दक्षिणी कुवैत में बुधवार को मजदूरों के आवास वाली एक इमारत में लगी भीषण आग में 49 लोगों की मौत हो गई और 30 गंभीर रूप से घायल हैं. मृतकों में 40 भारतीय शामिल हैं. अधिकांश लोग केरल और तमिलनाडु के बताए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग की घटना को दुखद बताया और कहा कि कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने अधिकारियों संग रिव्यू मीटिंग भी की. पीएमओ ने बताया कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, "कुवैत शहर में आग की दुर्घटना दुखद है. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और प्रभावितों की सहायता के लिए वहां के अधिकारियों के साथ काम कर रहा है."
घटना के बाद कुवैत में भारत के राजदूत आदर्श स्वैका ने भारतीय नागरिकों की हालत जानने के लिए तुरंत घटनास्थल और अस्पतालों का दौरा किया. दूतावास इस घटना में घायल हुए भारतीय नागरिकों की सहायता करने और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है. दूतावास को कुवैती अधिकारियों से पूरा सहयोग मिल रहा है.
कांग्रेस ने आग लगने से हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया और विदेश मंत्रालय से भारतीय पीड़ितों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आग्रह किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कुवैत में हुई भयानक त्रासदी से दुखी हूं, जहां कई भारतीय मजदूरों की जान चली गई है और कई घायल बताए जा रहे हैं. पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं. हम विदेश मंत्रालय से पीड़ितों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आग्रह करते हैं."
पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं: खड़गे
भयावह खबर से स्तब्ध और दुखी हूं: राहुल गांधी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी घटना में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया. गांधी ने एक्स पर कहा, "कुवैत शहर में आग लगने से 40 से अधिक भारतीयों की मौत की भयावह खबर से स्तब्ध और दुखी हूं. मेरी गहरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मध्य पूर्व में हमारे श्रमिकों की स्थिति चिंता का गंभीर विषय है. भारत सरकार को अपने समकक्षों के साथ मिलकर काम करते हुए अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करना चाहिए."
पीड़ितों से संबंधित जानकारी जुटा रहे हैं: तमिलनाडु सरकार
तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि कुवैत में आग लगने की घटना में मारे गए लोगों में तमिल भी शामिल थे या नहीं. अगर तमिल भी घायल हुए हैं, तो उनके बारे में जानकारी प्राप्त करके आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जानी चाहिए, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गैर-निवासी तमिलों के पुनर्वास और कल्याण आयुक्तालय को निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार, आयुक्तालय कुवैत में भारतीय दूतावास और तमिल संघों के साथ संपर्क करके तमिलों को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है. इसके अलावा, अधिकारियों ने राज्य सरकार की सहायता प्राप्त करने के लिए आयुक्तालय के हेल्पलाइन नंबर +91 1800 309 3793 (भारत के भीतर) और +91 80 6900 9900, +91 80 6900 9901 (विदेश से कॉल के लिए) उपलब्ध कराए हैं.
बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भी दुख व्यक्त किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कुवैत की एक इमारत में लगी भीषण आग में कई भारतीयों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने दिल्ली में मुख्य सचिव और रेजिडेंट कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे कुवैत में मौजूद पश्चिम बंगाल के लोगों की स्थिति जानने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क करें. उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, "कुवैत में लगी भीषण आग की घटना के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा है, जिसमें पहले ही 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. मैंने दिल्ली में अपने मुख्य सचिव और रेजिडेंट कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे कुवैत में पश्चिम बंगाल मूल के लोगों की भलाई के बारे में जानने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहें और आपात स्थिति के आधार पर सभी उचित कदम उठाएं."
केरल सीएम ने विदेश मंत्री जयशंकर को लिखा पत्र
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर कुवैत में आग लगने की घटना में केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की, जिसमें कई मलयाली लोगों सहित 40 से अधिक लोगों की जान चली गई. इस घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए विजयन ने इस त्रासदी में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया. जयशंकर को लिखे अपने पत्र में विजयन ने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कुवैत सरकार से संपर्क करके राहत और बचाव कार्यों का समन्वय करने के लिए भारतीय दूतावास को आवश्यक निर्देश दें."