तेलंगाना (Telangana) में मेडिकल स्टोर्स से एक ऐसी कंपनी की दवाएं पाई गई हैं, जिसका वास्तव में कोई अस्तित्व ही नहीं है. Meg Lifesciences नाम की इस कंपनी के नाम से बिक रही नकली दवाइयों में चाक पाउडर और स्टार्च पाया गया है. इन दवाइयों को सूबे के ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (DCA) के द्वारा जब्त कर लिया गया है, जिनकी कीमत तैंतीस लाख रुपए से ज्यादा है. ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड में सामने आया है. जानकारी के मुताबिक यहां से बनी दवाएं हैदराबाद भी सप्लाई की जाती थीं. मामले में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने लोकप्रिय दवाओं के नकली वर्जन बनाने की बात भी कुबूल की है.
उत्तराखंड में चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब अधिकारियों ने सूबे में एक फार्मास्युटिकल फैक्ट्री नेक्टर हर्ब्स एंड ड्रग्स (Nectar Herbs and Drugs) का भंडाफोड़ किया. यह कंपनी तेलंगाना में चाक पाउडर युक्त नकली दवाएं बेच रही थी. Cipla और GlaxoSmithKline जैसी जानी-मानी कंपनियों के लेबल होने के बावजूद, दवाएं नकली पाई गईं. जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में बनी नकली दवाएं हैदराबाद भी भेजी गईं.
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दो राज्यों के अधिकारियों चलाया ऑपरेशन
तेलंगाना के ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने हैदराबाद पुलिस के साथ मिलकर इस फर्जी ऑपरेशन के पीछे के एक बड़े इंटरस्टेट नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया. आरोपी ने लोकप्रिय दवाओं के नकली वर्जन बनाने और उन्हें कई राज्यों में सप्लाई करने की बात कुबूल की है.
हैदराबाद के मलकपेट इलाके में एक छापे के बाद, बड़ी मात्रा में नकली दवाएं जब्त की गईं, इसमें ऑपरेशन के पीछे के मास्टरमाइंड सहित पांच व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई. 'ऑपरेशन जय' नाम के अभियान के तहत की गई कार्रवाई का उद्देश्य ऐसी नापाक गतिविधियों पर लगाम लगाना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है.