बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राजस्व और भूमि सुधार विभाग को जमीन के चल रहे सर्वे को समय पर पूरा करने और भूमि स्वामित्व के बारे में स्व-घोषणाओं (सेल्फ डिक्लरेशन) के लिए लोगों को अधिक समय देने का निर्देश दिया. विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुमार ने कहा कि लोगों को भूमि स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज जमा करते समय किसी कठिनाई का सामना नहीं करना चाहिए.
क्या बोले सीएम नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने कहा, 'चल रही भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया समय पर पूरी होनी चाहिए. लेकिन विभाग को भूमि स्वामियों को स्व-घोषणा जमा करने के लिए अधिक समय देना चाहिए. इसके अलावा, म्यूटेशन और जमाबंदी रजिस्टर जैसे अन्य कार्यों को समानांतर जारी रखा जाना चाहिए.वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य में चल रहे सर्वेक्षण कार्यों का नियमित निरीक्षण करना चाहिए.'
मुख्यमंत्री के ये निर्देश ऐसे समय में आए हैं जब यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार जमीन पर स्तर पर बाधाओं को देखते हुए सर्वेक्षण की समयसीमा बढ़ा सकती है. सरकार इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जुलाई 2025 की समय सीमा को लेकर चल रही है.
कहा- इससे कई मुद्दे हल होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा, विशेष सर्वेक्षण और निपटान का मुख्य उद्देश्य राज्य में भूमि विवादों के मामलों को कम करना है. सरकार ने भूमि विवादों के मामलों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं.बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल, बिजली मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और मुख्य सचिव अमृत लाल मीना भी उपस्थित थे.
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जानें क्या है भूमि सर्वे
दरअसल, बिहार सरकार ने जमीन से जुड़े विवाद को खत्म करने के लिए सर्वे का फैसला लिया था. 20 अगस्त से जमीन का सर्वे शुरू किया गया है.
जमीन सर्वे के लिए क्या करना होगा?
जमीन के सर्वे के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, इस दौरान इन नियमों को पालन करना होगा. वहीं, सर्वे के वक्त कुछ कागजात तैयार रखने होंगे, जो इस तरह हैं.
जमीन की रसीद (किसी के भी नाम हो), रजिस्ट्री की कॉपी, जमीन का नक्शा, जमीन के लिए सेल्फ डेक्लेरेशन पत्र देना होगा. मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि/मृत्यु प्रमाण पत्र, जमाबंदी संख्या की विवरणी/मालगुजारी, रसीद संख्या वर्ष के साथ खतियान का नकल (यदि उपलब्ध हो), दावाकृत भूमि से संबंधित दस्तावेजों की विवरणी, अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो तो आदेश की ओरिजिनल कॉपी, आवेदनकर्ता या हित अर्जन करने वाले का यानी मृतक का वारिस के संबंध में प्रमाण पत्र (आप सही वारिस हैं, आप ही के नाम पर जमीन होनी चाहिए. उसके लिए प्रमाण पत्र देना है.), आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटो कॉपी, आवेदनकर्ता के वोटर आईडी कार्ड की कॉपी.