तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को एक आतंकी संगठन बता दिया है. कहा गया है कि तमिलनाडु में इस संगठन की सक्रियता बढ़ती जा रही है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि PFI जैसे संगठन देश के विकास के खिलाफ हैं. ये संगठन सिर्फ शांति भंग करने का काम करते हैं. अब PFI पर ये हमला उस समय किया गया है कि जब डीजीपी कॉन्फ्रेंस में भी उसी संगठन पर कई तरह के आरोप लगाए गए.
राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि देश में कई ऐसे संगठन हैं जो भारत के विकास से असहज हो जाते हैं. ये शांति और विकास के खिलाफ काम करते हैं. PFI भी ऐसा ही आतंकी संगठन है. इसकी तरफ से शांति भंग करने के कई प्रयास किए गए हैं. इसे विदेशी ताकतों से फंड मिलता है, अतंरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के साथ इसके कनेक्शन है. अफसोस की बात ये है कि अब तमिलनाडु में भी PFI ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. इनकी हिम्मत तो इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि जब सरकार ने इन्हें बैन कर दिया, कई बम धमाके किए गए. कोयंबतूर में भी हुए हमले से सिद्ध हो गया कि PFI के इंटरनेशनल आतंकियों से संपर्क है.
अब राज्यपाल की तरफ से तो PFI पर निशाना साधा ही गया है, कुछ दिन पहले ही डीजीपी कॉन्फ्रेंस के दौरान भी सरकार को इस संगठन से सावधान किया गया. कॉन्फ्रेंस में दी गई रिपोर्ट में बतया गया कि सबसे ज्यादा रैडकलाइजेशन फैलाने वाला संगठन PFI है. अधिकारियों ने अपनी जांच में ये भी पाया है कि पाकिस्तान इस कट्टरपंथ को विस्तार देने में पूरी भूमिका निभा रहा है. उसकी तरफ से भारत में सक्रिय कट्टरपंथी संगठनों का पूरा समर्थन किया जा रहा है. ये भी जानकारी दी गई है कि पिछले कुछ समय में कई युवा गल्फ देशों में चले जाते हैं. फिर वहां से पैसे तो लाते ही हैं, साथ में वो कट्टरपंथ वाली विचारधारा भी लेकर आते हैं जिस वजह से देश में रेडिकलाइजेशन बढ़ता है.