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चीन से बाकी बातें बेकार, मार्च 2020 वाली स्थिति बहाल करने पर हो बात: राहुल गांधी

लद्दाख सीमा पर पिछले चार महीने से भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसे कम करने के लिए गुरुवार को पहली बार भारत और चीन के विदेश मंत्री आमने-सामने आए.

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चीन मामले में राहुल गांधी ने साधा निशाना (फाइल फोटो)
चीन मामले में राहुल गांधी ने साधा निशाना (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन मुद्दे पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
  • अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने का लगाया आरोप
  • चीन से मार्च 2020 वाली स्थिति बहाल करने की दी नसीहत

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चल रहे तनाव के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि चीन के साथ सिर्फ एक मुद्दे पर बात हो. मार्च 2020 वाली स्थिति फिर से बहाल करने पर. प्रधानमंत्री और भारत सरकार, चीन को अपनी जमीन से बाहर फेंकने की जिम्मेदारी से पीछे हट गए हैं. इसलिए बाकी बातचीत बेकार है. 

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उन्होंने लिखा, 'चीन से सिर्फ मार्च 2020 वाली स्थिति फिर से बहाल करने पर बात हो. प्रधानमंत्री और भारत सरकार, चीन को अपनी जमीन से पीछे धकेलने की जिम्मेदारी से पीछे हट गए हैं. और किसी तरह की बातचीत बेकार है.'

राहुल चीन मुद्दे को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमले बोल रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस सांसद ने शुक्रवार सुबह अपने ट्वीट में लिखा, "चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया. भारत सरकार इसे वापस हासिल करने की योजना बना रही है? या फिर इसे भी एक "दैवीय घटना बताकर छोड़ा जा रहा है." 

बता दें, लद्दाख सीमा पर पिछले चार महीने से भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसे कम करने के लिए गुरुवार को पहली बार भारत और चीन के विदेश मंत्री आमने-सामने आए. रूस में शंघाई सहयोग संगठन से इतर हुई इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के सामने बॉर्डर की स्थिति को रखा और दो टूक कहा कि चीन को बॉर्डर से अपने बढ़ती सैनिकों की संख्या को कम करनी चाहिए.

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सूत्रों की मानें, तो भारत ने चीन के सामने बॉर्डर पर चीनी सैनिकों का मसला उठाया. साथ ही कहा कि 1993-1996 में जो भी समझौते हुए ये उसका उल्लंघन है’. भारत ने साथ ही ये भी कहा कि चीन ने इतने सैनिकों की तैनाती क्यों की है, इसका जवाब नहीं मिला है. 

दूसरी ओर चीनी विदेश मंत्री वांग यी की ओर से भी बॉर्डर पर शांति की बात कही गई, जबकि कहा गया कि सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ जैसी घटनाएं माहौल को बिगाड़ने का काम कर सकती हैं. चीन की ओर से बॉर्डर से सैनिकों को हटाने की बात कही गई.

हालांकि, इस बातचीत से इतर भारत अभी भी अपने उसी प्रस्ताव पर अडिग है, जिसमें वह अप्रैल से पहले की स्थिति को बॉर्डर पर लागू करना चाहता है. सूत्रों का कहना है कि बातचीत के बाद पहला लक्ष्य सीमा से सैनिकों की संख्या को घटाना है, जिसे दोनों देशों को तुरंत लागू करना होगा. 

 

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