झारखंड में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को बड़ा झटका लगा है. जामा से पार्टी विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी ने मंगलवार को जेएमएम से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया. पार्टी सुप्रीमो और अपने ससुर शिबू सोरेन को भेजे इस्तीफे में उन्होंने कहा कि मेरे पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी ने परिवार को पर्याप्त सहयोग नहीं किया.
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने आजतक से बात करते हुए हेमंत सोरेन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'कारण तो बहुत सारे हैं. मैं पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी जी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने अपने विशाल परिवार में मुझे जगह दी है. मेरा मकसद भी बहुत बड़ा है क्योंकि मेरे स्वर्गीय पति के खून से सींची हुई यह पार्टी है. उनका बड़ा सपना था झारखंड को लेकर. हमने आज तक प्रयास किया कि हम झारखंडियों के लिए काम करें, लेकिन वो जगह हमें नहीं मिली.'
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झारखंड की जनता त्रस्त
हेमंत सोरेन पर लगे आरोपों पर सीता सोरेन ने कहा, 'कुछ ना कुछ ऐसा हुआ ही होगा, क्योंकि झारखंड में जमीन की लूट चरम पर है. वहां के लोग त्रस्त हैं. मैं भी कुछ नहीं कर पा रही थी. आज जिस जगह मैं पहुंची हूं, आने वाले दिनों में हम झारखंड में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. मेरे साथ बहुत कुछ हुआ. 14 साल मैंने पार्टी में काम किया लेकिन सम्मान के नाते मुझे पार्टी में कोई पोर्टफोलियो नहीं दिया गया और पार्टी से मुझे हमेशा अलग-थलग रखा गया. मैं बहुत डिस्टर्ब चल रही थी इसी वजह से मैंने आज बीजेपी ज्वॉइन की.'
जेएमएम बोली- उन्हें बहकाया गया
सीता सोरेन के इस्तीफे पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा, 'मुझे लगता है कि वह कहीं ना कहीं वह विरोधियों की चाल का शिकार हो रही हैं. उन लोगों ने सीता जी को बहकाया है और मुझे लगता है कि वह कहीं ना कहीं बहकावे में आ गई हैं. अभी भी ठंडे दिमाग से उन्हें विचार करना चाहिए. पार्टी और परिवार से बड़ा कुछ नहीं होता है. किसी भी स्थिति और परिस्थिति में पार्टी नहीं छोड़नी चाहिए. इतिहास गवाह है जिन्होंने भी जेएमएम छोड़ी उनका राजनीतिक करियर दांव पर लग गया. ये तो परिवार की बहू हैं और सम्मानित विधायिका हैं.'
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सीता लंका से मुक्त हो गई- बीजेपी
वहीं सीता सोरने के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, 'घर की बड़ी बहू माता के सामान होती है. आज सीता सोरेन की जो पीड़ा देखी हमने उनके पत्र के माध्यम से, वो बिल्कुल मन को झकझोर देने वाला है. उन्होंने कहा कि बड़ी बहू के साथ अन्याय हो रहा है. उनके खिलाफ पार्टी के अंदर भी साजिश हो रही थी. उनके पति ने तो झारखंड आंदोलन में भी महती भूमिका निभाई थी. उनके साथ सौतेला व्यवहार मर्माहत करने वाला है और झारखंड मुक्ति मोर्चा के असली चेहरे को भी सामने लाता है.... मैं तो इतना ही कहूंगा कि आज सीता लंका से मुक्त हो गई.'