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गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में लहराया सोनिया गांधी और सोरोस का पोस्टर

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही सदन में कई मुद्दों को लेकर हंगामे का दौर देखने को मिल रहा है. INDIA गठबंधन की तरफ से अडानी मुद्दे को हवा दी जा रही है.

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संसद परिसर में सत्ता पक्ष का प्रोटेस्ट
संसद परिसर में सत्ता पक्ष का प्रोटेस्ट

संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) चल रहा है और सेशन की शुरुआत से सदन में अडानी और सोरोस सहित कई मुद्दों को लेकर हंगामे का दौर देखने को मिल रहा है. INDIA गठबंधन की तरफ से अडानी मुद्दे को हवा दी जा रही है. बुधवार को कांग्रेस सांसदों ने सत्ता के पक्ष के नेताओं को तिरंगा और गुलाब देकर प्रोटेस्ट किया था. इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी अडानी की फोटो छपे बैग के साथ परिसर पहुंचे थे.

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अब, भारतीय जनता पार्टी, सोरोस मुद्दे को लेकर संसद में प्रोटेस्ट शुरू किया है. बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद परिसर में सोनिया और सोरेस का पोस्टर लहराया है.

वहीं, विपक्ष की तरफ से भी संसद परिसर में प्रोटेस्ट हो रहा है. विपक्षी सांसदों ने 'देश बिकने नहीं देंगे' नारे के साथ संसद में विरोध प्रदर्शन किया है.

protest in parliament

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बीजेपी ने 9 दिसंबर को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भारत को कथित तौर पर अस्थिर करने के लिए जॉर्ज सोरोस जैसी 'अंतरराष्ट्रीय ताकतों' के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. सोरोस हमेशा से कॉन्स्पिरेसी थ्योरीज के केंद्र में रहे हैं. 

कौन हैं जॉर्ज सोरोस, जिनके नाम पर खेल रही बीजेपी?

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जॉर्ज सोरोस का जन्म 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था. उनकी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब हंगरी में यहूदियों को मारा जा रहा था, तब उनके परिवार ने झूठी आईडी बनवाकर जान बचाई थी. विश्व युद्ध खत्म होने के बाद जब हंगरी में कम्युनिस्ट सरकार बनी तो 1947 में वो बुडापेस्ट छोड़कर लंदन आ गए. यहां उन्होंने रेलवे कुली से लेकर एक क्लब में वेटर का काम भी किया. इसी दौरान उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की.

साल 1956 में वो लंदन से अमेरिका आ गए. यहां आकर उन्होंने फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखा और अपनी किस्मत बदली. इसके बाद, 1973 में उन्होंने 'सोरोस फंड मैनेजमेंट' लॉन्च किया. उनका दावा है कि अमेरिकी इतिहास में उनका फंड सबसे बड़ा और कामयाब इन्वेस्टर है. सोरोस ने 1979 से अपनी संपत्ति से दान देना शुरू किया. उन्होंने पहली बार रंगभेद का सामना कर रहे ब्लैक अफ्रीकी छात्रों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दी.

जॉर्ज सोरोस ने तीन शादियां की हैं. 1960 में उन्होंने एनालिसे विश्चेक से शादी की थी. एनालिसे जर्मनी की प्रवासी थीं, जो विश्व युद्ध के दौरान अनाथ हो गई थीं. सोरोस और एनालिसे के तीन बच्चे हैं. हालांकि, ये शादी ज्यादा नहीं चली और उन्होंने तलाक ले लिया. एनालिसे से तलाक के बाद 1983 में जॉर्ज सोरोस ने सुसेन वीबर से शादी की. इनसे उन्हें दो बच्चे हुए. 2005 में सोरोस और सुसेन का तलाक हो गया. 2008 में सोरोस की मुलाकात तामिको बोल्टन से हुई. दोनों ने अगस्त 2012 में शादी की. तामिको जापानी-अमेरिकी हैं. उनकी परवरिश कैलिफोर्निया में ही हुई है. 

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