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जगनमोहन के कार्यकाल में 219 मंदिरों को किया गया अपवित्र... तिरुपति विवाद के बीच पवन कल्याण का दावा

पवन कल्याण ने टीटीडी स्वामी प्रसादम में मिलावट मामले को गंभीरता से उठाया, वाईएसआरसीपी शासनकाल की आलोचना की और सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि धर्म के अपमान पर कार्रवाई होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.

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पवन कल्याणा
पवन कल्याणा

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम स्वामी प्रसादम में मिलावट की खबरें सामने आने के बाद बवाल मची है. इस मामले पर चंद्रबाबू नायडू सरकार के सहयोगी पवन कल्याण ने कहा कि इनसे भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं. इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति या आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने का यह कोई समय नहीं है. पवन कल्याण ने इस मामले पर अपनी बात रखते हुए वाईएसआरसीपी सरकार की आलोचना की.

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जन सेना के प्रमुख पवन कल्याण ने बताया कि जब वाईएसआरसीपी शासनकाल में टीटीडी बोर्ड का गठन किया गया था, तब मंदिरों में पूजाओं की व्यवस्था में कई बदलाव किए गए थे. उन्होंने एक श्रीवारी ट्रस्ट की स्थापना की और 10,000 रुपये की टिकटें भी जारी कीं.

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300 से अधिक मूर्तियों का अपमान

पवन कल्याण ने यह भी आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी के शासनकाल में 219 मंदिरों का अपवित्रिकरण हुआ और 300 से अधिक मूर्तियों का अपमान हुआ. उन्होंने रानाथीर्थम घटना का उदाहरण दिया जब मूर्ति का सिर अपवित्र हो गया था. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म या पूजा स्थल की भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए.

इस लेवल के मिलाटक उम्मीद नहीं थी

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पवन कल्याण ने यह भी कहा कि प्रसादम में मिलावट की खबरें पहले भी आई थीं, लेकिन इस स्तर की मिलावट की उम्मीद नहीं थी. सबसे दुखद यह है कि राम मंदिर के लिए भेजे गए एक लाख लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया था. इससे पूरा देश स्तब्ध हो गया है.

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जरूरत पड़ने पर कराई जाए सीबीआई जांच

वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि यह सब राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है, लेकिन पवन कल्याण ने इसे गलत ठहराया और कहा कि धर्म के अपमान को सहन नहीं किया जा सकता. उन्होंने मांग की कि टीटीडी बोर्ड इस मामले की पूरी जिम्मेदारी ले और अगर जरूरत हो तो सीबीआई जांच कराई जाए. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या यही व्यवहार चर्च या मस्जिद के मामले में होता तो क्या जगन उसे सहज स्वीकार करते?

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