षण के लिए पूरा देश एकमत है. उन्होंने कहा कि ये संविधान संशोधन पांचवीं बार पेश हुआ है, इससे पहले 4 बार पेश हुआ था. लेकिन तब ऐसा क्या हुआ कि ये पास नहीं हो पाया. देवगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी ने प्रयास किया, लेकिन ये पास नहीं हुआ, आखिर ऐसी कौन सी वजह थी. क्या मंशा अधूरी थी या कुछ लोगों ने इसे पास नहीं होने दिया?
 

6:32 PM (एक वर्ष पहले)

अमित शाह ने सदन में क्यों किया मां दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी का जिक्र?

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह ने कहा कि दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी तीन स्वरूप हैं देवियों के. मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं, सरस्वती विद्या औऱ मां लक्ष्मी वैभव का स्वरूप हैं.इन तीनों स्वरूपों ने हमारे पुर्खों ने मां की ही कल्पना की है. उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी जड़े भारत से नहीं जुड़ी है. 

6:28 PM (एक वर्ष पहले)

'पॉलिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी', सदन में बोले गृहमंत्री शाह

Posted by :- Hemant Pathak

महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज दुनियाभर में विमान उड़ाने वाले पायलटों में महिलाओं की संख्या 5 फीसदी है, लेकिन भारत में 15 फीसदी है, ये पिछले 10 साल में हुआ है. उन्होंने कहा कि हम जो बिल लेकर आए हैं, कई महिला सांसदों ने कहा कि महिला को रिजर्वेशन देकऱ नीचा नहीं दिखाना चाहिए, क्योंकि महिला भी उतनी ही सशक्त है, जितने पुरुष. उन्होंने कहा कि महिला पुरुषों से ज्यादा सशक्त हैं, लेकिन समाज में ऐसी व्यवस्था बनी हुई है, इस आरक्षण से अब पॉ़लिसी मेकिंग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस देश में जो रहता है, जिसकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, वह महिलाओं को कमजोर समझने की गलती नहीं करेगा. 

6:22 PM (एक वर्ष पहले)

'कांग्रेस ने गरीबी हटाओ कहा, लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया', बोले अमित शाह

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह ने कहा कि जब मोदीजी इस देश के पीएम बने तब इस देश के 70 करोड़ लोगों को बैंक अकाउंट नहीं थे, पीएम मोदी ने ये जनधन योजना चालू की. इसके तहत बैंक अकाउंट खोले गए. इसके तहत 52 करोड़ खोले गए. इसमें 70 फीसदी अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए. आज सारी योजनाओं का पैसा महिलाओं के बैंक खातों में जाता है, कांग्रेस ने 5 दशक से ज्यादा शासन किया. 11 करोड़ परिवार ऐसे थे जहां शौचालय नहीं थे. गरीबी हटाओ के नारे दिए लेकिन गरीबों की कोई व्यवस्था नहीं की थी. लेकिन पीएम मोदी ने पहले साल के अंदर ही 11 करोड़ 72 लाख शौचालय बनाए. इससे महिलाओं का सम्मान हुआ. 

6:18 PM (एक वर्ष पहले)

'महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता है सरकार का संकल्प',  बोले अमित शाह

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देशभर में दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात में उन्होंने जागरूकता पैदा की. इससे लिंगानुपात में सुधार हुआ था. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई का फायदा ये हुआ कि एक ओऱ लिंगानुपात में सुधार हुआ, दूसरा गुजरात में प्राइमरी एजुकेशन में 37 फीसदी ड्ऱॉपआउट रेशो था, लेकिन जब मोदीजी प्रधानमंत्री बने तो ये ड्रॉपआउट रेशो घटकर 0.7 फीसदी रह गया. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए राजनीति नहीं, मान्यता औऱ संस्कृति का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण संविधान संसोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि ये महिलाओं के लिए सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता जिस दिन मोदीजी ने जिस दिन पीएम पद की शपथ ली, ये संकल्प सरकार का है. 
  
 

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6:05 PM (एक वर्ष पहले)

'महिला आरक्षण बिल मेरी पार्टी के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं', लोकसभा में बोले अमित शाह

Posted by :- Hemant Pathak

अमित शाह ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि ये पीएम मोदी के लिए मान्यता का सवाल है. अमित शाह ने कहा कि किसी सिद्धांत के लिए किसी व्यक्ति या संस्था का आकलन करना है, तो कोई एक घटना से फैसला नहीं हो सकता. अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया. तो उस वक्त उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढा़ई लिखाई के लिए दिया. इसके लिए कोई कानून नहीं था.

 

5:45 PM (एक वर्ष पहले)

राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया

Posted by :- Hemant Pathak

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया. इसके साथ ही उन्होंने सेंगोल के मामले में केंद्र सरकार को घेरा. राहुल गांधी ने कहा कि कल में चर्चा सुन रहा था. सेंगोल की चर्चा ही रही थी. उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों ने उनसे पूछा तो हमारे क्रांतिकारी नेताओं ने कहा कि हम जनता को सत्ता देंगे. वोट सत्ता ट्रांसफर का प्रतीक बन गया. पंचायती राज उस ओर एक कदम था. सब इस बात को मानते हैं कि महिलाओं को और जगह मिलनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं, लेकिन ये बिल कंप्लीट नहीं है. इसमें ओबीसी आरक्षण होना चाहिए था. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने सवाल पूछा कि जो 90 सेक्रेट्री है, जो कि हिंदुस्तान की सरकार चलाते हैं, इनमें से OBC कितने हैं, लेकिन मैं जवाब से हैरान रह गया. क्योंकि 90 में सिर्फ 3 ओबीसी सेक्रेट्री है. राहुल ने कहा कि इस बिल में ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए, वो मिसिंग है. अच्छी नई बिल्डिंग है, लेकिन इसके कार्यक्रम में देश की महिला राष्ट्रपति को भी होना चाहिए था. (इनपुट- मौसमी)

4:26 PM (एक वर्ष पहले)

'ओबीसी और मुस्लिम विरोधी है ये बिल', ओवैसी ने किया महिला आरक्षण विधेयक का विरोध

Posted by :- Hemant Pathak

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार केवल 'सवर्ण' महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है. इस बिल से ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर असर पड़ेगा. यह महिलाओं को धोखा देने वाला बिल है, ओबीसी विरोधी, मुस्लिम विरोधी बिल है. उन्होंने कहा कि इससे मुस्लिम महिलाएं इस बिल से पक्षपातपूर्व रवैए का शिकार होंगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ 'बड़े' लोगों के लिए सोच रही है. ये लोग नहीं चाहते कि 'छोटे' लोग इस सदन का नेतृत्व करें. ये बिल संसद में मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए दरवाजे बंद करने वाला है. उन्होंने कहा कि इस बिल से भविष्य में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व कमजोर होगा, जबकि 'सवर्णों' को बढ़ावा मिलेगा. ये देश के लिए घातक है. 

3:07 PM (एक वर्ष पहले)

डिंपल की मांग पर स्मृति ने किया पलटवार

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

डिंपल यादव ने मांग की थी कि महिला आरक्षण बिल में पिछड़े वर्ग और मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाए. इस पर स्मृति ईरानी ने पलटवार किया है. उन्होंने जवाब में कहा कि जो लोग अल्पसंख्यकों को महिला आरक्षण बिल में आरक्षण की मांग कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहती हूं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है. 

स्मृति ईरानी ने कहा, हमसे पूछा जा रहा है कि आप एससी और मुस्लिम आरक्षण क्यों नहीं देते? मुझसे ज्यादा अनुभवि लोग जो बिना इजाजत के बोल रहे हैं, उनको इस बात का आभास नहीं कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण वर्जित है. ये वो भारत, जहां पर लोगों के पास व्यवस्थाएं डिजिटली भी पहुंची हैं, इसलिए हमारे देश के नागरिक जिस प्रकार से विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है. उस भ्रम में न फंसे, इसलिए तथ्यों का रिकॉर्ड पर आना, उचित है. जो आज इस सभागार में बिना पीठ की अनुमति के आते ही एक शब्द का उचारण कर रहे हैं, इसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि देखी जाए, महिला के साथ विधानसभा में क्या आचरण करने का इतिहास है. आज ये महिला के आचरण पर टिप्पणी न करें. राष्ट्र सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हुए नारी शक्ति वंधन को समर्थन देता है. राष्ट्र की महिलाओं के संवैधानिक विकास में आप रोड़ा न बनें, तो राष्ट्र कृतज्ञ रहेगा. जिन लोगों ने इसे जुमला कहा. कहा कि हम चिट्ठियां लिख रहे थे, इसलिए काम हुआ. वे ये बता रहे हैं कि आज देश में ऐसा पीएम है, आप उनके साथ पक्षपात करते रहे, इसके बावजूद उन्होंने आपके पत्र को पढ़ा, चर्चा की और संज्ञान लिया. 

2:42 PM (एक वर्ष पहले)

महुआ मोइत्रा ने ममता को 'मदर ऑफ बिल' बताया

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ममता बनर्जी को 'मदर ऑफ बिल' बताया. महुआ मोइत्रा ने कहा, ममता बनर्जी ने पहले से ही लोकसभा में महिलाओं को पर्याप्त जगह दी है, वे असल मायने में  'मदर ऑफ बिल'  हैं. मोइत्रा ने जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग की. उन्होंने कहा, महिलाओं को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए. 

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1:54 PM (एक वर्ष पहले)

अनुप्रिया पटेल ने कहा, कांग्रेस जब बिल लाई, तब ओबीसी के आरक्षण का जिक्र क्यों नहीं था

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पेटल ने कहा, विशेष सत्र में हम नए संसद भवन में प्रवेश कर चुके हैं. भारत सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. इसमें से आधी आबादी महिलाओं की है. लेकिन लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की आबादी चिंताजनक है. सरकार के तमाम सर्वेक्षण बताते हैं कि महिलाओं की आबादी लोकसभा और विधानसभा में काफी है. इसलिए महिला आरक्षण समय की जरूरत है. यह दुख की बात है कि यूएई और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने अपने लोकतंत्र में महिलाओं की आबादी 50% तक सुनिश्चित कर ली है. ऐसे में ये कदम उस दिशा में काफी अहम है. पंचायती राज में महिलाओं को भागीदारी मिली, तो महिलाओं ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करके दिखाया है. लोकतंत्र में महिलाओं को आगे लाना बहुत जरूरी है. ये बिल नया नहीं है, ये पुराना है. इसका इतिहास काफी पुराना है. सबसे पहले एचडी देवेगौड़ा की सरकार इसे लेकर आई थी. इसके बाद कई सरकारों ने प्रयास किया. 2003 में अटल जी की सरकार ने इसे लाने का प्रयास किया. 2010 में भी यूपीए सरकार ने इसे लाने की कोशिश की, लेकिन असफलता मिली. लेकिन इस बार मोदी सरकार इस बिल को लेकर आई है, हमें उम्मीद है कि इस बार हमें सफलता मिले. मैंने कई विपक्षी सांसदों को सुना कि एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं को इसमें शामिल किया जाए, ये मांग अनुचित नहीं है. महिलाओं अलग अलग पृष्ठभूमि से आती हैं ऐसे में उनका शिक्षा स्तर अलग अलग है. समाज को देखते हुए पिछड़े वर्ग से आने वाली महिलाएं ज्यादा हासिए पर हैं. मोदी सरकार के नेतृत्व में ओबीसी के हितों को साधने के लिए कई अहम फैसले हुए हैं. मुझे सहयोगी दलों के नाते भरोसा है कि पिछड़ी महिलाओं के हितों का ध्यान पीएम मोदी जरूर रखेंगे. मेरे मन में जिज्ञासा है कि 2010 में कांग्रेस ने इस बिल को पास कराया गया था, तब ओबीसी को आरक्षण का मुद्दा इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया था. अब मोदी सरकार इस बिल को लेकर आई है, तो क्या ये ओबीसी को लेकर आपका ख्याल नया नया है. मैंने एक और बात देखी है कि मेरे कई साथियों ने कहा कि 2024 का चुनाव है, सर्वदलीय बैठक में हमारे कई सारे साथी महिला आरक्षण की मांग कर रहे थे, लेकिन अब अजीब सी स्थिति है. अगर सरकार अभी बिल लेकर नहीं आती तो आप महिला विरोधी सरकार बताते, लेकिन अब बिल लेकर आए हैं, तो आप कह रहे हैं कि चुनाव को देखकर फैसला लिया गया. हर फैसले को चुनाव से जोड़कर नहीं देख सकते. अगर कोई बिल पास कराना है, तो इसकी एक प्रक्रिया होती है, इसका पालन करना होता है. हमारे पास जनगणना के आंकड़े पुराने हैं, इसलिए हमें संविधानिक प्रक्रिया का पालन करना होगा.  इसके बाद एडिशनल सीट ऐड हो सकती हैं. 

1:40 PM (एक वर्ष पहले)

महिला आरक्षण पर आज जवाब दे सकते हैं अमित शाह

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम को महिला आरक्षण बिल पर जवाब दे सकते हैं.   

1:25 PM (एक वर्ष पहले)

बीजेपी ने व्हिप किया जारी

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

बीजेपी ने अपने लोकसभा सांसदों ने व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है. बीजेपी का कहना है कि अगर महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग की नौबत आती है, तो सभी मौजूद रहें और बिल पास हो सके. 

1:19 PM (एक वर्ष पहले)

डिंपल यादव ने कहा- ससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को शामिल करे

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सपा की हमेशा मांग रही है कि इसमें एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया जाए. जब बीजेपी सरकार का 1 दशक पूरा होने जा रहा है, अब सरकार को महिलाओं की याद आई है. मेरा सवाल है कि यह 2024 लोकसभा चुनाव में लागू हो पाएगा या नहीं. और 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव में यह लागू होगा या नहीं. सरकार कब जनगणना कराएगी. मेरा सवाल ये है कि क्या ये सरकार जातिगत जनगणना कराएगी. पीएम मोदी खुद बात करते हैं तीन तलाक की, अल्पसंख्यक महिलाओं को न्याय दिलाने की, मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बिल में मुस्लिम महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा. 

12:39 PM (एक वर्ष पहले)

जब संसद में बोलीं सोनिया गांधी, 'मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी...'

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: जब संसद में बोलीं सोनिया गांधी, 'मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी...'
 

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12:37 PM (एक वर्ष पहले)

बीएसपी ने कुछ मांगों के साथ किया महिला आरक्षण बिल का समर्थन

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

बीएसपी सांसद संगीता आजाद ने कहा, पीएम मोदी द्वारा नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पटल पर रखा गया. इसकी मांग दशकों से थी. बहुजन समाज पार्टी और मैंने भी महिला आरक्षण बिल को इस पटल पर रखा है. बसपा इस बिल का समर्थन करती है. आज बाबा साहेब और मान्यवर कांसीराम की ही सोच है कि हम जैसी महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में जाने का मौका मिला है. महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करने का मौका मिला है. ये बिल महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करता है और रुढ़िवादिता को खत्म करता है. इस विधेयक का हम समर्थन करते हैं, लेकिन हमारी कुछ मांगों को इसमें शामिल किया जाए. लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में 50% आरक्षण किया जाए. इसे राज्यसभा और विधानपरिषद में भी लागू किया जाए. विधेयक में एससी, एसटी और ओबीसी का भी कोटा शामिल किया जाए. जनगणना को भी जल्द से जल्द पूरा किया जाए. इस आरक्षण को जल्द से जल्द परिसीमन और जातिगत जनगणना कराकर लागू कराया जाए.

12:28 PM (एक वर्ष पहले)

आपको भय सता रहा है- जदयू

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा, आपने महिला आरक्षण का बिल यदि लाया है तो इसमें भी पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए. ये नारी शक्ति वंदन की बात कर रहे हैं, आप अपना वंदन कर रहे हैं, अपनी सत्ता का वंदन कर रहे हैं, कुर्सी का वंदन कर रहे हैं. आपने 2014 चुनाव में 15-15 लाख देने की बात कही और गृह मंत्री ने कहा कि ये तो जुमला है, चुनाव में ये सब चलता रहता है. 2024 के बाद आप कहिएगा कि अरे ये तो जुमला है. देश की जनता आपको जान गई है, आपके झांसे में नहीं आने वाली है. आपको भय सता रहा है, आपका ये भय 26 पार्टियों के एकजुट होने से है. इसलिए आप ये चुनावी जुमला लेकर आए हैं.

12:24 PM (एक वर्ष पहले)

जदयू बोली- ये 2024 का सबसे बडा़ जुमला

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन सिंह) ने कहा, हम इसका समर्थन करते हैं, क्योंकि हम महिला सशक्तिकरण का समर्थन करते हैं. सरकार की मंशा महिलाओं को आरक्षण देने का नहीं है, यह इनका जुमला है. यह 2024 का सबसे बड़ा जुमला है. ये ऐलान इन्हें 26 पार्टियों के गठबंधन से डरकर करना पड़ा. अगर इनकी मंशा होती हो, ये 2021 में जातिगत जनगणना कराते. ये समय की मांग है कि जातिगत जनगणना कराई जाए. अगर जातिगत जनगणना कराई होती, तो आज महिला आरक्षण बिल पास हो जाता. इस देश की जनता आपको जान गई, आपके किसी जुमले पर उसे भरोसा नहीं है, विश्वास नहीं है. बिहार से सीखो, बिहार पहला राज्य है, जो 2005 में सरकार बनी, 2006 में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी, महिलाओं को 35% आरक्षण दिया. पीएम मोदी कल आंकड़ों की बात कर रहे थे, लेकिन आंकड़ा तो आपके पास 2019 से है. तब क्यों नहीं किया. लेकिन जब पटना, मुंबई और बेंगलुरु में बैठक हुई, तो घबराकर ये लोग इसे लाए.  इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से कोई लेना देना नहीं है. इस सरकार को सिर्फ कुर्सी से मतलब है.

12:15 PM (एक वर्ष पहले)

डीएमके ने बीजेपी पर राजनीति करने का लगाया आरोप

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, मुझे महिला आरक्षण विधेयक के बारे में बोलते हुए खुशी हो रही है. हमने सोचा था कि यह विधेयक हम सभी के एक-दूसरे का समर्थन करने और एक साथ खड़े होने से पारित हो जाएगा. लेकिन दुर्भाग्य से, भाजपा ने इसे भी राजनीति के अवसर के रूप में लिया है. महिला आरक्षण विधेयक भाजपा का चुनावी वादा है. फिर भी, कई नेताओं को इस विधेयक को लाने और इसे पारित करने का आग्रह करना पड़ा. 

12:01 PM (एक वर्ष पहले)

टीएमसी ने किया समर्थन

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

टीएमसी सांसद काकोली घोष ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं. पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र राज्य है, जहां महिला सीएम है. जबकि बीजेपी की 16 राज्यों में सरकार है, इसके बावजूद एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है. लोकसभा में टीएमसी की 40% महिला सांसद हैं. ममता बनर्जी राज्य में महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासनिक सेवाओं के प्रति लगातार जागरूक कर रही हैं. 

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11:46 AM (एक वर्ष पहले)

निशिकांत दुबे ने सुनाया 2011 में हुए हंगामे का किस्सा

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

निशिकांत दुबे ने कहा, 2009 में सांसद बनकर आया. राजनाथ से लेकर अनुराग ठाकुर के साथ काम करने का मौका मिला. 2010 में ये बिल पास हो गया, 2011 में ये लागू नहीं करना चाहते थे, लेकिन ये लेकर आए. जब बिल पेश किया जा रहा था. तब इनके सहयोगी दलों के सांसद को इसी बेल में इन कांग्रेस के सांसदों ने पीटा था. तब सबसे पहले सोनिया गांधी ने उनकी कॉलर पकड़ी थी और इनके साथ वाले सांसदों ने उन्हें पीटा था. तब मुलायम सिंह ने कहा था कि बीजेपी के सांसद नहीं होते, तो हमारा सांसद नहीं बचता है. 

11:31 AM (एक वर्ष पहले)

चर्चा में निशिकांत दुबे के बोलने पर कांग्रेस सांसदों का हंगामा

Posted by :- Prabhanjan Bhaduria

सोनिया गांधी के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी. हालांकि, उनके खड़े होने पर कांग्रेस सांसदों ने हंगामा किया और महिला सांसद से चर्चा का जवाब देने की मांग की. इस पर अमित शाह ने कहा कि क्या पुरुष महिलाओं की चिंता नहीं कर सकते. इसके बाद निशिकांत दुबे ने अपनी बात रखी. निशिकांत दुबे ने कहा कि उनकी मांग देवघर एम्स में भर्ती हैं, और उन्होंने फोन करके उनसे कहा है कि अगर सरकार उन्हें इस बिल पर चर्चा का मौका दे, तो वे जरूर अपनी बात रखें. 

निशिकांत दुबे ने कहा, हम बिल लाए तो कांग्रेस को दिक्कत है. कांग्रेस ने इस आरक्षण बिल का लालीपॉप बनाए रखा. महिलाओं को अधिकार मिलकर रहेगा. कांग्रेस ने अपने सरकार में आरक्षण क्यों नही दिया? मुझे लग रहा था कि सोनिया गांधी बोल रही थीं तो वे राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी. मैं उनका सम्मान करता हूं. इस बिल को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई तो वो हैं पश्चिम बंगाल की गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने. लेकिन आपने उनका एक बार भी जिक्र नहीं किया. 

निशिकांत दुबे ने कहा, जो गोल मारता है, वो उसी के नाम से जाना जाता है. ये बिल पीएम मोदी लेकर आए हैं, इसलिए उन्हीं का गोल माना जाएगा. इसमें क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं. 

11:27 AM (एक वर्ष पहले)

सोनिया गांधी बोलीं- मैं महिला आऱक्षण बिल का समर्थन करती हूं

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सोनिया गांंधी ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस महिला आऱक्षण बिल का समर्थन करती है, मैं इस बिल के समर्थन में खड़ी हुई हूं. यह मेरी जिंदगी का मार्मिक समय है. पहली बार निकाय चुनाव में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाला बिल मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी ही लाए थे. बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था, आज उसका नतीजा है कि आज देश भर के स्थानीय निकायों में हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं. राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पास होने के साथ ही वह पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. हमें इस बिल के पास होने की खुशी हैं, लेकिन एक चिंता भी है. मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि पिछले 13 साल से महिलाएं राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही हैं. अभी उनसे और इंतजार करने के लिए किया जा रहा है. 2 साल, 4 साल, 6 साल कितने साल का ये इंतजार हो. हमारी मांग है कि ये बिल तुरंत पास किया जाए. लेकिन जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था की जाए. सरकार को इसे पूरा करने के लिए जो कदम उठाने की जरूरत है, उसे उठाने चाहिए. इस बिल में देरी नहीं करना महिलाओं के लिए अन्याय होगा. 

 

11:11 AM (एक वर्ष पहले)

संसद की कार्यवाही शुरू

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संसद की कार्यवाही शुरू हो गई है. कानून मंंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के बारे में जानकारी दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ये संविधान संसोधन बिल है. उन्होंने बताया कि नए बिल के कानून बनने पर-

- लोकसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित रहेंगी.
- दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित रहेंगी. 
- राज्य विधानसभा में महिलाओं के 33% सीटें आरक्षित होंगी.
- यह आरक्षण 15 सालों के लिए लागू रहेगा. 15 साल बाद इसे बढ़ाना है यह संसद तय करेगी.  

10:49 AM (एक वर्ष पहले)

विपक्ष ने महिला आरक्षण बिल पर बुलाई बैठक

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10:41 AM (एक वर्ष पहले)

ये महिला बेवकूफ बनाओ बिल - संजय सिंह

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आप सांसद संजय सिंह ने कहा, देखिए ये निश्चित रूप से महिला आऱक्षण बिल नहीं है. ये महिला बेवकूफ बनाओ बिल है. जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, इन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया. ये एक और जुमला लेकर आए हैं. इसमें ये बिल 15 साल में पास होगा, 20 साल में पास होगा, या नहीं होगा, कुछ पता नहीं. अगर आप महिला आरक्षण बिल लागू करना चाहते हैं तो आप करिए आप इसके समर्थन में है, लेकिन इसें 2024 में लागू कीजिए. आप कह रहे हैं कि 2035 में लागू करेंगे 2040 में लागू करेंगे. 

10:36 AM (एक वर्ष पहले)

नई संसद में भाजपा ने झूठ से शुरू की पारी- अखिलेश

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10:34 AM (एक वर्ष पहले)

खड़गे ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल 

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ''पहले ही राज्यसभा में 2010 में हमने (महिला आरक्षण बिल) पास किया है, लोकसभा में किसी कारण बिल पास नहीं हुआ.  यह कोई नया विधेयक नहीं है. मेरा अंदाज़ा है कि ये लोग चुनाव की दृष्टि से ऐसा बोल रहे हैं, लेकिन इन्होंने कहा है जनगणना, परिसीमन होने के बाद सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए इसे लागू किया जाएगा इसमें समय लगेगा, जो विधेयक राज्यसभा में पास हुआ था ये उसे आगे बढ़ा सकते थे लेकिन इनकी मंशा कुछ और है. हम महिला आरक्षण बिल के पक्ष में हैं लेकिन जो कमियां हैं उन्हें दुरुस्त करना चाहिए.''

9:41 AM (एक वर्ष पहले)

विधानसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम

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लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है. इस लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं. बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है. इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं.

9:40 AM (एक वर्ष पहले)

लोकसभा में 181 सीटें हो जाएंगी

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महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला बिल लोकसभा में पेश हो चुका है. इस बिल में महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने की बात कही गई है. इसके तहत अब लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी. अभी 82 महिला सांसद हैं. शुरुआत में महिलाओं को 15 साल के लिए आरक्षण मिलेगा. 15 साल के बाद हालात को देखकर दोबारा फैसला लिया जाएगा. 

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